NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
भारत
राजनीति
समलैंगिक विवाह को हमारा कानून, समाज और मूल्य मान्यता नहीं देते: केंद्र ने अदालत से कहा
केंद्र की मोदी सरकार समलैंगिक विवाह के विरुद्ध है। इसलिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में इस संदर्भ में दायर की गई जनहित याचिका का विरोध करते हुए कानून के अलावा समाज और मूल्यों की दुहाई दी।
भाषा
15 Sep 2020
समलैंगिक विवाह
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : गूगल

नयी दिल्ली: केन्द्र ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि समलैंगिक विवाह की ‘‘अनुमति नहीं है’’ क्योंकि ‘‘हमारा कानून, हमारी न्याय प्रक्रिया, समाज और हमारे नैतिक मूल्य’’ इसे मान्यता नहीं देते हैं।

समलैंगिक विवाह को हिन्दू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम के तहत मान्यता देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष ये बातें कहीं।

याचिका में किये गये अनुरोध का विरोध करते हुए मेहता ने कहा, ‘‘हमारे कानून, हमारी न्याय प्रणाली, हमारा समाज और हमारे मूल्य समलैंगिक जोड़े के बीच विवाह को मान्यता नहीं देते हैं। हमारे यहां विवाह को पवित्र बंधन माना जाता है।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे विवाहों को मान्यता देने और उनका पंजीकरण कराने की अनुमति दो अन्य कारणों से भी नहीं दी जा सकती है। पहला... याचिका अदालत से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध कर रही है। दूसरा इन्हें दी गयी कोई भी छूट ‘‘विभिन्न वैधानिक प्रावधानों के विरूद्ध होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जबतक कि अदालत विभिन्न कानूनों का उल्लंघन ना करे, ऐसा करना संभव नहीं होगा।’’

मेहता ने यह भी कहा कि हिन्दू विवाह अधिनियम में भी विवाह से जुड़े विभिन्न प्रावधान संबंधों के बारे में पति और पत्नी की बात करते हैं, समलैंगिक विवाह में यह कैसे निर्धारित होगा कि पति कौन है और पत्नी कौन।

पीठ ने यह माना कि दुनिया भर में चीजे बदल रही हैं, लेकिन यह भारत के परिदृश्य में लागू हो भी सकता है और नहीं भी।

अदालत ने इस संबंध में जनहित याचिका की जरुरत पर भी सवाल उठाया। उसका कहना है कि जो लोग इससे प्रभावित होने का दावा करते हैं, वे शिक्षित हैं और खुद अदालत तक आ सकते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हम जनहित याचिका पर सुनवायी क्यों करें।’’

याचिका दायर करने वालों के वकील ने कहा कि प्रभावित लोग समाज में बहिष्कार के डर से सामने नहीं आ रहे हैं इसलिए जनहित याचिका दायर की गयी है।

अदालत ने वकील से कहा कि वह उन समलैंगिक जोड़ों की सूचना उन्हें दे जो अपने विवाह का पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं।

अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है।

इसे भी पढ़ें : धारा-377 को निरस्त करने के दो साल: समाज के पूर्वाग्रहों से अब भी लड़ रहा एलजीबीटी समुदाय

LGBT
Supreme Court
LGBTQ Community
LGBTQ Rights
Article 377
BJP

Related Stories

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

मनोज मुंतशिर ने फिर उगला मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर, ट्विटर पर पोस्ट किया 'भाषण'

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

जहांगीरपुरी हिंसा में अभी तक एकतरफ़ा कार्रवाई: 14 लोग गिरफ़्तार

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं


बाकी खबरें

  • padtal dunia ki
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोलंबिया में लाल को बढ़त, यूक्रेन-रूस युद्ध में कौन डाल रहा बारूद
    31 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की' में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने लातिन अमेरिका के देश कोलंबिया में चुनावों में वाम दल के नेता गुस्तावो पेत्रो को मिली बढ़त के असर के बारे में न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर…
  • मुकुंद झा
    छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"
    31 May 2022
    एनईपी 2020 के विरोध में आज दिल्ली में छात्र संसद हुई जिसमें 15 राज्यों के विभिन्न 25 विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हुए। इस संसद को छात्र नेताओं के अलावा शिक्षकों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?
    31 May 2022
    आज अभिसार शर्मा बता रहे हैं के सरकारी एजेंसियों ,मसलन प्रवर्तन निदेशालय , इनकम टैक्स और सीबीआई सिर्फ विपक्ष से जुड़े राजनेताओं और व्यापारियों पर ही कार्रवाही क्यों करते हैं या गिरफ्तार करते हैं। और ये…
  • रवि शंकर दुबे
    भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़
    31 May 2022
    अटल से लेकर मोदी सरकार तक... सदन के भीतर मुसलमानों की संख्या बताती है कि भाजपा ने इस समुदाय का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है।   
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक होने से पेचीदा हुआ मामला, अदालत ने हिन्दू पक्ष को सौंपी गई सीडी वापस लेने से किया इनकार
    31 May 2022
    अदालत ने 30 मई की शाम सभी महिला वादकारियों को सर्वे की रिपोर्ट के साथ वीडियो की सीडी सील लिफाफे में सौंप दी थी। महिलाओं ने अदालत में यह अंडरटेकिंग दी थी कि वो सर्वे से संबंधित फोटो-वीडियो कहीं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License