NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश, हमला संज्ञेय और ग़ैर ज़मानती अपराध  
कोरोना संकट के चलते पिछले दिनों स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले और उत्पीड़न बढ़ गया था। इसको लेकर सज़ा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Apr 2020
image courtesy: the hindu
image courtesy: the hindu

दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी जिसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर ज़मानती अपराध बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस आशय की जानकारी दी।
 

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।
 

नये प्रावधानों के तहत ऐसा अपराध करने पर किसी व्यक्ति को तीन महीने से लेकर पांच वर्ष तक कैद की सजा दी जा सकती है और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति में छह महीने से लेकर सात वर्ष तक की कैद और एक से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
जावडेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जायेगा । इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा तथा उनके रहने एवं काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी ।

यह पूछे जाने पर क्या कोविड-19 के बाद भी नये बदलाव लागू रहेंगे, जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यादेश को महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिये मंजूरी दी गई है ।

उन्होंने सिर्फ इतना कहा, ‘‘ लेकिन यह अच्छी शुरूआत है।’’

 आपको बता दें कि कोरोना संकट के चलते पिछले दिनों स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले और उनका उत्पीड़न बढ़ गया था। एक तरफ़ तो जनता उनके सम्मान में तालियां बजा रही है लेकिन दूसरी तरफ़ जांच टीम पर हमले भी किए जा रहे थे। ऐसी भी ख़बरें आ रही थीं कि डॉक्टरों को ही कोरोना का कैरियर समझकर उनके पड़ौसी और आसपास के लोग ही उनका तिरस्कार और उत्पीड़न कर रहे थे। इसे लेकर डॉक्टरों समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों में बेहद रोष था।  

स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जायेगा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।

“भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज” के लिए 15000 करोड़ रुपये मंजूर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को “भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज” के लिए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य भविष्य में किसी बीमारी के फैलने से निपटने, रोकथाम एवं तैयारी के लिये राष्ट्रीय एवं राज्य स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना है ।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस स्वीकृत धनराशि का 3 चरणों में उपयोग किया जाएगा। अभी के लिए तत्काल कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया के वास्ते 7,774 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। बाकी धनराशि मध्यावधि सहयोग (1-4 वर्ष) के तौर पर मिशन मोड में उपलब्ध कराई जाएगी।

इसमें कहा गया है कि पैकेज के मुख्य उद्देश्यों में जांच एवं निदान (डायग्नोस्टिक्स) और कोविड समर्पित उपचार सुविधाओं के विकास, संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरण और दवाओं की केन्द्रीय खरीद, भविष्य में महामारियों से बचाव और तैयारियों में सहयोग के लिए राष्ट्रीय तथा राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती देना एवं विकसित करना है।

इसके अलावा प्रयोगशालाओं की स्थापना और निगरानी गतिविधियां बढ़ाना, जैव सुरक्षा तैयारियां, महामारी अनुसंधान और समुदायों को सक्रिय रूप से जोड़ना तथा जोखिम संचार गतिविधियों के माध्यम से भारत में कोविड-19 के प्रसार को धीमा और सीमित करने के लिए आपात प्रतिक्रिया बढ़ाना शामिल है। इन उपायों और पहलों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत ही लागू किया जाएगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को परिस्थितियों में बदलाव के आधार पर विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, केन्द्रीय खरीद, रेलवे, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग/ आईसीएमआर, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र) के बीच पैकेज से संबंधित संसाधनों के वितरण के लिए अधिकृत किया गया है।

 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

COVID-19
India
Public Health Care
doctor

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • Yeti Narasimhanand
    न्यूज़क्लिक टीम
    यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'
    23 Apr 2022
    यति नरसिंहानंद और अ(संतों) का गैंग हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद गिरी ने दूसरी बार अपने ज़मानत आदेश का उल्लंघन करते हुए ऊना धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान दिए हैं। क्या है यति नरसिंहानंद…
  • विजय विनीत
    BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया
    22 Apr 2022
    आरोप है कि उनके बेटे की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि थाने में बेरहमी से की गई मारपीट और शोषण से हुई थी। हत्या के बाद लंका थाना पुलिस शव ठिकाने लगा दिया। कहानी गढ़ दी कि वह थाने से भाग गया और…
  • कारलिन वान हाउवेलिंगन
    कांच की खिड़कियों से हर साल मरते हैं अरबों पक्षी, वैज्ञानिक इस समस्या से निजात पाने के लिए कर रहे हैं काम
    22 Apr 2022
    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोग, सरकारों और इमारतों के मालिकों को इमारतों में उन बदलावों को करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके ज़रिए पक्षियों को इन इमारतों में टकराने से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
    22 Apr 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
  • ईशिता मुखोपाध्याय
    भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 
    22 Apr 2022
    राज्य के पास छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के संबंध में देने के लिए कुछ भी नहीं हैं। ऊपर से, अगर छात्र इसका विरोध करने के लिए लामबंद होते हैं, तो उन्हें आक्रामक राजनीतिक बदले की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License