NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हरियाणा बेरोज़गारी में नंबर-1, हवा हो गए खट्टर और दुष्यंत के सारे वादे और दावे
हरियाणा की यह स्थिति तब है जब भाजपा सरकार राज्य के युवकों से पिछले दो विधानसभा चुनावों से लगातार लुभावने वादे करती आ रही है।
यूसुफ़ किरमानी
13 Sep 2020
 खट्टर और दुष्यंत
Image Courtesy:The Financial Express

बेरोज़गारी के मामले में हरियाणा देश का नंबर 1 राज्य बन गया है। यह स्थिति तब है जब हरियाणा की भाजपा सरकार राज्य के युवकों से पिछले दो विधानसभा चुनावों 2014 और 2019 से लगातार लुभावने वादे करती आ रही है। उसके सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने तो भाजपा से भी आगे जाकर बेरोज़गार युवकों से वादे किए थे।

2 अक्टूबर 2014 को हरियाणा भाजपा ने घोषणापत्र की जगह संकल्पपत्र जारी किया था। पार्टी ने इसमें 12वीं पास बेरोज़गार युवक और युवतियों को महीने में कम से कम 100 घंटे पार्ट टाइम जॉब के बदले 6000 रुपये मासिक मानदेय तथा ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट बेरोज़गार युवाओं को 9000 रुपये मासिक मानदेय का वादा किया था। भाजपा ने अपने दम पर सरकार बना ली और इस वादे को भूल गई। 2019 में वह फिर से चुनावी मैदान में उतरी। पिछले वादों को पूरा करने का ज़िक्र किए बिना भाजपा ने 2019 में 500 करोड़ खर्च कर 25 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने और अलग से युवा विकास और रोज़गार मंत्रालय बनाने की बात कही। लगभग एक साल होने जा रहे हैं लेकिन खट्टर सरकार इन दोनों वादों पर आगे नहीं बढ़ी है।

2019 के चुनाव में जेजेपी भी मैदान में थी। उसने अपने घोषणापत्र में कहा था -  हरियाणवी युवकों के लिए सभी नौकरियों में 75 फीसदी नौकरियाँ आरक्षित, नौकरी मिलने तक शिक्षित युवकों को 11000 रुपये बेरोज़गारी भत्ता, ग्रामीण छात्रों को नौकरी की परीक्षाओं में दस फीसदी अतिरिक्त अंक दिए जाने का वादा।

unemployment figure_0.jpg

ग्राफिक इमेज़ साभार

मुंह चिढ़ाते आंकड़े

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनमी (सीएमआईई) ने अगस्त महीने  की बेरोज़गारी की जो रिपोर्ट जारी की है, उसके मुताबिक हरियाणा में बेरोज़गारी की दर 33.5 फीसदी पहुंच गई है। हरियाणा उन टॉप 5 राज्यों में पहले नंबर पर है, जहां बेरोज़गारी सबसे ज्यादा है। लॉकडाउन ने हरियाणा को लगभग बर्बाद कर दिया है। बिहार जिसे रोज़गार देने के मामले में बहुत पीछे माना जाता है, उसने भी अपनी स्थिति सुधारी है। इसी तरह झारखंड की हालत में भी सुधार हुआ है।

हरियाणा में पिछले 6 साल में न तो कोई निवेश हुआ है और न ही रोज़गार के नए अवसर पैदा हुआ है। हालांकि खट्टर सरकार के पास रोज़गार देने के सुनहरे आंकड़े मौजूद हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। राज्य में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पूरी तरह बैठ गया है, टूरिज्म तबाह हो चुका है। खुदरा (रिटेल) दुकानदारों ने खूब ताली और थाली बजाई लेकिन हालात नहीं सुधरे।

रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के सीईओ कुमार राजगोपालन का कहना है कि देश में दस करोड़ लोग रिटेल बिजनेस में रोज़गार से लगे हुए हैं, जिसमें हरियाणा का योगदान 4-5 फीसदी है। यानी करीब 50 लाख लोग जो रिटेल बिजनेस में हरियाणा में रोज़गार पाये हुए थे, वे बेरोज़गार हो चुके हैं। होटल-रेस्तरां में काम करने वालों पर खासा असर पड़ा है। होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन आफ हरियाणा के मनबीर चौधरी के मुताबिक राज्य के विभिन्न होटलों में काम करने वालों में से 25-30 फीसदी लोग बेरोज़गार हो चुके हैं। इसी तरह रेस्तरां में काम करने वाले 60-70 फीसदी लोग बेरोज़गार हो चुके हैं। इसके अलावा मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बड़े पैमाने पर छंटनी हुई है। 

