NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
प्रदर्शनकारियों को नज़रअंदाज़ कर नेतन्याहू ने फ़िलिस्तीनी क्षेत्र के एनेक्सेशन की योजना दोहराई
इज़रायल ने वर्ष 1967 से फ़िलिस्तीनी वेस्ट बैंक, पूर्वी जेरुसलम और गाज़ा पर क़ब्ज़ा कर लिया है और कई अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन करते हुए वहां कई अवैध बस्तियों का निर्माण किया है। अब यह इन क्षेत्रों के एक हिस्से पर क़ब्ज़ा करने की योजना बना रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
08 Jun 2020
 नेतन्याहू ने फ़िलिस्तीनी क्षेत्र के एनेक्सेशन की योजना दोहराई

एनेक्सेशन के विरोध में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार 7 जून को फिर कहा कि उनकी सरकार 1 जुलाई को क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्से को मिलाने की अपनी योजना के साथ आगे बढ़ेगी।

इन बस्तियों के नेताओं के साथ अपनी बैठक के बाद उन्होंने ये घोषणा की थी। हालांकि नेतन्याहू ने यह बताने की कोशिश की कि प्रस्तावित एनेक्सेशन 1 जुलाई को योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा, कई पर्यवेक्षकों ने पाया कि उन्होंने रविवार को जो प्रस्तावित किया था वह पहले से प्रस्तावित प्रस्ताव का कुछ हद तक मिलता जुलता रुप था। उनके पिछले बयानों के अनुसार उनकी सरकार क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में सभी बस्तियों और पूरे जॉर्डन घाटी को मिलाने की योजना बना रही थी। रविवार को वह जॉर्डन घाटी का उल्लेख करने से बचते रहे।

फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों के अंदर 130 से अधिक अवैध बस्तियों में इज़रायल के लगभग 450,000 नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं।

इस बीच शनिवार को कोरोनोवायरस के ख़तरों को नज़रअंदाज़ करते हुए हज़ारों इज़रायली नागरिक तेल अवीव के राबिन स्क्वायर में क़ब्ज़े वाले इलाक़ों को मिलाने की नेतन्याहू की योजना के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर गए। इस दौरान प्रदर्शनकारी अपनी हाथों में बैनर लिए हुए थे जिसपर लिखा था "नो टू एनेक्सेशन, नो टू ऑक्यूपेशन, येस टू पीस एंड डेमोक्रेसी, पैलेस्टिनियन लाइव्स मैटर”।

ये विरोध प्रदर्शन कई पार्टियों द्वारा आयोजित की गई जिसमें वामपंथी मेरिट्ज़ पार्टी और अरब ज्वाइंट लिस्ट के कम्युनिस्ट गुट शामिल था। इन प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया और COVID-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सुरक्षा के नियमों का पालन किया।

पिछले महीने सत्ता में आए नेतन्याहू की लिकुड और बेनी गैंट्ज़ के ब्लू एंड व्हाइट की अति दक्षिणपंथी गठबंधन की नई सरकार ने अपने प्राथमिक एजेंडे के रूप में क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों के एनेक्सेशन को रखा है। ये एनेक्सेशन योजना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना से मेल खाती है जिसे इस साल जनवरी में प्रस्तावित किया गया था। इसके अनुसार फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों का 30% एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य के बदले में इज़रायल को दिया जाएगा। फ़िलिस्तीनियों ने इसे एकपक्षीय और पक्षपाती बताते हुए इस योजना को ख़ारिज कर दिया है।

Israel
Benjamin Netanyahu
Netanyahu
Middle East
Palestine

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर गंभीर गेहूं संकट का सामना करता मध्य पूर्व

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा


बाकी खबरें

  • रवि शंकर दुबे
    भाजपा की ‘’देखा-देखी बुल्डोज़र राजनीति’’ में विकास के हाथ-पांव फूल चुके हैं!
    22 Apr 2022
    देश में इन दिनों भाजपा शासित राज्य बुल्डोज़र की आवाज़ से गरज रहे हैं, जिसमें न सिर्फ लोगों के घरौंदे रौंदे जा रहे हैं, बल्कि असल मुद्दों को भी जमकर कुचला जा रहा है।
  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या सांप्रदायिकता बड़े कारोबारियों को नापसंद है?
    22 Apr 2022
    हम सबको लगता है कि जब देश में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ती है तो करोबार का माहौल खराब होता है. क्या वाकई ऐसा होता है? या यह महज धारणा है? सांप्रदायिक मनोभाव का शिकार नौजवान क्यों हो रहे है? साल 1990 के…
  • आज का कार्टून
    लाउडस्पीकर तो बहाना है...
    22 Apr 2022
    देश में अब एक नए राजनीतिक मुद्दे का जन्म हो चुका है, ‘’लाउडस्पीकर’’… क्योंकि मौजूदा सरकार के हिसाब से बेरोज़गारी, महंगाई, रोज़गार अब याद रखने योग्य नहीं।
  • हर्षवर्धन
    कौन हैं ग़दरी बाबा मांगू राम, जिनके अद-धर्म आंदोलन ने अछूतों को दिखाई थी अलग राह
    22 Apr 2022
    मांगू राम को अपने स्कूली जीवन में वह सब झेलना पड़ा जो उस वक़्त ‘अस्पृश्य’ माने जाने वाली जातियों के बच्चों को झेलना पड़ता था।
  • कुमुदिनी पति
    राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना को क्यों खत्म कर रही है मोदी सरकार?
    22 Apr 2022
    भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने बिना कोई कारण बताए पिछले माह अचानक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया कि एनसीएलपी (NCLP) को 31 मार्च 2022 के बाद से नहीं चलाया जाएगा और इसे केंद्रीय…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License