NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
विज्ञान
भारत
अंतरराष्ट्रीय
सार्स-सीओवी-2 का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट और उससे चिंता के कारण
कोविड के इस नए वैरिएंट से चिंता की एक वजह, विशेषकर भारत के सन्दर्भ में यह हो सकती है कि तथ्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के प्रति अवरोधक साबित हो सकते हैं।
संदीपन तालुकदार
16 Jun 2021
covid

एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस का एक नया उत्परिवर्तित वैरिएंट, जिसे डेल्टा प्लस या एवाई.1 नाम दिया गया है, और यह डेल्टा के वैरिएंट के रूप में कर भारत में पहली बार सामने आया है।

इंस्टीट्यूट ऑफ़ जिनोमिक्स एंड इन्टीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), दिल्ली के एक वैज्ञानिक, विनोद सकारिया के अनुसार, डेल्टा प्लस वैरिएंट को इसके स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन को हासिल कर लेने की विशिष्टता के तौर पर देखा जा रहा है, यह प्रोटीन वायरस को मानव कोशिकाओं से चिपके रहने और उन्हें संक्रमित करने में मददगार साबित हो सकता है। स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन को के417एन नाम दिया गया है, जिसे डेल्टा वैरिएंट में भी पाया गया है।

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा है कि जीआईएसएआईडी, एक डेटाबेस जहाँ दुनिया भर में नोवेल कोरोनावायरस के जीनोम सीक्वेंसेस को संग्रहित करके रखा जाता है, उसके अनुसार, अभी तक विश्व भर में 63 जीनोम में डेल्टा और के417एन के उत्परिवर्तनों को देखा गया है। पीएचई ने यह भी कहा है कि 7 जून तक, भारत में ऐसे छह मामले प्रकाश में आये हैं, जहाँ इस नए वैरिएंट को पाया गया है। 

13 जून को, सकारिया ने ट्विटर पर लिखा था कि “भारत में इस समय के417एन के लिए वैरिएंट फ्रीक्वेंसी कुछ खास नहीं है। ये अनुक्रम ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से हैं।”

आंकड़ों के मुताबिक, एसएआरएस-सीओवी-2 का सबसे पहला जीनोम अनुक्रम जिसमें नए वैरिएंट का उत्परिवर्तन हुआ था, को इस साल मार्च के अंतिम चरण में यूरोप में पाया गया था। 

हालाँकि अच्छी बात यह है कि अभी तक, भारत में इस नए वैरिएंट की घटनाएं बेहद कम देखने को मिली हैं। नए वैरिएंट की  यात्रा इतिहास व्यापक स्तर पर उपलब्ध नहीं है, इसलिये इस वैरिएंट के बारे में सीधे तौर पर कोई कयास लगा पाना संभव नहीं है। हालाँकि, वैरिएंट के बारे में चिंता की एक वजह विशेषकर भारत के सन्दर्भ में यह हो सकती है कि तथ्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के प्रति प्रतिरोधी साबित हो सकते हैं।

कासिरिविमैब एवं इम्डेविमैब के मोनोक्लोनल कॉकटेल को भारत में केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से आपातकालीन इस्तेमाल के लिये प्राधिकार हासिल हो चुके हैं। हालाँकि, रोच इंडिया और सिप्ला ने मोनोक्लोनल एंटीबाडी जोड़ी की कीमत काफी ज्यादा रखी हुई है। एनडीटीवी के अनुसार, इसकी कीमत 59,750 रूपये प्रति खुराक है।

मोनोक्लोनल एंटीबाडीज को कृत्रिम रूप एंटीबॉडीज पैदा करने के लिए एक प्रयोगशाला में उत्पादन किया जाता है और इस प्रकार से तैयार किया जाता है कि वे उन रोगों के खिलाफ अत्यंत प्रभावी साबित हो जाते हैं, जिनके लिए इस तैयार किया गया है। एंटीबॉडीज असल में वे प्रोटीन अणु होते हैं जो हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र (प्रतिरक्षा प्रणाली) द्वारा संक्रमण से लड़ने के लिए पैदा किये जाते हैं।

कासिरिवीमैब और इम्डेविमैब मोनोक्लोनल एंटीबाडीज हैं जिन्हें विशेष तौर पर एसएआरएस-सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ लड़ने के लिए निर्मित किया गया है। इन एंटीबाडीज को इस प्रकार से डिजाईन किया गया है कि वे इंसानी कोशिकाओं में वायरस को चिपकने से रोक सकते हैं (जिसे स्पाइक प्रोटीन की मदद से किया जाता है) और वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश से रोक सकते हैं।

हालाँकि, व्यावसायिक मोनोक्लोनल एंटीबाडी का नए उभरे हुए वैरिएंट से प्रतिरोध सीधे तौर पर यह नहीं बताता है कि यह उच्चतर विषाक्तता से सम्बद्ध है या रोग में कहीं अधिक गंभीरता का कारण बन सकता है।

आईआईएसईआर, पुणे की एक गेस्ट फैकल्टी, प्रतिरक्षा विज्ञानी विनीता बल ने अपने बयान में कहा था “यह संक्रमण कितनी तेजी से फैल सकता है यह इस चीज पर निर्भर करता है कि  यह कितना संक्रामक है।” बल ने यह भी इंगित किया कि एक संक्रमित व्यक्ति में उत्पन्न प्रभावहीन करने वाली एंटीबाडीज की गुणवत्ता और मात्रा में नए उत्परिवर्तन से प्रभावित होने की कोई खास संभावना नहीं है। 

उनका यह भी कहना था कि इस नए वैरिएंट से संक्रमण को लेकर फिलहाल कोई ख़ास चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

इसी प्रकार, आईजीआईबी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने यह भी कहा है कि अभी फिलहाल भारत में चिंता करने की कोई वजह नहीं है। उन्होंने इशारा किया कि जिन लोगों का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है, उनके ब्लड प्लाज्मा को एकत्र करना होगा और फिर यह समझने के लिए परीक्षण करना होगा कि क्या नया वैरिएंट कोई महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा से बचने के खिलाफ कारगर है या नहीं है।

COVID-19
Coronavirus
Spike Protein
COVID Variants

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License