हरियाणा में शिक्षक भर्ती के लिए जरूरी परीक्षा एचटेट की परीक्षा करीब एक लाख युवकों ने पास की है लेकिन वो घरों में बैठे हैं। खट्टर सरकार अब तक उन्हें जेबीटी शिक्षक नियुक्त नहीं कर सकी है। जबकि राज्य के सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। हालांकि सरकार इस परीक्षा को हर साल कराकर करोड़ों रुपये फीस के रूप में वसूल लेती है। पिछले छह साल में इन बेरोज़गार युवकों से वसूली गई फीस को जोड़ लिया जाए तो उससे कई स्कूल-कॉलेज ही खोलकर इन्हें खपाया जा सकता है।

हरियाणा जहां दूसरे राज्यों से आये हुए लोगों को रोज़गार मुहैया कराता था, वहां पिछले 6 साल से वह रोज़गार देने में नाकाम है। राज्य में न तो नया निवेश हुआ और न ही दूर दूर तक फिलहाल कोई संभावना नजर आ रही है। खट्टर सरकार यह आंकड़ा देने में नाकाम है कि पिछले छह साल में कोई नई इंडस्ट्री निजी क्षेत्र में शुरू हुई हो।

हरियाणा की ईज़ आफ डूइंग बिजनेस में भी रैंकिंग 13 से गिरकर 16वें नंबर पर पहुंच चुकी है। ईज़ आफ डूइंग बिजनेस का अर्थ है कि राज्य में ऐसा वातावरण बनाना कि यहां काम करना या इंडस्ट्री चलाना आसान हो जाए। इसी रैंकिंग से स्पष्ट है कि दूसरे राज्यों से उद्योगपति और विदेशी कंपनियां हरियाणा में निवेश की इच्छुक नहीं हैं।

डूब रही है इंडस्ट्री

हरियाणा की छवि आमतौर पर एक कृषि प्रधान राज्य की है, जो सच भी है। इसके बावजूद फरीदाबाद, गुड़गांव, पानीपत बावल, कोंडली, बहादुरगढ़ में छोटी, बड़ी कंपनियों की भरमार है। जिनमें मारुति, बाटा, लखानी, हीरो हांडा, हांडा मोटर्स, एस्कॉर्ट्स ट्रैक्टर्स आदि बड़े कारखानों के अलावा हजारों की तादाद में छोटी-छोटी वर्कशॉप हैं। गुड़गांव में देश और विदेश की जानी-मानी आईटी कंपनियों के डेवेलपमेंट सेंटर हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से जून से फैक्ट्रियों के बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया। काफी जगहों पर छंटनी कर दी गई। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की कोई कंपनी अछूती नहीं रही जिसने फरीदाबाद और गुड़गांव में अपने कर्मचारियों को पिंक स्लिप न पकड़ाई हो। पानीपत में हैंडलूम का पूरा कारोबार ठप हो गया है। हिसार और बावल में कई फूड प्रोसेसिंग यूनिटों पर ताले लटक रहे हैं।

दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक शोशेबाजी

जेजेपी को करीब एक साल बाज हरियाणवी युवकों को नौकरियों में 75 फीसदी नौकरियां आरक्षित करने की याद आई। जुलाई के पहले हफ्ते में हरियाणा की खट्टर सरकार हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट आफ लोकल कैंडिडेट्स आर्डिनैंस ( Haryana State Employment of Local Candidates Ordinance, 2020) ले आई। इसे खट्टर का मास्टर स्ट्रोक कहा गया। मीडिया में ऐसी खबरें देखने को मिलीं कि खट्टर सरकार ने अपनी सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दबाव में यह कदम उठाया है। हालांकि राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य इस आर्डिनेंस को मंजूरी दे चुके हैं और इसे राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया है। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा इसे मंजूर करने की उम्मीद कम ही है, क्योंकि बाकी राज्य भी अगर इसी रास्ते पर चल पड़े तो एक तरह की अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।

यही नहीं हरियाणा के उद्योगों और कृषि आधारित उद्योग धंधे में ज्यादातर बिहार, झारखंड और यूपी के लोग कार्यरत हैं। वहां से इस अध्यादेश का विरोध तो नहीं हुआ लेकिन भाजपा के आला नेता इस अध्यादेश को लेकर अभी भी सशंकित हैं। उन्हें लगता है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर उन राज्यों में आंदोलन खड़ा कर सकती है।

जाग रहा है देश का युवा

देश के बेरोज़गार युवकों के अलग-अलग संगठनों ने 9 सितंबर को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए लाइट बंद करने का आह्वान देश के लोगों से किया था। यूपी कांग्रेस ने फौरन इस मुहिम का समर्थन कर दिया। इसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी इस मुहिम का समर्थन कर दिया। इस आंदोलन के पीछे हरियाणा के बेरोज़गार युवक थे तो यहां से भी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने आंदोलन का समर्थन कर दिया। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने 17 और 21 सितंबर को इस मुद्दे पर आंदोलन की घोषणा की है।

Haryana
BJP
manohar laal khattar
Dushyant Chautala
JJP
unemployment
Unemployment in Haryana

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License