NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ : सरकार
सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’ सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?
भाषा
04 Feb 2020
Parliament

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर प्रदर्शन हो रहे हैं।

राय ने कहा, ‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’ सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?

गौरतलब है कि 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा था कि सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद संसद या कैबिनेट में इस बारे में चर्चा नहीं की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी पिछले शुक्रवार को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में एनआरसी का जिक्र नहीं किया था। उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एनआरसी के उन्नयन का काम केवल असम में हो रहा है।
 
लोकसभा में ही के नवासखनी ने एक प्रश्न में सरकार से जानना चाहा कि क्या मुस्लिम शरणार्थियों को अब भारत में नागरिकता प्रदान की जायेगी। इस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित उत्तर में कहा, ‘किसी भी श्रेणी के वैध प्रवासी देशीकरण अधिनियम की धारा 6 अथवा पंजीकरण अधिनियम की धारा 5 के माध्यम से भारतीय नागरिकता हासिल करने की मौजूदा कानूनी प्रक्रिया में कोई संशोधन नहीं हुआ है।’

उन्होंने बताया कि पड़ोसी देशों के बहुसंख्यक लोगों वाले धर्म के कई प्रवासियों को भी उनके द्वारा सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन किये जाने और उनके पात्र पाए जाने पर भारतीय नागरिकता प्रदान की गई । उन्होंने कहा कि भारत के सभी वैध प्रवासियों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के अनुसार, यदि वे पात्रता की शर्तो को पूरा करते हैं तो नागरिकता जारी रहेगी।

मंत्री ने अपने लिखित जवाब के साथ वर्ष 2010 के बाद से भारतीय नागरिकता प्रदान किये गए विदेशी नागरिकों का वर्षवार ब्यौरा दिया। इसके अनुसार, वर्ष 2010 से 2019 के बीच 21408 विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।
 
नित्यानंद राय ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 का उद्देश्य अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन पारसी और ईसाई समुदायों के ऐसे प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की सुविधा देना है जिन्होंने अपने देश में धर्म के आधार पर उत्पीड़न होने अथवा ऐसे उत्पीड़न के भय के कारण भारत में शरण ले रखी है और जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया है। 

NRC
NRC Process
NO NRC
Chandan Singh
Nama Nageshwar
CAA
Narendra modi
BJP
religion
NRC CAA protest
Parliament of India

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License