NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यूरोप
रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच, नॉर्वे में नाटो का सैन्य अभ्यास कितना महत्वपूर्ण?
हालांकि यूक्रेन में युद्ध जारी है, और नाटो ने नॉर्वे में बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है, जो अभ्यास ठंडे इलाके में नाटो सैनिकों के युद्ध कौशल और नॉर्वे के सैन्य सुदृढीकरण के प्रबंधन की जांच करने के लिए आयोजित किया गया है।
प्रियंका शंकर
19 Mar 2022
Translated by महेश कुमार
EUROPE
नॉर्वे में नाटो के सैन्य अभ्यास पर रूस की क्या प्रतिक्रिया होगी?

जैसे ही यूक्रेन पर रूस का हमला इस सप्ताह नाटो क्षेत्रों के करीब पहुंचा, नाटो गठबंधन ने नॉर्वे में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। 

कड़ी ठंड में नाटो के जवाब की तैयारी की पृष्ठभूमि में 2022 में 27 देशों के लगभग 30,000 सैनिक, 220 विमान और 50 जहाज सैन्य अभ्यास भाग ले रहे हैं। सैन्य रूप से गुटनिरपेक्ष देश- फिनलैंड और स्वीडन, जिनके नाटो के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, वे भी इस रक्षा अभ्यास का हिस्सा बन गए हैं जो 14 मार्च से शुरू हुआ था और 1 अप्रैल को समाप्त होगा।

नाटो सदस्य पोलैंड की सीमा से सटे लगभग 25 किलोमीटर (15 मील) की दूरी पर पश्चिमी यूक्रेन में रूसी मिसाइलों के एक अड्डे पर हमला करने के ठीक बाद, कड़ी ठंड में नाटो इस जवाबी प्रक्रिया में चला गया था। नॉर्वेजियन संयुक्त मुख्यालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल इवर मोएन ने जोर देकर कहा कि इस सैन्य अभ्यास की योजना यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से पहले ही बनाई ली गई थी।

"कोल्ड रिस्पांस यानी कड़ी कड़ी सर्दी में जवाबी कार्यवाही के लिए यह सैन्य अभ्यास आम तौर पर हर साल मार्च में आयोजित किया जाता है, जहां नाटो के सैनिक ठंडे नॉर्वेजियन मौसम में अपने युद्ध कौशल का अभ्यास करते हैं। अभ्यास जमीन पर, समुद्र में और आकाश में आयोजित किए जाते हैं। मोएन ने डीडब्ल्यू को बताया कि, इस साल के अभ्यास की योजना महीनों पहले बनाई गई थी और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से इसका कोई संबंध नहीं है।"

उन्होंने कहा, "ठंड में जवाबी सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य इस बात की जांच करना है कि नॉर्वे कैसे इसे मजबूत बना पाता है और कैसे इसका बेहतर प्रबंधन कर पाता है। उन्होंने कहा कि, नॉर्वे के लिए यह रक्षात्मक अभ्यास नाटो के चार्टर के अनुच्छेद 5 के अनुरूप है, जिसके तहत गठबंधन को हमले के दौरान अपने सहयोगी दलों को बचाने की जरूरत पड़ती है।" 

इस अभ्यास के एक हिस्से के रूप में, नॉर्वे को रूस सहित यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन (ओएससीई) के सभी 57 सदस्य देशों को अभ्यास की जांच करने के लिए आमंत्रित करना था।

वियना दस्तावेज़ के तहत यह एक दायित्व है- यूरोपीय देशों के बीच सुरक्षा समझौतों की एक श्रृंखला, जो सैन्य अभ्यास के आसपास पारदर्शिता सुनिश्चित करने का भी प्रयास करती है।

जबकि यूक्रेन में युद्ध छिड़ा हुआ है, नाटो और उसके सहयोगी शीत प्रतिक्रिया अभ्यास के एक भाग के रूप में नॉर्वे में अपने युद्ध कौशल को पैना कर रहे हैं।

जबकि क्रेमलिन ने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया और पिछले हफ्ते नॉर्वे में रूसी दूतावास ने फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि "रूस की सीमाओं के पास नाटो सैन्य क्षमताओं का कोई भी निर्माण क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने में मदद नहीं कर सकता है।"

"यह सैनिकों का जमावड़ा नहीं है। यह एक रक्षात्मक अभ्यास है और हम रूस की सीमा के पास प्रशिक्षण नहीं करेंगे। मोएन ने बताया कि, यह एक साधारण वार्षिक अभ्यास है जो नॉर्वे और उसके नाटो सहयोगियों को यह सुनिश्चित करने के लिए है कि वर्तमान और भविष्य के तनाव के दौरान उक्त देश सुरक्षित रहेंगे।" 

नीति समूह रासमुसेन ग्लोबल के रणनीति अधिकारी और सीईओ फैब्रिस पोथियर ने बताया कि नाटो अभ्यास पर रूस के विचार मास्को की प्लेबुक का एक हिस्सा हैं।

उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "रूस इन अभ्यासों से खतरा महसूस करने का नाटक करेगा और वह इस अभ्यास को नॉर्वे द्वारा उसकी सीमा पर सैनिकों का जमावड़ा कहेगा। लेकिन नाटो को अपने सैनिकों को मजबूत बनाने के लिए अभ्यास करने की अनुमति है और इससे कोई खतरा नहीं है।"

