NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली दंगे को उकसाने में नेताओं की भूमिका का कोई सबूत नहीं: दिल्ली पुलिस
उच्च न्यायालय में पुलिस का बयान उन याचिकाओं के जवाब में आया है जिनमें आरोप लगाये गये थे कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा समेत भाजपा नेताओं ने नफ़रत भरे भाषण दिये थे जिससे हिंसा भड़की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Jul 2020
दिल्ली दंगे

नयी दिल्ली: दिल्ली दंगों में एक तरफ़ जहां छात्र, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर जेल भेजा जा रहा है, वहीं बड़े राजनीतिक दलों ख़ासकर बीजेपी के नेताओं के ख़िलाफ़ पुलिस को कोई सुबूत नहीं मिले हैं।

समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के अनुसार दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उच्च न्यायालय से कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच में अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चलता हो कि राजनीतिक नेताओं ने हिंसा को उकसाया या उसमें हिस्सा लिया। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की जान चली गयी थी।

उच्च न्यायालय में पुलिस का बयान उन याचिकाओं के जवाब में आया है जिनमें आरोप लगाये गये थे कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा समेत भाजपा नेताओं ने नफरत भरे भाषण दिये थे जिससे हिंसा भड़की।

एक अन्य अर्जी में आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस नेताओं तथा मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान जैसे आप नेताओं तथा एआईएमआईएम विधायक वारिस पठान ने भी घृणाभरे भाषण दिये थे।

इन अर्जियों पर जवाब में पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा, ‘‘ यह स्पष्ट किया जाता है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे से जुड़े उपरोक्त सभी मामलों में अब तक की जांच में ऐसा कोई कार्रवाई योग्य सबूत सामने नहीं आया है जो रिट याचिकाओं में उल्लेखित व्यक्तियों की दंगा भड़काने या उसमें हिस्सा लेने में उनकी भूमिका का संकेत करता है।’’

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के सामने यह हलफनामा दिया गया। इस पर आगे सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

आपको बता दें कि दिल्ली दंगों के मामलों में अभी तक बड़ी संख्या में लोगों को दंगा भड़काने, साज़िश रचने, उकसावे की कार्रवाई इत्यादि के आरोप में जेल भेजा चुका है। इनमें जामिया मिल्लिया के छात्र, पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता, और सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी शामिल हैं।

इसे पढ़ें : दिल्ली दंगे : चार्जशीट के मुताबिक़, सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने ‘प्रतिशोधी’ कार्रवाई को भड़काया

आपको मालूम है कि इन्हीं आरोपो में जामिया मिलिया इस्लामिया की शोध छात्रा और जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की सदस्य गर्भवती सफ़ूरा ज़रगर को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया था। अब काफ़ी जद्दोजहद के बाद मानवीय आधार पर 23 जून को उनको दिल्ली हाईकोर्ट से ज़मानत मिली है।  

इसे भी पढ़ें : लंबे संघर्ष के बाद सफ़ूरा ज़रगर को मिली ज़मानत

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Delhi Violence
Delhi riots
Political leader
kapil MIshra
Hate Speech
delhi police

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

मनासा में "जागे हिन्दू" ने एक जैन हमेशा के लिए सुलाया

‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!

वैष्णव जन: गांधी जी के मनपसंद भजन के मायने

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’


बाकी खबरें

  • अदिति निगम
    25 मार्च, 2020 - लॉकडाउन फ़ाइल्स
    26 Mar 2022
    दो साल पहले भारत के शहरों से प्रवासी परिवारों का अब तक का सबसे बड़ा पलायन देखा गया था। इसके लिए किसी भी तरह की बस या ट्रेन की व्यवस्था तक नहीं की गयी थी, लिहाज़ा ग़रीब परिवार अपने गांवों तक पहुंचने…
  • सतीश भारतीय
    गुरुग्राम में कॉलेज छात्रों की गैंग जबरन कर रही है, रेहड़ी-पटरी वालों से ‘हफ़्ता वसूली‘
    25 Mar 2022
    फिल्मों में ‘हफ्ता वसूली‘ गुन्डे करते हैं और गुरुग्राम की धरती पर पढ़े लिखे नौजवान कर रहे हैं।
  • रवि शंकर दुबे
    योगी को फिर मुख्यमंत्री बनाना भाजपा की मज़बूती दर्शाता है या मजबूरी?
    25 Mar 2022
    योगी आदित्यनाथ जब दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तो भाजपा हाईकमान के चेहरे पर बिखरी खुशी कितनी असली थी कितनी नकली? शायद सबसे बड़ा सवाल यही है।
  • सोनिया यादव
    यूपी से लेकर बिहार तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की एक सी कहानी
    25 Mar 2022
    उत्तर प्रदेश में जहां बीजेपी दूसरी बार सरकार बना रही है, तो वहीं बिहार में बीजेपी जनता दल यूनाइटेड के साथ गठबंधन कर सत्ता पर काबिज़ है। बीते कुछ सालों में दोनों राज्यों पितृसत्तात्मक राजनीति की…
  • अजय कुमार
    श्रीलंका की तबाही इतनी भयंकर कि परीक्षा के लिए कागज़ का इंतज़ाम भी नहीं हो पा रहा
    25 Mar 2022
    श्रीलंका में रसोई गैस के एक सिलेंडर की कीमत तकरीबन 4200 श्रीलंकन रुपये तक पहुंच गयी है। एक किलो दूध का पैकेट तकरीबन 600 श्रीलंकन रुपये में मिल रहा है। कागज की कमी की वजह से सरकार ने स्कूली परीक्षा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License