NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
खेल
भारत
राजनीति
यह सम्मान नहीं खिलाड़ियों के मुंह बंद रखने का इनाम है : जगमति सांगवान
“सम्मान पेंशन घोषणा के इस खास समय चुनाव को देखते हुए इसे व्यापक तौर पर सम्मान नहीं बल्कि न्याय के हक में न बोलने व खड़ा होने की रिश्वत की तरह से ही देखा जाएगा। अतः हरियाणा के खिलाड़ियों को इस ऑफर को अभी स्वीकार करने से सामूहिक रूप से इंकार कर देना चाहिए।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Dec 2020
jagmati sangwan

वालीबॉल में भीम अवार्डी और प्रसिद्ध समाजसेवी जगमति सांगवान ने हरियाणा की खट्टर सरकार की ओर से खिलाड़ियों के लिए सम्मान पेंशन की घोषणा को एक धोखा बताते हुए इसे किसान आंदोलन की सफलता से उपजी घबराहट का नतीजा बताया है। उनका कहना है कि जिस तरह पंजाब के सभी खिलाड़ी किसान आंदोलन के पक्ष में खड़े होकर अपने अवार्ड वापस कर रहे हैं, वही सिलसिला हरियाणा में न शुरू हो जाए, इसी से घबराकर खट्टर सरकार ने एक तरह से रिश्वत का सहारा लिया है।

आइए समझते हैं कि जगमति सांगवान इस पूरी कवायद को किस तरह देख रही हैं। उनका पूरा बयान इस प्रकार है-    

हमारे देश में चल रहे न्यायप्रिय व शांतिपूर्ण किसान आंदोलन के समर्थन में  वाजिब ही पंजाब के बहादुर खिलाड़ियों द्वारा बुलंद आवाज से अपने खेल-अवार्ड वापस करने की घोषणा की गई। हरियाणा में  भी इसकी धमक तो देर सवेर पहुंचनी ही थी। बिजेंद्र बॉक्सर व असन सिहं सांगवान द्वारा अवार्ड वापसी की धमकी के बाद जाहिर तौर पर हरियाणा सरकार घबरा गई है। अतः उसने आनन-फानन में बिना खिलाड़ियों से किसी प्रकार की सलाह के अतार्किक सी सम्मान -पेंशन की घोषणा कर दी है।

यद्यपि यह सम्मान  पेंशन खिलाड़ियों की लंबे समय से मांग रही है, क्योंकि उनकी खुराक व स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें भी बढ़ी हुई होती हैं तथा उन्हें अनेक तरह के खेल ईवेन्टस में प्रोत्साहन कर्ता की तरह से भी उपस्थित रहना होता है।

इस से पूर्व की हुड्डा सरकार ने भी कुछ शुरुआती घोषणाएं की थी। परंतु जिस प्रकार से हरियाणा सरकार ने कल, 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ पर यह घोषणा कि वह संदेह के दायरे से परे नहीं कही जा सकती। इसमें बड़ी तोप का मुंह बंद रखने का बड़ा इनाम व छोटी का छोटा इनाम, की तरकीब से भी काम लिया गया है। वरना हरियाणा सरकार को तो अपने  अवार्डियों के लिए ज्यादा पेंशन प्रावधान रखना चाहिए बजाय राष्ट्रीय इनाम धारकों के जो पहले से ही बड़ी-बड़ी राष्ट्रीय पेंशन ले रहे हैं। कौन नहीं जानता कि इस स्तर के खिलाड़ियों की उपलब्धियां लगभग बराबर सी ही होती हैं।

सम्मान पेंशन घोषणा के इस खास समय चुनाव को देखते हुए इसे व्यापक तौर पर सम्मान नहीं बल्कि  न्याय के हक में न बोलने व खड़ा होने की रिश्वत की तरह से ही देखा जाएगा। अतः हरियाणा के खिलाड़ियों को इस ऑफर को अभी स्वीकार करने से सामूहिक रूप से इंकार करके अपनी विवेकशीलता व न्यायप्रियता के माद्दे का परिचय देना चाहिए। क्योंकि हम खिलाड़ी यह कैसे भूल सकते हैं कि इन मेडलों व इनामों का रास्ता उन्हीं खेत खलिहान से होकर गुजरता है जिनके बचाव के लिए आज हमारे देश के किसान-मजदूर सिर धड़ की बाजी लगाकर लड़ रहे हैं। मोर्चे पर डटे इन सिपाहियों के लिए हमारी सलामी व समर्थन पेश करने का हमारी तरफ से यही उपयुक्त तरीका हो सकता है।

Jagmati Sangwan
volleyball
Haryana
Manohar Lal khattar
farmers protest
Good Governance Day

Related Stories


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License