NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
अर्थव्यवस्था
कोरोना में जब दुनिया दर्द से कराह रही थी, तब अरबपतियों ने जमकर कमाई की
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है कि जहां कोरोना महामारी के दौरान लोग दर्द से कराह रहे थे, वहीं पर अमीर लोग जमकर कमाई कर रहे थे।
अजय कुमार
25 May 2022
rp

गरीबी और अन्याय को खत्म करने के मकसद से दुनिया में मौजूद कई तरह की असमानताओं पर काम करने वाली संस्था ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के मंच पर प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है कि जहां कोरोना महामारी के दौरान लोग दर्द से कराह रहे थे, वहीं पर अमीर लोग जमकर कमाई कर रहे थे।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट बताती है कि एक तरफ कोविड-19 जिंदगी जीने के लिए मानवता के इतिहास में सबसे क्रूर समय में से एक था, वहीं दूसरी तरफ यह अरबपतियों के लिए पैसा कमाने के लिहाज से दुनिया के इतिहास में सबसे शानदार समय में से एक साबित हुआ।

न्यूयार्क से लेकर दिल्ली तक आम लोगों की जिंदगी कोविड-19 में तबाही की हालात से गुजरी। कई लोगों को भूखा रहना पड़ा। कई परिवारों के पास इतना पैसा नहीं था कि वे रोजाना का खाना और मेडिकल सुविधाएं दोनों हासिल कर सके। जीवन की बुनियादी जरूरतों में किसी एक को मार कर दूसरे के साथ जीना पड़ा। घर के बच्चे बच्चियों की पढ़ाई छूट गई। कईयों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा। कईयों की जिंदगी बद से बदतर हुए। भारत जैसे देशों की खतरनाक गरीबी नंगे पांव शहर से गांव जाते हुए लोगों के हुजूम के साथ दिखनी लगी।

सरकार और वैश्विक समुदाय इस भयानक बदहाली से लोगों को बचाने में ज्यादा कामयाब नहीं हुए। कोविड की वजह से तकरीबन दो करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत के आंकड़े मिल रहे हैं। पूरी दुनिया में हुई मौतों का हिसाब लगाया जाए तो हर 4 सेकंड में तकरीबन 1 मौत हो रही थी।

इस दुनिया को अलविदा कहने वालों में भी सबसे अधिक गरीब लोग ही थे। अधिकतर अमीर लोग मौत की मार से बचे हुए थे। केवल बचे हुए ही नहीं थे बल्कि दुनिया के अमीर अरबपतियों ने इस दौरान जमकर कमाई की। सरकारों ने अर्थव्यवस्था का पहिया रुकने से बचाने के लिए अर्थव्यवस्था में जमकर पैसा झोंका। चूंकि अर्थव्यवस्था को गति देने वाले अधिकतर संपत्तियों का मालिकाना हक निजी क्षेत्रों के पास है इसलिए अमीरों की संपत्ति में गजब का इजाफा हुआ।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट बताती है कि जिस समय दुनिया के अधिकतर हिस्सों में जीवन जीने की लागत बहुत अधिक बढ़ गई थी, उसी समय खाद्य, ऊर्जा, दवाई और प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े अमीरों और अरबपतियों ने जमकर कमाई की।

-महज 24 महीने यानी 2 साल में दुनिया के अरबपतियों की कमाई में जितना इजाफा हुआ है, वह 23 साल में हुई कमाई के इजाफे के बराबर है।

- खाने के सामान और ऊर्जा संसाधनों से जुड़े सामानों की कीमतों में जितना इजाफा अभी हुआ है, उतना इजाफा पिछले दस सालों में नहीं हुआ। फूड और एनर्जी सेक्टर से जुड़े अरबपतियों की हर 2 दिन की कमाई में तकरीबन 1 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ। इस दौरान फूड और एनर्जी सेक्टर में तकरीबन 62 और अरबपति शामिल हुए हैं।

