NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मुज़फ़्फ़रपुर आई हॉस्पिटल कांडः कार्रवाई न होने पर निकाला गया आक्रोश मार्च, आंदोलन का ऐलान
बिहार सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं ने मुज़फ़्फ़रपुर में गुरुवार को आक्रोश मार्च निकाला और अस्पताल प्रबंध समेत जिम्मेदार लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही कहा कि अगर दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Dec 2021
 Eye Hospital incident
फोटो साभार : दैनिक भास्कर

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित आई हॉस्पिटल कांड के एक महीना गुजर जाने के बाद उचित कार्रवाई न होने को लेकर बिहार सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं ने मुजफ्फरपुर में गुरुवार को आक्रोश मार्च निकाला और अस्पताल प्रबंध समेत जिम्मेदार लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही कहा गया कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।

ज्ञात हो कि पिछले महीने मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान अस्पताल में हुई लापरवाही के चलते करीब 15 लोगों की आंखें निकाली गई थी। इस मामले को हुए एक माह का समय बीत गया है लेकिन इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। हालांकि इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया था।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार बिहार सिविल सोसाइटी के संस्थापक आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने कहा कि हमारी नौ सूत्री मांगे हैं। इनमें एक मांग है कि हॉस्पिटल को सरकारी अस्पताल घोषित किया जाए। इसे सरकार अपने स्तर से चलाए। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर तिरहुत प्रमंडलीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर इसपर कोई कार्रवाई नहीं कि गयी तो व्यापक पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।

बता दें कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को यानी एक दिन में 65 लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया गया था। इसमे से 15 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी थी। जबकि 25 लोगों की आंखों की रौशनी चली गयी थी। जिनका इलाज पहले मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच फिर पटना स्थित आईजीएमएस में किया गया। इस मामले में सिविल सर्जन के बयान पर ब्रह्मपुरा थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया था। जिसमें अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों को आरोपी बनाया गया था। लेकिन, इस मामले में आगे कार्रवाई नहीं हो सकी। क्योंकि जांच टीम ने डॉक्टरों को क्लीन चिट दे दी थी। ऑपरेशन थिएटर के दो टेबल पर संक्रमण की बात लैब टेस्ट में सामने आई थी। लेकिन, यह संक्रमण किसके कारण फैला, इस बिंदु पर आगे जांच नहीं हुई।

ज्ञात हो कि मुजफ्फरपुर का ये आई हॉस्पिटल एक ट्रस्ट द्वारा संचालित है। इसने कैंप लगाकर गरीब लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरती गई जिसके चलते इन गरीब लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ी।    

Bihar
muzaffarpur
Eye Hospital incident
Cataracts operation

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • Uttarakhand elections
    न्यूज़क्लिक टीम
    उत्तराखण्ड चुनाव: दस साल पहले प्रस्तावित सैनिक स्कूल का इंतज़ार जारी
    12 Feb 2022
    शुक्रवार 11 फरवरी को प्रधानमंत्री ने उत्तरखंड के अल्मोड़ा जिले में एक चुनावी रैली की जिसमे उन्होंने राज्य में नए सैनिक स्कूल बनाने पर जोर दिया। मोदी ने कहा" हमारे देश में बहुत कम संख्या में सैनिक…
  • pension
    मनजीत सिंह पटेल
    एनपीएस की जगह, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग क्यों कर रहे हैं सरकारी कर्मचारी? 
    12 Feb 2022
    उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनावों में भी, एनपीएस की चिंता प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है, समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश यादव ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी…
  • Punjab
    भाषा
    पंजाब चुनाव में 25 फीसदी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला : रिपोर्ट
    12 Feb 2022
    एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) से संबद्ध पंजाब इलेक्शन वाच (पीईडब्ल्यू) ने 20 फरवरी को होने वाले चुनाव में कुल 1,304 उम्मीदवारों में से 1,276 उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण…
  • Modi
    राजेंद्र शर्मा
    बैठे-ठाले: न होता यूं तो क्या होता!
    12 Feb 2022
    अपने राज में जो हुआ है, उस पर सवालों के जवाब के देने के लिए, मोदी जी ने जब से यह सवाल उठाने का रास्ता अपनाया है कि विरोधी नहीं होते तो क्या-क्या होता, नहीं होता, तब से विश्व गुरु कुर्सी ने खुद दौड़कर…
  • Protest
    ऋषि राज आनंद
    बार-बार धरने-प्रदर्शन के बावजूद उपेक्षा का शिकार SSC GD के उम्मीदवार
    12 Feb 2022
    एसएससी जीडी के तहत 60,000 की संख्या में रिक्तियों की घोषणा के बावजूद 30% पद ख़ाली हैं। लेकिन सरकार उन्हें भरने के लिए कदम उठाती नज़र नहीं आ रही।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License