ठंडे इलाकों में युद्ध कौशल को मजबूत करना

1950 के दशक से, नॉर्वे ने, नाटो देशों के गठबंधन के लिए कई सैन्य अभ्यासों की मेजबानी की है, जिसका उद्देश्य ठंडे मौसम और नॉर्वेजियन आसमान, समुद्र और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों के बीच अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाना है।

नार्वे ने 2006 में पहली शीत प्रतिक्रिया अभ्यास की मेजबानी की थी और महीनों पहले इस  अभ्यास की योजना बनाई जाती है।

जबकि अभ्यास का पहला चरण अटलांटिक में समुद्री अभ्यास से शुरू होता है, दूसरा चरण नाटो हवाई जहाजों से जुड़े हवाई संचालन पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो बर्फीले इलाकों में कुशलता से उतरने की उनकी क्षमता की जांच करेगा। अंतिम चरण में उभयचर लैंडिंग और भूमि युद्ध प्रशिक्षण शामिल होगा। पूरे अभ्यास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नॉर्वे में नाटो की तैनाती को संभालने की क्षमता है।

लेकिन रूस और क्रेमलिन द्वारा यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी के साथ बढ़ते तनाव के बीच, मोएन ने जोर देकर कहा कि शीत प्रतिक्रिया 2022 के अभ्यास को परमाणु खतरों से निपटने के अभ्यास के प्रति नहीं मोड़ा जाएगा।

मोएन ने कहा कि, "नॉर्वे ने उत्तर के संरक्षक के रूप में कार्य करते हुए यूक्रेन में युद्ध से पहले इस अभ्यास की योजना बनाई गई थी। यह योजना बिना किसी बदलाव के जारी रहेगी।"

जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के एसोसिएट फेलो स्टीफन शेलर का मानना है कि कोल्ड रिस्पांस 2022 का फोकस, जिसमें ठंड के मौसम में उभयचर संचालन का अभ्यास शामिल है, नाटो को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

शेलर ने डीडब्ल्यू को बताया कि, "यह बहुत सकारात्मक है कि 27 देश अभ्यास के लिए तैयार हुए हैं, क्योंकि जितने अधिक प्रतिभागी होंगे, गठबंधन के भीतर प्रशिक्षण उतना ही बेहतर होगा।"

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, यह बड़ी अच्छी बात है कि इस साल अभ्यास को रद्द नहीं किया गया। अन्यथा गठबंधन को गलत संकेत तो जाते, साथ ही मुश्किल समय में कमजोरी का संकेत भी मिलता।"

फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज की सलाहकार इवाना स्ट्रैडनर ने भी उक्त बात दोहराई  है।

उन्होंने कहा, "कुछ लोगों का तर्क है कि यह अभ्यास खतरनाक है क्योंकि रूस इसका गलत अर्थ निकाल सकता है। हालांकि, इस अभ्यास को शुरू करना, सही दिशा में एक कदम है क्योंकि हमें पुतिन को नाटो की सुरक्षा को नियंत्रित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए और इस अभ्यास को रद्द करना नाटो की कमजोरी को दिखाना माना जाता।"

'वायु रक्षा बलों में वृद्धि'

जबकि नाटो अपने क्षेत्रों और क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सैन्य अभ्यास जारी रखे हुए  है, रासमुसेन ग्लोबल के पोथियर का मानना है कि यूरोप में वर्तमान सुरक्षा स्थिति में नाटो को विभिन्न रक्षा रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "सैन्य अभ्यास से सैनिकों को मजबूत करने में मदद मिलती है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि नाटो अन्य मोर्चों पर और अधिक सक्रिय होगा जैसे कि रूस से पनपे सैन्य खतरों को मात देना और यूक्रेन की रक्षा के लिए वायु रक्षा प्रणालियों को तैनात करने पर ध्यान केंद्रित करना।" 

उन्होंने कहा कि, "नाटो की सीमा के किनारे पर अब हमला हो रहा है और इसकी रक्षा का एकमात्र तरीका नाटो के वायु रक्षा बलों को बढ़ाना है।" स्ट्रैडनर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पुतिन, नाटो और उसके अभ्यासों को एक खतरे के रूप में देखते हैं, लेकिन इसके चलते नाटो को अपनी सतर्कता को कम नहीं करना चाहिए।

वे कहती हैं कि, "रूस लगातार नाटो की धमकी का दावा करता है लेकिन यह एक विशुद्ध रूप से रक्षात्मक गठबंधन है जो रूसी क्षेत्र पर [अतिक्रमण] कब्ज़ा करने की कोशिश नहीं करता है। हम उम्मीद कर सकते हैं कि पुतिन नाटो की कमजोर कड़ी को खोजने के बाद यह दिखाने की कोशिश कर सकते हैं कि गठबंधन एक पेपर टाइगर है। इसलिए नाटो को जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।"

संपादन: रोब मज़ 

साभार: डीडब्ल्यू (DW) 

मूल रूप से अंग्रेजी में प्रकाशित इस लेख को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें:

As Tensions with Russia Escalate, how Significant are NATO's Military Drills in Norway?

NATO
Norway
military
drills
Defense
ukraine
Ukraine War
Russia

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License