भारतीय राजनीति, खासकर देश के उत्तर, मध्य और पूर्वी हिस्से के प्रमुख विपक्षी दल इन दिनों भाजपा की चुनौती का सामना करने के नाम पर स्वयं भी उसके हिन्दुत्व एजेंडे के क़रीब पहुंचते जा रहे हैं
भारतीय राजनीति, खासकर देश के उत्तर, मध्य और पूर्वी हिस्से के प्रमुख विपक्षी दल इन दिनों भाजपा की चुनौती का सामना करने के नाम पर स्वयं भी उसके हिन्दुत्व एजेंडे के क़रीब पहुंचते जा रहे हैं. सबसे बुरा हाल है, आम आदमी पार्टी का जिसका गठन भ्रष्टाचार खत्म कर ईमानदार और पारदर्शी शासन स्थापित करने के नाम पर हुआ था. अब वह यूपी और उत्तराखंड में हिन्दुत्व के एजेंडे के करीब होकर तरह-तरह का ऐलान कर रही है. बसपा, कांग्रेस और सपा जैसी पार्टियां भी बहुजन समाज के हितों को सर्वोपरि रखने या संविधान और सेक्युलरिज्म की रक्षा की बजाय 'मुलायम हिन्दुत्व' या 'ब्राह्मणत्व' की पथिक बनती दिख रही हैं. #AajKiBaat के नये अंक में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विचारोत्तेजक विश्लेषण:
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