NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामला : दोषी ने निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायाल में चुनौती दी
याचिका में आरोप लगाया गया है कि रोशन के साथ शुरूआत में 14 जून 2018 तक सूचना देने वाले पक्ष के गवाह की तरह व्यवहार किया गया, लेकिन बाद में उच्च स्तरीय एक साजिश के चलते उसे मुख्य गवाह से आरोपी बना दिया गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Dec 2020
मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह मामला

दिल्ली:  बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले जिसने देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था। उस मामले में अभी पीड़ितों को न्याय नहीं मिला सका है। हालांकि निचली अदालत ने दोषियों को सज़ा का एलान किया लेकिन उन दोषियों में शामिल एक व्यक्ति ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।

मामले के दोषियों में शामिल जिला बाल संरक्षण इकाई के एक संरक्षण अधिकारी ने निचली अदालत में उसे दोषी करार दिये जाने और उम्र कैद की सजा को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया।

उल्लेखनीय है कि निचली अदालत ने मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 19 लोगों को इस साल 20 जनवरी को दोषी करार दिया था।

अदालत ने उन्हें यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अलावा आपराधिक साजिश, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, शारीरिक चोट पहुंचाने, बलात्कार के लिए उकसाने संबंधी भारती दंड संहिता की संबद्ध धाराओं और पॉक्सो अधिनयिम, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 तथा पॉक्सो अधिनियम के तहत कोई अपराध आयोग को रिपोर्ट करने में नाकाम करने को लेकर दोषी करार दिया था।

इसके बाद,11 फरवरी को निचली अदालत ने दोषियों को न्यूनतम तीन साल से लेकर विभिन्न अवधि की कैद की सजा सुनाई थी। कैद की अधिकतम सजा शेष जीवन के लिए उम्र कैद की सुनाई गई थी।

मामले के दोषियों में शामिल रवि रोशन ने अधिवक्ता ए पी सिंह के मार्फत दायर याचिका के जरिए अपनी दोष सिद्धि और उम्र कैद की सजा के फैसले को चुनौती दी है।

उसने याचिका में दावा किया है कि निचली अदालत ने महज शिकायतकर्ताओं के बयान के आधार पर उसे दोषी करार दे दिया और सजा सुनाई तथा मामले के तथ्यों पर सोच-विचार नहीं किया गया।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि रोशन के साथ शुरूआत में 14 जून 2018 तक सूचना देने वाले पक्ष के गवाह की तरह व्यवहार किया गया, लेकिन बाद में उच्च स्तरीय एक साजिश के चलते उसे मुख्य गवाह से आरोपी बना दिया गया।

गौरतलब है कि इस मामले में बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को भी उस वक्त आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जब ये आरोप लगाये गये थे कि उनके पति का संबंध ब्रजेश ठाकुर से था। इस ममले में मंत्री की भी संलिप्ता के आरोप लगे थे। इसके बाद भारी जनदबाव की वजह से वर्मा ने आठ अगस्त 2018 को पद से इस्तीफा दे दिया था।

नीतीश सरकार ने पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रकांत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। वास्तव में दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की ऐसी तमाम घटनाओं पर जब तक मामला सियासी रूप से गर्म होता है, चर्चा होती रहती है और फिर उन्हें नजरअदांज कर दिया जाता है।
 
हालांकि सत्ताधारी दल जेडीयू और उसके मुखिया नीतीश कुमार ने उन्हें अगले चुनाव में फिर टिकट दिया परन्तु जनता ने उन्हें चुनाव हरा दिया। इस ममले को लेकर कई बार लोगों ने कहा की इसमें बड़े राजनीतिक लोग आरोपी हैं परन्तु अभी तक किसी भी बड़े राजनेता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।  

यह मामला सात फरवरी 2019 को मुज़फ़्फ़रपुर की एक स्थानीय अदालत से दिल्ली के साकेत जिला अदालत परिसर में स्थित एक पॉक्सो कोर्ट को भेजा गया था।

गौरतलब है कि यह मामला 26 मई 2018 को उस समय  प्रकाश में आया था जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंप कर बालिका गृह में लड़कियों का कथित यौन उत्पीड़न किये जाने का जिक्र किया था। जिसके बाद इस मामले में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर द्वारा  चलाए जा रहे एनजीओ के अंतर्गत मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण का मामला मई 2018 में सामने आया। जिसके बाद बिहार समाज कल्याण विभाग ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई  थी।

इस मामले में नीतीश सरकार की लापरवाही गंभीर सवाल खड़े किए थे। इस तरह के मामलों में सरकार की हीलाहवाली महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में इजाफा ही कर रही है। ये घटना हमारे देश में महिला सुरक्षा की नाकामी और कानून व्यवस्था की शर्मनाक छवि का ही उदाहरण है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

muzaffarpur
MUZAFFARPUR SHELTER HOME CASE
Bihar
rape case

Related Stories

पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

बिहार शेल्टर होम कांड-2: युवती ने अधीक्षिका पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- होता है गंदा काम

असम: बलात्कार आरोपी पद्म पुरस्कार विजेता की प्रतिष्ठा किसी के सम्मान से ऊपर नहीं

बिहारः पांच वर्ष की दलित बच्ची के साथ रेप, अस्पताल में भर्ती

राजस्थान: रेप के आरोपी ने दोस्तों के साथ मिलकर दलित लड़की पर चाकू से किया हमला


बाकी खबरें

  • भाषा
    हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा
    02 Jun 2022
    भाजपा में शामिल होने से पहले ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे और एक ‘‘नए अध्याय’’ का आरंभ करेंगे।
  • अजय कुमार
    क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?
    02 Jun 2022
    सवाल यही उठता है कि जब देश में 90 प्रतिशत लोगों की मासिक आमदनी 25 हजार से कम है, लेबर फोर्स से देश की 54 करोड़ आबादी बाहर है, तो महंगाई के केवल इस कारण को ज्यादा तवज्जो क्यों दी जाए कि जब 'कम सामान और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 
    02 Jun 2022
    दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद केरल और महाराष्ट्र में कोरोना ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। केरल में ढ़ाई महीने और महाराष्ट्र में क़रीब साढ़े तीन महीने बाद कोरोना के एक हज़ार से ज्यादा मामले सामने…
  • एम. के. भद्रकुमार
    बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव
    02 Jun 2022
    एनआईटी ऑप-एड में अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्दों का उदास स्वर, उनकी अड़ियल और प्रवृत्तिपूर्ण पिछली टिप्पणियों के ठीक विपरीत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    नर्मदा के पानी से कैंसर का ख़तरा, लिवर और किडनी पर गंभीर दुष्प्रभाव: रिपोर्ट
    02 Jun 2022
    नर्मदा का पानी पीने से कैंसर का खतरा, घरेलू कार्यों के लिए भी अयोग्य, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, मेधा पाटकर बोलीं- नर्मदा का शुद्धिकरण करोड़ो के फंड से नहीं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट रोकने से…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License