NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
नागरिक सत्याग्रह: पदयात्रियों को फिर किया गया गिरफ्तार, फतेहपुर छोड़ने का दबाव
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में पुलिस ने आठ सत्याग्रहियों को शुक्रवार 6 मार्च को गिरफ्तार कर फिर जेल भेज दिया है।
सोनिया यादव
07 Mar 2020
Nagrik Sattyagrah

गोरखपुर के चौरीचौरा से दिल्ली के राजघाट तक महात्मा गांधी का शांति संदेश लेकर निकली नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा की टीम एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस के निशाने पर है। पुलिस ने आठ सत्याग्रहियों को शुक्रवार 6 मार्च फतेहपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जहां पुलिस प्रशासन लगातार इन सत्याग्रहियों पर फतेहपुर छोड़ने का दवाब बना रहा है, वहीं सत्याग्रही अपनी यात्रा अपने पूर्व निर्धारित रूट से जारी रखने पर डटे हुए हैं।

बीएचयू के छात्र और पदयात्री राज अभिषेक ने न्यूज़क्लिक को बताया, 'हम लोगों के फतेहपुर पहुंचने के साथ ही पुलिस लगातार इसे छोड़ने का दबाव बना रही थी। 5 मार्च की रात को हमारी घेराबंदी कर हमें हिरासत में ले लिया गया, इसके 24 घंटे बाद 8 सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। प्रशासन निजी मुचलके और शर्तोंं पर छोड़ने की बात कर रहा है लेकिन हम बिना शर्त रिहाई के लिए अडिग हैं।'

इससे पहले गिरफ्तार हुए सत्याग्रही प्रियेश पांडे ने कहा, ‘हम फतेहपुर के आंबेडकर पार्क में सर्वधर्म प्रार्थना सभा करना चाहते थे लेकिन पुलिस हमें इसकी इज़ाजत नहीं दे रही। हमें लगातार धारा 144 और कानून व्यवस्था का हवाला दिया जा रहा है लेकिन हम गांधी के देश में अमन और शांति का संदेश लेकर निकले हैं। भला हम लोगों से शांति कैसे भंग हो रही है। हमने अपनी यात्रा की सूचना पहले से प्रशासन को दे रखी है, इसके बावजूद हमें रोका जा रहा है। आखिर कुछ लोगों के शांतिपूर्ण चलने से क्या समस्या है, ऐसे तो पुलिस कहीं भी किसी को बिना किसी कारण गिरफ्तार करके जेल भेज देगी।'

इस संबंध में कोतवाली पुलिस ने मीडिया को बताया कि नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा में शामिल आठ लोगों को धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में नउवाबाग हाईवे से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन सभी को सीआरपीसी के तहत चालान कर कोर्ट में पेश कर दिया है।

IMG-20200307-WA0010.jpg

अभी तक क्या-क्या हुआ

- 2 फरवरी 2020 को नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा की शुरुआत चौरी-चौरा के शहीद स्मारक से हुई थी। यात्रा का प्रथम चरण 16 फरवरी 2020 को बनारस में सम्पन्न होना तय था।

- 11 फरवरी को लगभग 200 किमी की यात्रा करके सत्याग्रही गाजीपुर पहुंचे, यहां पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए 10 सत्याग्रहियोंं को गिरफ्तार कर लिया।

-12 फरवरी को इनकी ज़मानत के लिए एसडीएम ने अजीबो-गरीब शर्तें रखीं। इसके बाद 13 फरवरी से इन सत्याग्रहियों ने जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी, जेल से भारतवासियों के नाम खत लिखा।

-15 फरवरी को इन लोगों के समर्थन में उपवास पर बैठे लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

-16 फरवरी की शाम पुलिस ने सत्याग्रहियों को जेल से ज़मानत पर रिहा कर दिया।

-17 फरवरी की सुबह सत्याग्रहियों ने फिर से यात्रा शुरू की। पुलिस ने इनके समूह के 5-6 लोगों को हिरासत में ले लिया और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए इन्हें गाजीपुर जिले से बाहर बनारस ले जाने लगी।

- 20 फरवरी को 20 दिनों की 287 किमी की पदयात्रा के बाद सत्याग्रहियों का पहला चरण बनारस में समाप्त हुआ।

-24 फरवरी को इस यात्रा के दूसरे चरण बनारस से कानपुर की शुरुआत हुई।

-5 मार्च को इन सत्याग्रहियों को पुलिस ने फतेहपुर से दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

लगातार बन रहा था दबाव

सत्याग्रही विकास सिंह के अनुसार, ‘नागरिक सत्याग्रह पदयात्रियों पर पुलिस लगातार दवाब बना रही थी, हमारी जगह-जगह घेराबंदी की जा रही थी। हम गांधी-आंबेडकर के देश में शांतिपूर्वक अमन, सौहार्द और भाईचारे का संदेश लेकर देश के लोगों के बीच जा रहे हैं। 70-80 सालों में जो संदेश मानवता को लेकर थे, वह आज के प्रशासन की नजर में अशांति व माहौल बिगाड़ने वाले बन गए हैं। देश वाकई बदल रहा है। हम आज अपने देश में अमन, शांति की बात भी नहीं कर सकते हैं, नेता खुलेआम दंगा और हिंसा की भाषा बोल रहे हैं, उन्हें सिक्योरिटी दी जा रही है और हमें जेल भेजा जा रहा है।'

यात्रा में शामिल कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि ये यात्रा छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की साझी कोशिश से शुरू हुई है। इसका मकसद समाज मे बढ़ रही असहिष्णुता, हिंसा, घृणा और कट्टरता के ख़िलाफ़ भाईचारा, प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता की अपील है। भला इससे किसी प्रदेश की शांति को क्या ही खतरा है।

गौरतलब है कि सत्याग्रही अपनी पदयात्रा के दौरान हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बीच संवाद कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी जैसी बुनियादी सुविधाओं पर सवाल उठा रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के पीछे प्रशासन का तर्क है कि इस यात्रा से राज्य की शांति व्यवस्था भंग हो रही है। लेकिन सत्याग्रहियों का योगी सरकार और प्रशासन पर सीधा आरोप है कि प्रदेश में बार-बार धारा 144 का अन्यायपूर्ण इस्तेमाल कर शांतिपूर्ण लोगों को जेल में डाला जा रहा है। सवाल है कि आखिर 10 शांतिपूर्ण लोगों से समाज को ऐसा क्या खतरा है? गांधी का शांति का संदेश आखिर पुलिस क्यों रोकना चाहती है?

Nagrik Sattyagrah
UttarPradesh
UP police
yogi sarkar
Yogi Adityanath
Mahatma Gandhi
FATEHPUR
varanasi
BHU
BJP

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License