नयी दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार शाम को विपक्ष के कुल पांच नेताओं कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टीकेएस इलांगोवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
कोविड-19 प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ़ पांच नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात संभव हो सकी। विपक्षी नेताओं ने किसानों के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने का अनुरोध किया।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद विपक्षी नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 'हमने राष्ट्रपति को बताया कि तीन कृषि कानून अलोकतांत्रिक तरीके से संसद में पारित किए गए और इन कानूनों को वापस लिए जाने का अनुरोध किया।'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में हमने कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का अनुरोध किया क्योंकि ये कानून बिना चर्चा के पारित किए गए।'
उन्होंने कहा, 'जिस तरह से कृषि विधेयक पारित किए गए, हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है इसलिए वे ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।'
राहुल ने कहा, 'हमने राष्ट्रपति से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना बेहद महत्वपूर्ण है।'
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत देश के विभिन्न हिस्सों के किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों की अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई है।
भारत बंद के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार को किसान संगठनों के 13 नेताओं से बातचीत की थी, लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया था।
उसके बाद बुधवार को सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द कर दी गई थी। इसके बाद आज सरकार की ओर से किसानों को एक लिखित प्रस्ताव दिया गया है, जिसे किसानों ने ख़ारिज कर दिया है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)