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स्वास्थ्य
भारत
स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश, हमला संज्ञेय और ग़ैर ज़मानती अपराध  
कोरोना संकट के चलते पिछले दिनों स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले और उत्पीड़न बढ़ गया था। इसको लेकर सज़ा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Apr 2020
image courtesy: the hindu
image courtesy: the hindu

दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी जिसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर ज़मानती अपराध बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस आशय की जानकारी दी।
 

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।
 

नये प्रावधानों के तहत ऐसा अपराध करने पर किसी व्यक्ति को तीन महीने से लेकर पांच वर्ष तक कैद की सजा दी जा सकती है और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति में छह महीने से लेकर सात वर्ष तक की कैद और एक से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
जावडेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जायेगा । इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा तथा उनके रहने एवं काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी ।

यह पूछे जाने पर क्या कोविड-19 के बाद भी नये बदलाव लागू रहेंगे, जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यादेश को महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिये मंजूरी दी गई है ।

उन्होंने सिर्फ इतना कहा, ‘‘ लेकिन यह अच्छी शुरूआत है।’’

 आपको बता दें कि कोरोना संकट के चलते पिछले दिनों स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले और उनका उत्पीड़न बढ़ गया था। एक तरफ़ तो जनता उनके सम्मान में तालियां बजा रही है लेकिन दूसरी तरफ़ जांच टीम पर हमले भी किए जा रहे थे। ऐसी भी ख़बरें आ रही थीं कि डॉक्टरों को ही कोरोना का कैरियर समझकर उनके पड़ौसी और आसपास के लोग ही उनका तिरस्कार और उत्पीड़न कर रहे थे। इसे लेकर डॉक्टरों समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों में बेहद रोष था।  

स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जायेगा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।

“भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज” के लिए 15000 करोड़ रुपये मंजूर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को “भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज” के लिए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य भविष्य में किसी बीमारी के फैलने से निपटने, रोकथाम एवं तैयारी के लिये राष्ट्रीय एवं राज्य स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना है ।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस स्वीकृत धनराशि का 3 चरणों में उपयोग किया जाएगा। अभी के लिए तत्काल कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया के वास्ते 7,774 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। बाकी धनराशि मध्यावधि सहयोग (1-4 वर्ष) के तौर पर मिशन मोड में उपलब्ध कराई जाएगी।

इसमें कहा गया है कि पैकेज के मुख्य उद्देश्यों में जांच एवं निदान (डायग्नोस्टिक्स) और कोविड समर्पित उपचार सुविधाओं के विकास, संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरण और दवाओं की केन्द्रीय खरीद, भविष्य में महामारियों से बचाव और तैयारियों में सहयोग के लिए राष्ट्रीय तथा राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती देना एवं विकसित करना है।

इसके अलावा प्रयोगशालाओं की स्थापना और निगरानी गतिविधियां बढ़ाना, जैव सुरक्षा तैयारियां, महामारी अनुसंधान और समुदायों को सक्रिय रूप से जोड़ना तथा जोखिम संचार गतिविधियों के माध्यम से भारत में कोविड-19 के प्रसार को धीमा और सीमित करने के लिए आपात प्रतिक्रिया बढ़ाना शामिल है। इन उपायों और पहलों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत ही लागू किया जाएगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को परिस्थितियों में बदलाव के आधार पर विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, केन्द्रीय खरीद, रेलवे, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग/ आईसीएमआर, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र) के बीच पैकेज से संबंधित संसाधनों के वितरण के लिए अधिकृत किया गया है।

 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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