NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नताशा और देवांगना के लिए एकजुटता, सरकार पर गंभीर आरोप
पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलिता पर दिल्ली पुलिस रोज़ नए मुकदमें लादती जा रही है। इस सबके ख़िलाफ़ देशभर में छात्र और समाजिक संगठन के लोग आगे आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि देवांगना और नताशा की हालिया गिरफ्तारी कोई एक अलग घटना नहीं है, बल्कि गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस द्वारा फरवरी 2020 से चलाए गए एक बड़े ऑपरेशन का हिस्सा है।
मुकुंद झा
01 Jun 2020
नताशा और देवांगना के लिए एकजुटता,

पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलिता पर पुलिस की कार्रवाई के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर एकजुटता हो रही है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के ख़िलाफ़ देशभर में छात्र और समाजिक संगठन के लोग आगे आ रहे हैं। पिंजरा तोड़ ने इस पूरे प्रकरण पर एक विस्तृत बयान जारी करते हुए कहा कि हम इस उत्पीड़न की कार्रवाई के ख़िलाफ़ लड़ेंगे। एसएफआई हरियाणा ने भी इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। इसके अलावा कैम्पेनिंग अगेंस्ट स्टेट रेप्रेशन (CASR) ने भी एक बयान जारी कर इस तरह के सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की।

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि  23 मई 2020 को शाम पिंजरा तोड़ की दो कार्यकर्ता देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था। दोनों को बीती फरवरी में जाफ़राबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के ख़िलाफ़ हुए एक प्रदर्शन के सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया। हालांकि आरोप है कि गिरफ़्तारी के समय परिवार वालों को कारण तक नहीं बताया गया। अगले दिन रविवार, 24 मई को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया लेकिन कोर्ट ने दोनों को ज़मानत दे दी थी। कोर्ट के आदेश पारित करने के कुछ ही समय बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अर्जी दायर करके उनसे पूछताछ का अनुरोध किया और हिंसा से जुड़े एक अन्य मामले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ़्तार कर लिया। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने कोर्ट से उनकी 14 दिन की हिरासत मांगी लेकिन अदालत ने दो दिन की हिरासत दी। दो दिन बाद 26 मई को हिरासत फिर दो दिन बढ़ा दी गई। इसके बाद गुरुवार 28 मई को दोनों कार्यकर्ताओं को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जिस मामले में उन्हें 23 मई को गिरफ़्तार किया गया था वो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 186, 188, 283, 109, 341, 353 के तहत दर्ज किया गया था। जबकि जिस मामले में उन्हें 24 मई को गिरफ़्तार दिखाया गया वो IPC की धारा 147, 149, 353, 283, 323, 332, 307, 302, 427, 120-बी, 188 के साथ ही हथियार कानून और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान रोकथाम कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया। इसी बीच शुक्रवार 29 मई को, दिल्ली पुलिस ने नताशा के ऊपर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत भी मुकदमा दर्ज कर लिया। जबकि देवांगना पर भी एक नए मामले में केस दर्ज किया गया, उनपर दरियागंज में हुई हिंसा में शामिल होने का भी आरोप लगा है।

देवांगना कलिता सेंटर ऑफ़ वीमेन स्टडियज़ में एमफिल की छात्रा हैं, वहीं नताशा नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज में पीएचडी की छात्रा हैं। वे दोनों  पिंजरा तोड़ की संस्थापक सदस्य हैं। ‘पिंजरा तोड़’ की स्थापना साल 2015 में हॉस्टल और पेइंग गेस्ट में छात्राओं की सुविधा और अधिकारों के मकसद से की गई थी। कालिता और नरवाल ने क्रमशः डीयू के मिरांडा हाउस और हिंदू कॉलेज से ग्रेज्युशन किया है।

