NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मकान खरीदारों की शिकायतों का निपटारा तीन माह में करें अधिकारी: अदालत
गाजियाबाद की क्षिप्रा सृष्टि अपार्टमेंट ने एक रिहाइशी परियोजना के प्रवर्तक की ओर से समझौते के उल्लंघन में की गई कई अनियमितताओं को उजागर करते हुए यह याचिका दायर की थी। अदालत ने यह निर्णय 5 जनवरी, 2021 को दिया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
14 Jan 2021
अदालत
Image courtesy: The Financial Express

प्रयागराज, फ्लैट खरीदारों और प्रवर्तकों के बीच विवाद के बढ़ रहे मामलों पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए ‘यूपी अपार्टमेंट एक्ट, 2010’ और ‘यूपी औद्योगिक क्षेत्र विकास कानून, 1976’ या किसी अन्य कानून के तहत सक्षम अधिकारियों को मकान के खरीदारों या उनके संघों की शिकायत का तीन महीने के भीतर निपटारा करने का निर्देश दिया है।

आपको बता दे बड़े बड़े बिल्डर मकान खरीदारों से पैसे लेकर सालों साल तक माकन नहीं देते।  इसको लेकर कईबार सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकारों को आदेश दिया है इस पर कार्रवाई करे लेकिन अभीतक इस मामले में कुछ होता नहीं दिख रहा है।  ऐसे ही एक याचिका की सुनवाई करते हुए।

अदालत ने कहा कि इसके अलावा, सक्षम अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी निर्णय करने से पूर्व संबद्ध पक्षों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाये।

गाजियाबाद के क्षिप्रा सृष्टि अपार्टमेंट द्वारा दायर रिट याचिका निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया कि एक राजपत्रित अधिकारी छह महीने में कम से कम एक बार उस (विवाद वाले) अपार्टमेंट का दौरा करेगा और इस संबंध में वहां पंजीकृत संघ को पहले से सूचना दी जाएगी ताकि सदस्य अपनी शिकायतें बता सकें।

अदालत ने कहा, “किसी भी तरह के उल्लंघन को तत्काल संबद्ध अधिकारी के संज्ञान में लाया जाएगा जो तत्काल उपचारात्मक कदम उठाएगा।”

ये निर्देश पारित करते हुए अदालत ने कहा, "हमें देखने को मिलता है कि मकान के खरीदारों की ओर से बड़ी संख्या में मामले इस अदालत में आ रहे हैं। ये खरीदार अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई से फ्लैट खरीदते हैं और उन्हें प्रवर्तकों, बिल्डरों, विकास प्राधिकरणों की ओर से मनमानी का सामना करना पड़ता है तथा इस तरह के विवादों को हल करने के बजाय वे मूक दर्शक बन जाते हैं। "

अदालत ने कहा कि यह निर्देश इसलिए जारी किया गया है ताकि एक मकान क्रेता या पंजीकृत संघ को बार बार इस अदालत का रुख न करना पड़े।

गाजियाबाद की क्षिप्रा सृष्टि अपार्टमेंट ने एक रिहाइशी परियोजना के प्रवर्तक की ओर से समझौते के उल्लंघन में की गई कई अनियमितताओं को उजागर करते हुए यह याचिका दायर की थी। अदालत ने यह निर्णय 5 जनवरी, 2021 को दिया।

Allahabad High Court
UttarPradesh
UP Apartment Act
UP Industrial Area Development Act

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License