NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: चित्रकूट के कथित यौन शोषण मामले में NHRC ने केंद्र और योगी सरकार को जारी किया नोटिस
लॉकडाउन के बीच पेट पालने को मजबूर नाबालिग बच्चियों से अवैध खदानों में मज़दूरी के साथ कथित तौर पर जिस्मफ़रोशी कराने के मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बेहद गंभीर बताते हुए इसे महिलाओं के अधिकारों का हनन माना है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
27 Jul 2020
योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में काम के बदले मासूम बच्चियों से कथित तौर पर जिस्मफ़रोशी कराने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्र सरकार के अलावा उत्तर प्रदेश के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर इस मामले में जवाब तलब किया है।

NHRC द्वारा भेजे नोटिस में कहा गया है कि चित्रकूट की ग्राउंड रिपोर्ट में जो तथ्य दिखाए गए हैं अगर सच हैं तो ये बेहद गंभीर है। इससे गरीब आदिवासी महिलाओं के अधिकारों के हनन का मामला भी उजागर होता है।

बता दें कि NHRC ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। डीजीपी से इस मामले से जुड़ी एफआईआर की पूरी जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा नोटिस में भी ये भी पूछा गया है कि इलाके में समाज कल्याण के कार्यों और रोजगार की क्या स्थिति है।

हाईकोर्ट ने भी मांगी रिपोर्ट

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ. अभिषेक अत्रे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चित्रकूट के जिला प्रशासन से 28 जुलाई तक रिपोर्ट तलब की है। इस याचिका में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और बाल मजदूरी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की डिवीजन बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ‌चित्रकूट के जिलाधिकारी और विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को जांच कर अलग-अलग रिपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका, अक्सर सूखे के कारण सुर्खियों में रहता है लेकिन इस बार यहां चित्रकूट में गरीब आदिवासी परिवारों की बच्चियों से अवैध खदानों में मजदूरी के एवज में कथित जिस्मफरोशी कराए जाने का मामला सामने आया है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, चित्रकूट में 12 से 14 साल की बच्चियां अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए अवैध खदानों में काम करने को मजबूर हैं। लेकिन इन बच्चियों से यहां मज़दूरी के साथ ही कथित तौर पर 200 से 300 रुपये में जिस्मफरोशी भी कराई जा रही है। इस तरह ये बच्चियां लगातार यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं।

काम के बदले होती है जिस्मफ़रोशी की शर्त

खदानों में बच्चियों के काम करने के बावजूद इन्हें दिहाड़ी नहीं दी जाती, इसके लिए इन बच्चियों से जिस्मफरोशी कराई जाती है। चित्रकूट के कारवी गांव की एक पीड़ित बच्ची बताती है कि जब वे इन खदानों में काम मांगने जाती हैं तो ठेकेदार (कॉन्ट्रैक्टर) जिस्मफरोशी की शर्त पर इन्हें काम देने को कहते हैं।

रिपोर्ट में कारवी गांव की ही एक अन्य पीड़िता के हवाले से कहा गया, “ठेकेदारों ने खदानों के पास के टीले के पीछे बिस्तर लगा रखे हैं। वो हमें वहां ले जाते हैं, और बारी-बारी से हमारा यौन शोषण करते हैं। हमें वहां एक-एक करके जाना होता है। जब हम मना करते हैं, तो वो हमें पीटते हैं। दर्द होता है, लेकिन सह लेते हैं। हम और कर भी क्या सकते हैं। दुख़ होता है। फिर मरने का या यहां से भाग जाने का सोचते हैं।”

चित्रकूट के दफाई गांव की एक पीड़िता कहती हैं, ‘हमें धमकाया जाता है कि अगर हमें काम चाहिए तो हमें इनकी शर्तें माननी पड़ेगी। हम तैयार हो जाते हैं। ये हमें पैसों का लालच देते हैं, कई बार तो एक से अधिक आदमी हमारा उत्पीड़न करता है। अगर हम न कह दें तो हमें उठाकर बाहर करने की धमकी दी जाती है।’

