NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लीबिया में युद्ध समाप्त करने और दिसंबर में चुनावों की रूपरेखा को अंतिम रूप देने को बातचीत फिर शुरू
ये वार्ता एक संवैधानिक ढांचे पर एक समझौते की योजना बनाने की कोशिश कर रही है जो देश को एकजुट करने के उद्देश्य से आगामी राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों को संचालित करेगा।
पीपल्स डिस्पैच
13 Aug 2021
लीबिया में युद्ध समाप्त करने और दिसंबर में चुनावों की रूपरेखा को अंतिम रूप देने को बातचीत फिर शुरू

लीबिया के युद्धरत पक्षों ने अपने राजनीतिक मतभेदों को सुलझाने और देश में युद्ध को समाप्त करने के लिए एक समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू कर दी है। बुधवार 11 अगस्त को हुई यह वार्ता संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। देश में निर्धारित दिसंबर 2021 के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों को ध्यान में रखते हुए बातचीत की गई जो युद्ध, विदेशी सैन्य हस्तक्षेप और नागरिक संघर्ष के चलते नहीं हो पाया है।

इन पक्षों के बीच बैठक जिसे लीबियन पॉलिटिकल डायलॉग फोरम (एलपीडीएफ) कहा जाता है वह छह सप्ताह की असफल वार्ता की भरपाई के लिए हुआ है जो स्विट्जरलैंड के जिनेवा में आयोजित की जा रही थी जिसमें लीबिया के 75 प्रतिनिधि आगामी चुनावों का संचालन करने के लिए संवैधानिक ढांचा को लेकर आम सहमति पर पहुंचने में असफल रहे थे।

लंबे समय से चले आ रहे विभिन्न राजनीतिक और जनजातीय मतभेदों वाले युद्धरत पक्षों द्वारा बातचीत के जरिए समझौता करने के ये प्रयास पिछले साल अक्टूबर में पहली बार तब शुरू हुए जब युद्धविराम और वार्ता के लिए युद्धरत पक्ष सहमत हुए। इस वार्ता ने अंततः उन्हें एक संक्रमणकालीन सरकार बनाने पर सहमति व्यक्त की जो प्रस्तावित चुनावों से पहले अंतरिम अवधि में लीबिया पर शासन करेगी और साथ ही चुनावों के आयोजन की निगरानी करेगी। इस समझौते ने विशेष रूप से दो सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण लीबियाई पक्षों के बीच हिंसा की समाप्ति के लिए मार्ग प्रशस्त किया। इन पक्षों में एक तुर्की और प्रतिनिधि सभा के पूर्व-आधारित सरकार द्वारा समर्थित लीबिया की राजधानी त्रिपोली में स्थित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) और दूसरा रूस, ईजिप्ट और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा समर्थित विद्रोही जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व में लीबिया नेशनल आर्मी (एलएनए) है।

दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार वाला ये उत्तरी अफ्रीकी देश 2011 से युद्ध और अराजकता की स्थिति में है। अमेरिका और नाटो समर्थन से लीबिया के पूर्व नेता मुअम्मर गद्दाफी को उखाड़ फेंका गया था जिससे देश में चरमपंथ और आतंकवाद में वृद्धि हुई है। बाद में अंतर्देशीय विभाजन और विरोधी ताकतों के बीच अंतर्कलह ने हिंसा और नागरिक संघर्ष को लम्बा खींच दिया। साथ ही साथ भू-राजनीतिक प्रकृति भी ग्रहण कर लिया जिसमें विभिन्न विदेशी शक्तियां पक्ष ले रही थीं और हिंसा को जारी रखने और यहां तक कि बढ़ाने में आर्थिक और सैन्य रूप से योगदान दे रही थीं।

libya
Libyan Civil War
War in Libya

Related Stories

अफ़्रीकी देश अपनी मुद्रायें यूरोप से क्यों छपवाते हैं

लीबिया पर शांति सम्मेलन में देश से सभी विदेशी सैनिकों को तत्काल वापस लेने का आह्वान

लीबिया की अंतरिम सरकार ने तुर्की को देश से अपनी सेना वापस लेने के लिए कहा

बिना दस्तावेज़ वाले प्रावसियों को ले जा रही नाव के लीबिया तट के पास डूबने से 11 लोगों की मौत

लीबिया की संसद ने अंतरिम यूनिटी सरकार को मंज़ूरी दी

लीबिया की संसद ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित अंतरिम सरकार के भविष्य पर बैठक की

लीबिया में अंतरिम सरकार के लिए उम्मीदवारों की घोषणा का यूएन ने स्वागत किया

संयुक्त राष्ट्र ने लीबिया से सभी विदेशी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित शांति वार्ता का दूसरा दौर वर्चुअल रूप में शुरू हुआ

लीबियाई गुट ने तेल परिसरों के लिए संयुक्त सुरक्षा पर समझौता किया, अगले सप्ताह शांति समझौते के राजनीतिक पहलुओं पर होगी चर्चा


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License