एसएफआई हरियाणा का विरोध प्रदर्शन

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) हरियाणा राज्य कमिटी ने दिल्ली पुलिस द्वारा देवांगना और नताशा व अन्य विद्यार्थियों को तुरंत रिहा करने की मांग लेकर रविवार को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन किये।

d1aca745-5c16-4615-87f3-db07c2c2ee13.jpg

एसएफआई ने इस प्रदर्शन के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि दिल्ली में दंगे भड़काने वाले तो आजाद पक्षी की तरह हवाओं में उड़ रहे हैं। जिन्हें जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था, वो पुलिस के पहरे में खुले घूम रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने वाली 2 लड़कियों नताशा और देवांगना को दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में गिरफ़्तार किया है।

आगे उन्होंने कहा कि "एक तरफ तो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे लगा रही है। दूसरी तरफ मौजूदा सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए उन्हें जेलों में बन्द कर रही है। ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है,केंद्र सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पूरी ऊर्जा महामारी से लड़ने में लगाए।”

दिल्ली के कोर्ट के द्वारा जमानत दिए जाने के तुरंत बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच के द्वारा फिर से पिंजड़ा तोड़ की कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी और उन पर हत्या एवं हत्या की कोशिश, दंगा भड़काने आदि जैसे गंभीर आरोप लगाकर रिमांड पर लिए जाने की कड़ी निंदा करते हुए  एसएफआई की हरियाणा राज्य कमेटी ने इसे सरकार की छात्रों के प्रति बदनीयती बताई।

एसएफआई हरियाणा ने दिल्ली पुलिस और गृहमंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि वो सीएए और एनआरसी आंदोलन को पूरी तरह कुचल देना चाहते हैं। इसलिए सीएए विरोधी आंदोलनकारियों पर दिल्ली में दंगा भड़काने का आरोप लगा कर उन्हें धड़ाधड़ गिरफ़्तार किया जा रहा है. वहीं दंगे के असली आरोपी आज़ादी से घूम रहे हैं।

राज्य उपाध्यक्ष विनोद गिल ने कहा कि सरकार ने जिस तरह आपदा में अवसर की बात की थी, उसी तरह इसका इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “सरकार ने न केवल कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया बल्कि श्रम कानूनों को ध्वस्त कर दिया। सरकार निजीकरण कर रही है और हवाई अड्डों की नीलाम कर रही है।” उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र सरकार छात्राओं पर झूठे मुकदमे वापस लेकर उन्हें रिहा कराने का फैसले नहीं लेती है तो एसएफआई देश भर में आन्दोलन का आगाज़ करेगी।

इसे भी पढ़ें :“कोरोना की बजाय छात्रों से लड़ रही है सरकार” : नताशा, देवांगना, सफूरा, हैदर की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ एकजुटता

पिंजरा तोड़ ने कहा- लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष देश के लिए लड़ना आपको आतंकवादी नहीं बनाता

दिल्ली हिंसा को लेकर शुरुआत से ही दिल्ली पुलिस पिंजरा तोड़ की भूमिका को लेकर सवाल उठा रही थी, इसी कड़ी में पुलिस ने इनके दो कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार भी किया है। इस पूरी घटना को लेकर पिंजरा तोड़ ने अपने फेसबुक पेज़ पर 31 मई को एक विस्तृत बयान जारी किया। पिंजरा तोड़ ने अपने दोनों कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ हुई पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष देश के लिए लड़ना आपको आतंकवादी नहीं बनाता। पुलिस एंटी CAA प्रदर्शन कर रहे लोगों को निशान बना रही है, हम इससे लड़ेंगे।

आगे उन्होंने लिखा, "तुम ज़मीं पर ज़ुल्म लिख दो, आसमां पर इंकलाब लिखा जाएगा, सब याद रखा जाएगा..."