इन बच्चियों के माता-पिता इनके साथ हो रहे इस अत्याचार से परिचित हैं।

इस मामले में विपक्ष ने सरकार पर लॉकडाउन के दौरान भुखमरी का आरोप लगाते हुए मासूम बच्चियों के कीमत चुकाने की बात कही थी।

कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा था, ‘अनियोजित लॉकडाउन में भूख से मरता परिवार। इन बच्चियों ने ज़िंदा रहने की ये भयावह क़ीमत चुकाई है। क्या यही हमारे सपनों का भारत है?’’

मालूम हो कि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने चित्रकूट के डीएम और उत्तर प्रदेश चाइल्ड राइट कमीशन को चिट्ठी लिखकर तत्काल जांच की बात कही थी। इसके साथ ही एनसीपीआर की तरफ से इस मामले में एफआईआर करने के निर्देश भी दिए गए थे।

गौरतलब है कि प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार 2017 से सत्ता में है लेकिन क़ानून-व्यवस्था के अन्य मोर्चों के साथ ही सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी नाकाम ही रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे ज़्यादा हैं। पुलिस हर दो घंटे में बलात्कार का एक मामला दर्ज करती है, जबकि राज्य में हर 90 मिनट में एक बच्चे के ख़िलाफ़ अपराध की सूचना दी जाती है। 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि नाबालिगों के मामलों में, 2017 में 139 के मुकाबले 2018 में 144 लड़कियों के बलात्कार के मामले सामने आए थे।

इसे भी पढ़ें: यूपी: चित्रकूट में काम के बदले मासूम बच्चियों का यौन शोषण!

UttarPradesh
NHRC
yogi sarkar
Yogi Adityanath
Sexual Exploitation Case
Lockdown
Coronavirus
women safety

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?


बाकी खबरें

  • women in politics
    तृप्ता नारंग
    पंजाब की सियासत में महिलाएं आहिस्ता-आहिस्ता अपनी जगह बना रही हैं 
    31 Jan 2022
    जानकारों का मानना है कि अगर राजनीतिक दल महिला उम्मीदवारों को टिकट भी देते हैं, तो वे अपने परिवारों और समुदायों के समर्थन की कमी के कारण पीछे हट जाती हैं।
  • Indian Economy
    प्रभात पटनायक
    बजट की पूर्व-संध्या पर अर्थव्यवस्था की हालत
    31 Jan 2022
    इस समय ज़रूरत है, सरकार के ख़र्चे में बढ़ोतरी की। यह बढ़ोतरी मेहनतकश जनता के हाथों में सरकार की ओर से हस्तांतरण के रूप में होनी चाहिए और सार्वजनिक शिक्षा व सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हस्तांतरणों से…
  • Collective Security
    जॉन पी. रुएहल
    यह वक्त रूसी सैन्य गठबंधन को गंभीरता से लेने का क्यों है?
    31 Jan 2022
    कज़ाकिस्तान में सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) का हस्तक्षेप क्षेत्रीय और दुनिया भर में बहुराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बदलाव का प्रतीक है।
  • strike
    रौनक छाबड़ा
    समझिए: क्या है नई श्रम संहिता, जिसे लाने का विचार कर रही है सरकार, क्यों हो रहा है विरोध
    31 Jan 2022
    श्रम संहिताओं पर हालिया विमर्श यह साफ़ करता है कि केंद्र सरकार अपनी मूल स्थिति से पलायन कर चुकी है। लेकिन इस पलायन का मज़दूर संघों के लिए क्या मतलब है, आइए जानने की कोशिश करते हैं। हालांकि उन्होंने…
  • mexico
    तान्या वाधवा
    पत्रकारों की हो रही हत्याओंं को लेकर मेक्सिको में आक्रोश
    31 Jan 2022
    तीन पत्रकारों की हत्या के बाद भड़की हिंसा और अपराधियों को सज़ा देने की मांग करते हुए मेक्सिको के 65 शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License