NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
भारत
राजनीति
नज़रिया : एनआरसी को अरब सागर में फेंक देना चाहिए
एनआरसी देश के लिए पूरी तरह से विभाजनकारी और विघटनकारी है। एनआरसी का सिर्फ़ और सिर्फ़ एक मक़सद हैः भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का रास्ता साफ़ करना...। अजय सिंह का कॉलम 'फ़ुटपाथ'।
अजय सिंह
06 Dec 2019
NRC

एनआरसी को अरब सागर में फेंक देना चाहिए। इसकी रत्ती भर ज़रूरत नहीं। एनआरसी, यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीज़ंस (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर)। 'एनआरसी आतंकवाद' की चपेट में असम-समेत पूरा देश आने वाला है। (असम में एनआरसी की प्रक्रिया नये सिरे से फिर शुरू होगी।)

एनआरसी देश के लिए पूरी तरह से विभाजनकारी और विघटनकारी है। यह ज़बर्दस्त राजनीतिक अशांति और उथल-पुथल पैदा करेगा, सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर देगा, और कई करोड़ नागरिकों के लिए अपार मुसीबतें व तबाही लायेगा। जैसाकि हम असम में देख चुके हैं। एनआरसी हिंसा और प्रतिहिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देगा, जिससे देश में गृहयुद्ध-जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

एनआरसी का सिर्फ़ और सिर्फ़ एक मक़सद हैः भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का रास्ता साफ़ करना। यह हिंदुत्व फ़ासीवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी संचालक शक्ति राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) का राजनीतिक एजेंडा है। इस एजेंडा को अमली जामा पहनाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री मंत्री अमित शाह पूरी ताक़त से लगे हैं।

देश की क़रीब 20 करोड़ मुस्लिम आबादी एनआरसी का एकमात्र निशाना है। मुसलमान हमारे देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। उसे चारों तरफ़ से घेर लेने के लिए एनआरसी को समूचे देश में लागू करने की तैयारी चल रही है।

केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 2 दिसंबर 2019 को झारखंड में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि आगामी आम चुनाव -2024 के पहले तक एनआरसी को समूचे देश में पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ‘अगले आम चुनाव के पहले तक एक-एक घुसपैठिए को निकाल बाहर किया जायेगा।’

अमित शाह ने अखिल-भारतीय स्तर पर एनआरसी को लागू करने की डेडलाइन तय कर दी है। उनकी निगाह में ‘घुसपैठिया’ कौन है, इसे समझ पाना मुश्किल नहीं। वह मुसलमान है। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान वह ‘घुसपैठियों’ को बार-बार ‘दीमक’ कह चुके हैं।
एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जायेगा, इस बात से भारत की मुस्लिम बस्तियों और घरों में गहरी घबराहट और ख़ौफ़ फैल गया है। कौन-से काग़ज़ या दस्तावेज़ जुटायें, जिनसे हम साबित कर सकें कि हम भारत के नागरिक हैं—यह चिंता मुसलमानों को खाये जा रही है। और जिनके पास कोई काग़ज़ नहीं हैं, उनका क्या होगा?

पिछले महीने कर्नाटक की राजधानी बंगलोर में पुलिस ने 59 तथाकथित बंगलादेशी मुसलमानों को गिरफ़्तार किया, जिनके पास अपने निवास के सबूत के तौर पर कोई काग़ज़ नहीं था, और उन्हें लेकर वह हावड़ा (बंगाल) गयी, जहां से उन्हें बाहर (बंगलादेश) भेजा जायेगा। यही हश्र अन्य मुसलमानों का नहीं होगा, इसकी क्या गारंटी! इस वजह से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र व अन्य जगहों के मुसलमान गहरी चिंता में हैं।

एनआरसी की बुनियाद ही यही है कि मुसलमान ‘दूसरा’ (अदर) या ‘बाहरी’ (आउटसाइडर) है और हिंदू ‘हम’ (वी) या ‘अंदर का’ (इनसाइडर) है। यह धारणा समाज के एक हिस्से को दूसरे हिस्से से ख़िलाफ़ खड़ा कर देती है।

एनआरसी इस तथ्य को जानबूझकर अनदेखा करता है कि लोगों की आवाजाही और आदान-प्रदान से समाज बनते व आकार ग्रहण करते हैं। हमारे देश में बड़े पैमाने पर लोग एक जगह से दूसरी जगह गये हैं और बस गये हैं। एनआरसी इनमें से सिर्फ़ मुसलमानों को चिह्नित कर उन्हें निष्कासित करना चाहता है।

एनआरसी को दफ़न कर देना चाहिए। इसने लोगों में गहरी चिंता और डर पैदा कर दिया है।

(लेखक वरिष्ठ कवि और पत्रकार हैं। लेख में व्यक्त विचार निजी हैं।)

NRC
NRC in all India
Useless NRC
एनआरसी
विभाजनकारी एनआरसी
HINDU MUSLIM DIVISION
Hindutva
हिंदू राष्ट्र
MINORITIES RIGHTS
RSS
BJP
Narendra modi
Amit Shah

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं

ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?

मुस्लिम जेनोसाइड का ख़तरा और रामनवमी

ख़बरों के आगे-पीछे: भाजपा में नंबर दो की लड़ाई से लेकर दिल्ली के सरकारी बंगलों की राजनीति


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License