101558700_2975741039178927_7210788166251315200_o.jpg

पिंजरा तोड़ ने कहा कि सरकार इस महामारी के दौरान जब लाखों मज़दूर सड़क पर भूखे पैदल जा रहे हैं उस समय वो छात्रों और एक्टिविस्टों को गिरफ़्तार कर रही है। उन्होंने इसे लोगों की स्वतंत्रता पर हमला बताया और कहा कि सरकार के इन हमलों से हम और भी मज़बूत हुए हैं।

नरवाल के पिता ने कहा कि मुझे मेरी बेटी पर गर्व, पर पुलिस कर रही है नाइंसाफ़ी

नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल सीनियर साइंटिस्ट है, उन्होंने एक निजी स्थानीय मीडिया चैनल न्यूज़ 18 हरियाणा से इस पूरे घटनाक्रम पर बात करते हुए कहा कि मेरी बेटी निर्दोष है। दिल्ली पुलिस उसके साथ ज़्यादती कर रही है।

उन्होंने कहा कि नताशा ने तो आजकल किसी भी सिटिंग में भाषण नहीं दिया बल्कि वो यहाँ एक कार्यकर्ता की तरह जाती थी। जो एक लोकतंत्र में में सभी लोगों को करना चाहिए। पिंजरा तोड़ सिर्फ़ महिला अधिकारों के लिए काम करती है इसका किसी भी विचारधारा से जुड़ाव नहीं है।

उन्होंने कहा कि मेरी बेटी जिस दिन हिंसा हुई उस दिन वहां कहीं नहीं मौजूद थी, एफआईआर में उनका नाम नहीं है। पुलिस गलत कर रही है मुझे मेरी बेटी पर गर्व है।

इस घटना को लेकर CASR ने बयान जारी किया

फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस द्वारा देवांगना कलिता, नताशा नरवाल, गुलफिशा फातिमा, इशरत जहां, सफूर ज़रगर, मीरन हैदर, खालिद सैफी, शिफू-उर-रहमान, आसिफ़ इकबाल तन्हा और कई अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया है। उनकी तत्काल रिहाई और ऐसे सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग करते हुए, कैम्पेनिंग अगेंस्ट स्टेट रेप्रेशन (CASR) ने एक बयान जारी किया है।

बयान के अनुसार, दो कार्यकर्ता- देवांगना और नताशा की हालिया गिरफ्तारी कोई एक अलग घटना नहीं है, बल्कि गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस द्वारा फरवरी 2020 से चलाए गए एक बड़े ऑपरेशन का हिस्सा है।

बयान में कहा गया है कि “यह सांप्रदायिक रूप से किया जा रहा है, जनविरोधी नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), नागरिकों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जवाब में उभरे लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए जीवंत संघर्ष को कुचलने और तोड़ने के लिए किया गया है। यहां तक कि कोविड-19 वायरस के आगमन और देश-व्यापी लॉकडाउन लगाए जाने के बाद भी सरकार का जनविरोधी अभियान जारी है।”

सरकार शिक्षाविदों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, वकीलों, ट्रेड यूनियनों लोकतंत्र के ऐसे सभी स्वर को निशाना बना रही है। जो उसकी आलोचना कर रही है। इसी से संघर्ष के लिए CASR बना है, जिसमें 36 से अधिक संगठनों के साझा मंच है, जिसमें लोकतांत्रिक अधिकार संगठन, छात्र संगठन, शिक्षक संगठन, ट्रेड यूनियन और महिला संगठन शामिल हैं, जो राज्य दमन बढ़ाने के ख़िलाफ़ एक साथ आए हैं।

Delhi riots
CAA Protest
pinjara tod
Natasha Narwal
Devangana kalita
social organisation
CASR
CAA
NRC
North east delhi riots

Related Stories

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

दिल्ली दंगा : अदालत ने ख़ालिद की ज़मानत पर सुनवाई टाली, इमाम की याचिका पर पुलिस का रुख़ पूछा

लाल क़िले पर गुरु परब मनाने की मोदी नीति के पीछे की राजनीति क्या है? 

शाहीन बाग़ की पुकार : तेरी नफ़रत, मेरा प्यार

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

दिल्ली हिंसा में पुलिस की भूमिका निराशाजनक, पुलिस सुधार लागू हों : पूर्व आईपीएस प्रकाश सिंह

दबाये जाने की तमाम कोशिशों के बावजूद भारत का बहुलतावादी लोकतंत्र बचा रहेगा: ज़ोया हसन


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License