NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
निर्मला सीतारमण के बजट में उदारीकरण को आगे बढ़ाने पर जोर
सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपनी कुछ हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए बेचने की घोषणा की है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Feb 2020
budget

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये जहां एक तरफ उदारीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया वहीं दूसरी तरफ लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिये कई कदमों की घोषणा की। वित्त मंत्री ने आयकर ढांचे में बड़े बदलाव की घोषणा करते हुए आयकर दरों की सात श्रेणियां बना कर मध्यवर्ग को राहत देने की पहल की है। कंपनियों के लिये लाभांश वितरण कर समाप्त करने और अप्रत्यक्ष कर रिफंड के क्षेत्र में चीजों को सरल बनाने पर जोर दिया गया है।

एलआईसी में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

वित्त मंत्री ने लोकसभा में प्रस्तुत किए गए 2020- 21 का बजट में उदारीकरण और सुधारों को बढ़ाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने और आईडीबीआई बैंक में सरकार की शेष हिस्सेदारी को निवेशकों को बेचने का प्रस्ताव किया है।

सीतारमण ने उद्योग जगत की एक पुरानी मांग को पूरा करते हुये कंपनियों के लिए लाभांश वितरण कर (डीडीटी) समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब लाभांश पर कर लाभांश पाने वाले को देना होगा।

वर्तमान में कंपनियों को शेयरधारकों में वितरित की जाने वाली लाभांशा की राशि पर 15 प्रतिशत की दर से लाभांश वितरण कर जमा करना होता है। वित्त मंत्री ने यह बजट ऐसे समय पेश किया है जब दुनिया भर में आर्थिक सुस्ती का दौर जारी है। भारत पर भी इसका असर देखा गया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले 11 साल का न्यूनतम स्तर है।

वित्त मंत्री ने अपने करीब पौने तीन घंटे चले लंबे बजट भाषण में किसानों, महिलाओं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यटन और ढांचागत परियोजनाओं के क्षेत्र में कई घोषणाएं की हैं।

सरकार ने पेश की नयी कर व्यवस्था

आयकर के मोर्चे पर करदाताओं कुछ राहत देते हुए वित्त मंत्री ने आयकर स्लैब में व्यापक बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय पहले की तरह मुक्त रखी गई है जबकि 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा।

पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव किया गया है। पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगान का प्रस्ताव है।

किसानों की बेहतरी के लिये 16 बिंदुओं की कार्ययोजना

खेती-बाड़ी को बढ़ावा देने के लिये वित्त मंत्री ने राज्यों से कृषि भूमि पट्टे, विपणन और ठेका खेती के लिए तीन केंद्रीय मॉडल कानूनों... कृषि भूमि पट्टा आदर्श अधिनियम- 2016, कृषि उपज और पशुधन मंडी आदर्श अधिनियम- 2017, कृषि उपज एवं पशुधन अनुबंध खेती, सेवाएं संवर्धन एवं सुगमीकरण आदर्श अधिनियम- 2018... को अपनाने के लिए कहा।

किसानों की आय बढ़ाने के लिये वित्त मंत्री ने उनके बंजर जमीन पर सोलर पंप लगाने के लिए 20 लाख किसानों को सहायता देने का प्रस्ताव किया है। वित्तमंत्री ने कहा कि जिन किसानों के पास बंजर जमीनें हैं, उन्हें सौर बिजली इकाइयां लगाने और अधिशेष बिजली सौर ग्रिड को बेचने में मदद की जाएगी।   उन्होंने बजट में किसानों की बेहतरी के लिये 16 बिंदुओं की कार्ययोजना तथा राज्यों को प्रोत्साहन देने के उपायों की घोषणा की है।

बुनियादी ढांचे के लिए 103 लाख करोड़ की परियोजनाएं

बुनियादी ढांचे के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के लिए सरकार ने 103 लाख करोड़ रुपये की अवसंरचना परियोजनाएं शुरू की हैं और वह राजमार्गों के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही जल्द एक लॉजिस्टिक नीति लाने का प्रस्ताव भी किया।

उन्होंने कहा कि ढांचागत परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिये एक परियोजना सुविधा केंद्र बनाया जाएगा और इस क्षेत्र से जुड़ी तमाम सरकारी एजेंसियों को इसके साथ जोड़ा जाएगा। विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये उन्होंने देश में मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण के लिये एक नयी योजना का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर जिले उत्पाद विशेष का निर्यात केंद्र बनाने का है।

राजकोषीय घाटा 3.8 प्रतिशत होने का अनुमान

सरकार के खर्च बढ़ाने एवं कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत से बढ़कर 3.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस संबंध में वित्त मंत्री ने वित्तीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन कानून (एफआरबीएम एक्ट) लक्ष्यों में 0.5 प्रतिशत तक विस्तार का प्रस्ताव किया है।

वित्त मंत्री ने वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.5 प्रतिशत तक सीमित रहने का अनुमान लगाया है। वहीं जीडीपी वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 10 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्री ने बजट में वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्राप्तियां 22.46 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है और वर्ष के दौरान विभिन्न योजनाओं और बेहतर जीवन स्तर के लिये जरूरी खर्च को ध्यान में रखते हुए कुल 30.42 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Union Budget 2020-21
Nirmala Sitharaman
Narendra modi
modi sarkar
BJP
union budget
Liberalization

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License