NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पीएम के आह्वान से नया संकट : एक साथ लाइट बंद करने से फेल हो सकते हैं पावर ग्रिड !
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फ़ेडेरेशन ने चिंता जताई है कि पावर ग्रिड फेल होने से चिकित्सा सेवाएँ भी प्रभावित हो सकती हैं जिस से सारे देश में हाहाकार मच सकता है। इस सबको लेकर फ़ेडेरेशन प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आगाह करेगा।
असद रिज़वी
04 Apr 2020
power grid
Image courtesy: Yahoo News

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 5 अप्रैल को रात 9 बजे एक साथ लाइटें बंद होने से पूरे देश में बिजली सप्लाई का पावर ग्रिड फेल होने का ख़तरा उत्पन्न हो गया है। ये हमारा कहना नहीं बल्कि बिजली विभाग के इंजीनियरों का ही मानना है। बिजली बंद करने के आह्वान से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और बिजली उत्पादन तथा वितरण से जुड़ी सभी इकाइयों की रातों की नींद उड़ गई है।

पावर ग्रिड फेल होने से चिकित्सा सेवाएँ भी प्रभावित हो सकती हैं जिस से सारे देश में हाहाकार मच सकता है।

grid letter 1.jpg

बिजली विभाग के इंजीनियर मानते हैं कि 5 अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए सारी लाइटें बंद होने से अचानक पावर लोड काम हो जाएगा जिस से देश भर में बिजली सप्लाई का पावर ग्रिड फेल हो सकती है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फ़ेडेरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान सुनने के बाद उनको एक पत्र लिखकर सम्भावित बड़े ख़तरे से आगाह करने की बात कही है।

फ़ेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे के अनुसार लॉकडाउन के चलते बिजली की मांग पहले ही काफ़ी कम है। पिछले महीने 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से अब तक 10 दिनों में ग्रिड पर लोड लगभग 30 प्रतिशत कम हो गया है। ट्रेन, फैक्ट्री समेत सभी बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं। बिजली का और स्टोरेज करना संभव नही है। जिस समय लोड कम होता है या बढ़ता है उस समय किसी पॉवर प्लांट में उतना लोड कम किया जाता है या बढ़ाया जाता है। 

शैलेंद्र दुबे बताते हैं कि देश में जो बिजली कि सप्लाई हो रही है उसका 70 प्रतिशत से अधिक थर्मल प्लांट से आता है। उनके अनुसार थर्मल प्लांट की लोड कम करने की क्षमता बहुत सीमित होती है, और अगर थर्मल प्लांट को उनकी क्षमता के 60 प्रतिशत लोड से कम पर चलाये जाएं तो उनके स्थायित्व पर भारी संकट आ सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे बिंदु को ‘टेक्निकल मिनिमम’ कहा जाता है। लॉकडाउन शुरू होने के बाद से बड़ी संख्या में थर्मल प्लांट ‘टेक्निकल मिनिमम’ या उसके क़रीब ही चल रहे हैं।

वरिष्ठ अभियंता कहते हैं कि अगर प्रधानमंत्री के आह्वान पर बिजली बंद करने का अमल 70 प्रतिशत भी अमल में आता है तो पावर ग्रिड पर अचानक बड़ा फ़र्क़ पड़ेगा। जिस से अनावश्यक तौर पर सारी व्यवस्था हलकान होगी क्यूँकि ग्रिड डिस्टर्ब हुआ तो उपभोक्ताओं को कई घंटे तक अंधेरे में रहना होगा। क्यूँकि व्यवस्था को दोबारा शुरू होने में 12-18 घंटे तक लग सकते हैं। इस बीच चिकित्सालयों और अन्य आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।

अब इस ख़तरे से कैसे बचा जाए इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर ग्रिड को बचाने के लिए सभी राज्यों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग पर विचार किया जा रहा है। अभियंताओं (इंजीनियर्स) को उम्मीद है कि निश्चित रूप से इसमें कुछ निर्देश सामने आयेंगे।

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में तय किया गया है कि सम्भावित ख़तरे से निबटने के लिए सभी अभियंता अपने स्टाफ़ के साथ 5 अप्रैल को रात 8 बजे से 10 बजे तक सब स्टेशनों पर जगह–जगह  ड्यूटी पर मौजूद रहेंगे।

ऊर्जा मंत्रालय के डेटा के अनुसार 2 अप्रैल 2020 को भारत में पॉवर की माँग 1,25,817 MW थी जबकि 2 अप्रैल 2019 को यह माँग 1,68,326 MW थी। यानी 02 अप्रैल 2020 को माँग में 20 प्रतिशत कि कमी दर्ज हुई है।

उल्लेखनीय है कि 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संदेश में कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने में सभी देशवासियों से देशव्यापी एकजुटता दिखाने के लिए 5 अप्रैल को रात में 9 बजे 9 मिनट के लिए सारी लाइटें बंद करके घरों के दरवाज़ों, बॉलकनी में मोमबत्तियाँ, दीये और मोबाइल लाइट जलाने का आह्वान किया है।

IMG_7038.jpg

IMG_7040.jpg

* पॉवर माँग के आँकड़े एनर्जीवर्ल्ड से लिए गए हैं

(असद रिज़वी एक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

Narendra modi
Light off
India Lockdown
Power Grid Corporation of India
Power Grid Failure

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़

हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 


बाकी खबरें

  • ram_navmi
    अफ़ज़ल इमाम
    बढ़ती हिंसा व घृणा के ख़िलाफ़ क्यों गायब है विपक्ष की आवाज़?
    13 Apr 2022
    हिंसा की इन घटनाओं ने संविधान, लोकतंत्र और बहुलतावाद में विश्वास रखने वाले शांतिप्रिय भारतवासियों की चिंता बढ़ा दी है। लोग अपने जान-माल और बच्चों के भविष्य को लेकर सहम गए हैं।
  • varvara rao
    भाषा
    अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की
    13 Apr 2022
    बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की वह याचिका बुधवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चिकित्सा आधार पर स्थायी जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।
  • CORONA
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 1,088 नए मामले, 26 मरीज़ों की मौत
    13 Apr 2022
    देश में अब तक कोरोना से पीड़ित 5 लाख 21 हज़ार 736 लोग अपनी जान गँवा चुके है।
  • CITU
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन
    13 Apr 2022
    ये सभी पिछले माह 39 दिन लंबे चली हड़ताल के दौरान की गई कार्रवाई और बड़ी संख्या आंगनवाड़ी कर्मियों को बर्खास्त किए जाने से नाराज़ थे। इसी के खिलाफ WCD के हेडक्वार्टस आई.एस.बी.टी कश्मीरी गेट पर प्रदर्शन…
  • jallianwala bagh
    अनिल सिन्हा
    जलियांवाला बाग: क्यों बदली जा रही है ‘शहीद-स्थल’ की पहचान
    13 Apr 2022
    जलियांवाला बाग के नवीकरण के आलोचकों ने सबसे महत्वपूर्ण बात को नज़रअंदाज कर दिया है कि नरसंहार की कहानी को संघ परिवार ने किस सफाई से हिंदुत्व का जामा पहनाया है। साथ ही, उन्होंने संबंधित इतिहास को अपनी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License