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सीरिया और इराक़ में अमेरिकी हवाई हमले में एक बच्चे की मौत, तीन अन्य घायल
पांच महीनों में यह दूसरी बार था जब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सत्ता में आने के बाद इस तरह के हमलों का निर्देश दिया। बाइडेन ने इस क्षेत्र के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुक़ाबले अलग वादा किया था।
पीपल्स डिस्पैच
28 Jun 2021
Biden

पश्चिम एशिया में अपनी आक्रामक नीतियों को जारी रखते हुए अमेरिकी सेना ने सोमवार 28 जून की सुबह सीरिया और इराक में कम से कम तीन अलग-अलग स्थानों पर हवाई हमले किए। जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद छह महीने में ये हमला दूसरी बार हुआ जिसकी वैश्विक स्तर पर निंदा हुई है।

सीरियन अरब न्यूज एजेंसी (एसएएनए) के अनुसार, दयार अल-ज़ॉर (दीर एज़ोर) प्रांत में इराक सीमा के पास अल-बुकामल शहर में नागरिक स्थान पर हुए हमलों में एक बच्चे की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए। एसएएनए के मुताबिक ये हवाई हमले तड़के करीब 1 बजे किए गए।

पेंटागन ने एक प्रेस बयान में दावा किया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा "कतैब हिजबुल्लाह और कतैब सैय्यद अल-शुहादा द्वारा इराक के अंदर अमेरिकी सैनिकों और परिसर पर मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी)" को लेकर "बदले" के रुप में इन हमलों को मंजूरी दी गई थी। इस बयान में आगे कहा गया कि ये हमले "रक्षात्मक" थे और सीरिया में दो स्थानों और इराक में एक स्थान पर परिचालन एवं हथियार भंडारण परिसरों पर लक्षित थे।

कतैब हिजबुल्लाह और कतैब सैय्यद अल-शुहादा इराकी सेना का एक आधिकारिक हिस्सा पॉपुलर मोबिलाइज़ेशन फोर्सेस (पीएमएफ) या हशद अल-शाबी के घटक है जो विशेष रूप से देश में विदेशी सैनिकों की तैनाती का विरोध करता है। ये पिछले साल जनवरी में अमेरिका द्वारा जनरल कासिम सुलेमानी और अबू महदी अल-मुहंदिस की हत्या के बाद विरोध कर रहा है। रविवार के हमले के बाद उन्होंने इस क्षेत्र में अमेरिका की मौजूदगी के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया।

आईएसआईएस या दायिश आतंकवादी समूह के खिलाफ लड़ने के लिए एक समझौते के बाद 2015 में अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को इस देश में तैनात किया गया था। सुलेमानी की हत्या के बाद इराक की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से सभी विदेशी सैनिकों को देश से बाहर निकालने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था, जिससे देश में उनकी उपस्थिति अवैध हो गई।

रविवार के हमले की दुनिया भर में युद्ध-विरोधी और मानवाधिकार समूहों द्वारा आलोचना की गई है क्योंकि ये पिछले साल अपने चुनाव प्रचार के दौरान बाइडेन द्वारा किए गए अपने शांति के वादों के ठीक उलट है। इनमें से कुछ संगठनों ने इस क्षेत्र में डोनाल्ड ट्रम्प की उन नीतियों को जारी रखना बताया है जिसकी काफी आलोचना की गई थी।

Joe Biden
America
Syria
Iraq

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