NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
नकबा डे : फ़िलिस्तीन में आज़ादी की जंग जारी रखने की प्रेरणा देने वाला दिन
इस 15 मई को 1948 के उस दिन को 72 साल पूरे हो रहे हैं, जिस दिन इज़रायली सेना ने हज़ारों फ़िलिस्तीनियों की हत्या कर दी थी और क़रीब 800000 को क़ैद कर दिया था।
पीपल्स डिस्पैच
15 May 2020
फ़िलिस्तीन

अरबी में नकबा का मतलब है तबाही। 15 मई, 1948 से पहले और बाद के दिनों में जब इजरायली मिलिशिया ने हजारों फिलिस्तीनियों के नरसंहार के ऐतिहासिक फिलिस्तीन में कई गांवों और कस्बों पर हमला किया और हजारों लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर किया। इस दिन को दुनिया भर में फ़िलिस्तीनियों द्वारा नकबा दिवस के रूप में याद किया जाता है।

इज़रायली सेना जो किसी आतंकवादी संगठन से कम नहीं थी, उसने इस आपरेशन दलेत में 150000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी लोगों की हत्या की थी, और क़रीब 800000 को क़ैद कर दिया था। कुछ अनुमान के अनुसार इज़रायली सेना ने 400 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी गांव-क़स्बे कुछ ही दिनों में ख़ाली करवा दिए थे और इतिहास का सबसे बड़ा और लंबे समय के रिफ़्यूजी संकट को जन्म दिया था।

नकबा का इतिहास औपनिवेशिक हेरफेर में निहित है। 1947 में फ़िलिस्तीन विभाजन योजना (संयुक्त राष्ट्र महासभा संकल्प 181) ने यहूदियों को फिलिस्तीन की 55% भूमि दी थी। यहूदी फ़िलिस्तीन की कुल आबादी का 32% थे। इसके कारण फ़िलिस्तीनियों और पड़ोसी अरब देशों द्वारा विरोध हुआ था।

इसने ब्रिटिश अनिवार्य अधिकार को फिलिस्तीन को छोड़ने का एक सही अवसर प्रदान किया और ज़ायोनी मिलिशिया ने 1916 के बालफोर घोषणा के अनुसार उन पर कहर ढाने दिया।

14 मई 1948 को इज़रायल के एक राज्य घोषित होने से पहले, डेविड बेन गुरियन के नेतृत्व में ज़ायोनी मिलिशिया हगानाह और अन्य लोगों ने इज़रायल के भावी नेताओं मोशे ददन, एरियल शेरोन, यित्ज़ाक राबिन के नेतृत्व में फ़िलिस्तीनियों को मारने और की साजिश रची।

अधिकांश फ़िलिस्तीनी जो अपने घरों से बाहर कर दिए गए थे, वे पास के शहरों में शरणार्थी शिविरों में रहे। हालांकि, इज़रायली मिलिशिया ने अरब पड़ोसी देशों द्वारा घोषित युद्ध का इस्तेमाल उन्हें मजबूर करने के लिए किया था। उनमें से अधिकांश अंततः वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम या ग़ाज़ा में क्रमशः जॉर्डन और मिस्र द्वारा नियंत्रित किए गए जब युद्ध विराम घोषित किया गया था। एक बड़ी संख्या उत्तर के पड़ोसी लेबनान में भी चली गई।

हत्या और विस्थापन का तीसरा दौर 1967 में देखने को मिला था जब इन रिफ़्यूजियों को जॉर्डन और अरब के अन्य हिस्सों में जाने के लिए मजबूर किया गया। क्योंकि इज़रायल ने फ़िलिस्तीन के बाक़ी बचे इलाक़े पर भी क़ब्ज़ा कर लिया था।

आज 5 मिलियन से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मिडिल ईस्ट के इलाक़े के अलग अलग रिफ़्यूजी कैम्पों में दयनीय स्थिति में जीने को मजबूर हैं। जबकि इज़रायली क़ब्ज़े की वजह से लगातार और लोग विस्थापन को मजबूर होते हैं।

नकबा डे, इन्हीं ज़ुल्मों को याद कर के फ़िलिस्तीन की आज़ादी की जंग जारी रखने की प्रेरणा का दिन है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Nakba Day
Palestine
Israel
UAE
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत


बाकी खबरें

  • brooklyn
    एपी
    ब्रुकलिन में हुई गोलीबारी से जुड़ी वैन मिली : सूत्र
    13 Apr 2022
    गौरतलब है कि गैस मास्क पहने एक बंदूकधारी ने मंगलवार को ब्रुकलिन में एक सबवे ट्रेन में धुआं छोड़ने के बाद कम से कम 10 लोगों को गोली मार दी थी। पुलिस हमलावर और किराये की एक वैन की तलाश में शहर का चप्पा…
  • non veg
    अजय कुमार
    क्या सच में हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ है मांसाहार?
    13 Apr 2022
    इतिहास कहता है कि इंसानों के भोजन की शुरुआत मांसाहार से हुई। किसी भी दौर का कोई भी ऐसा होमो सेपियंस नही है, जिसने बिना मांस के खुद को जीवित रखा हो। जब इंसानों ने अनाज, सब्जी और फलों को अपने खाने में…
  • चमन लाल
    'द इम्मोर्टल': भगत सिंह के जीवन और रूढ़ियों से परे उनके विचारों को सामने लाती कला
    13 Apr 2022
    कई कलाकृतियों में भगत सिंह को एक घिसे-पिटे रूप में पेश किया जाता रहा है। लेकिन, एक नयी पेंटिंग इस मशहूर क्रांतिकारी के कई दुर्लभ पहलुओं पर अनूठी रोशनी डालती है।
  • एम.के. भद्रकुमार
    रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं
    13 Apr 2022
    यह दोष रेखाएं, कज़ाकिस्तान से म्यांमार तक, सोलोमन द्वीप से कुरील द्वीप समूह तक, उत्तर कोरिया से कंबोडिया तक, चीन से भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान तक नज़र आ रही हैं।
  • ज़ाहिद खान
    बलराज साहनी: 'एक अपरिभाषित किस्म के कम्युनिस्ट'
    13 Apr 2022
    ‘‘अगर भारत में कोई ऐसा कलाकार हुआ है, जो ‘जन कलाकार’ का ख़िताब का हक़दार है, तो वह बलराज साहनी ही हैं। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेहतरीन साल, भारतीय रंगमंच तथा सिनेमा को घनघोर व्यापारिकता के दमघोंटू…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License