- जीवन जीने की लागत बढ़ने की वजह से दुनिया भर में तकरीबन 26 करोड़ लोग एक्सट्रीम पॉवर्टी की सीमा को पार कर गए। गरीबी की खाई में गिर गए। अगर ढंग से हिसाब लगाकर कहा जाए तो हर 33 घंटे में दुनिया भर में 10 लाख लोग गरीब हो रहे थे और हर 30 घंटे में 1 अरबपति बन रहा था।

अमीरों के पास मौजूद इतनी अधिक संपत्ति पूरी दुनिया के शासन तंत्र के लिए घातक साबित हो रही है। राजनीति और मीडिया पर कॉरपोरेट का कब्जा है। यह संस्थाएं इतनी अधिक भ्रष्ट हो चुकी है कि सरकार से लेकर नागरिकों तक में किसी भी तरह का जिम्मेदारी का भाव पैदा करने में असफल साबित हो रही हैं।

-कोविड 19 के दौरान दुनिया के 10 सबसे अधिक अमीर लोगों की कोरोना महामारी के दौरान संपत्ति में होने वाले इजाफे पर अगर टैक्स लगा दिया जाता तो इतना पैसा इकट्ठा हो जाता कि पूरी दुनिया को फ्री में वैक्सीन लग जाती।  शिक्षा स्वास्थ्य और  सामाजिक सुरक्षा सब को मुहैया करवा दी जाती। दुनिया के तकरीबन 80 देशों में लिंग आधारित हिंसा को रोकने से जुड़ी मदद की जा सकती है।

- पूरी दुनिया में 2668 अरबपति हैं। साल 2020 के बाद केवल 2 सालों के भीतर इनकी संख्या में 573 की बढ़ोतरी हुई है। केवल 2 सालों में अरबपतियों की कुल संपत्ति में 42% की बढ़ोतरी हुई है।

- अरबपतियों की कुल संपत्ति साल 2020 में पूरी दुनिया की जीडीपी की तकरीबन 4.4% हुआ करती थी। अब यह बढ़कर के 13.9% पर पहुंच गई है।

- पूरी दुनिया के 10 सबसे अधिक अमीर लोगों की संपत्ति पूरी दुनिया की 40% सबसे गरीब लोगों की कुल संपत्ति से ज्यादा है।

- यहां के 20 अरबपतियों की संपत्ति अफ्रीका के सहारा क्षेत्र की कुल जीडीपी से ज्यादा है।

- दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क अगर अपनी संपत्ति के 99% को खो देते हैं उसके बाद भी वह दुनिया के 0.0001% अमीर लोगों के बीच होंगे। 2019 के बाद उनकी संपत्ति में 699% की बढ़ोतरी हुई है।

- दुनिया के 50% गरीब लोगों में से किसी भी एक व्यक्ति को 1% अमीर लोगों की साल भर की आमदनी के बराबर कमाई करने के लिए 112 साल काम करना पड़ेगा।

- जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक ही काम के लिए औरतों को मर्दों के मुकाबले कम मेहनताना दिया जाता है। औरतों और  मर्दों के बीच मौजूद इस तरह की आर्थिक असमानता को भरने अगर कोरोना से पहले 100 साल लग सकता था तो अब अनुमान किया जा रहा है कि 138 साल लग सकता है।

- ज्यादा कमाई वाले देशों में लोगों की जीवन प्रत्याशा कम कमाई वाले देशों की तुलना में 16 साल  ज्यादा है।

- तकरीबन 56 लाख लोग गरीब देशों में हर साल मेडिकल सुविधाओं तक पहुंच की कमी के कारण मर जाते हैं यानी हर दिन 15,000 से ज्यादा लोग।

- कोरोना महामारी में गरीब देशों में अमीरों देशों की तुलना में चार गुना ज्यादा लोगों की जान गयी है।

- दुनिया भर मे लगभग 11.66 अरब टीके की खुराक दी जा चुकी है। अगर ये निष्पक्ष तौर पर बांटे जाते तो दुनिया के हर वयस्क को टीका लग जाता। लेकिन टीकों का बंटवारा इतना पक्षपाती हुआ है कि अभी तक कम कमाई वाले देशों में केवल 13 फीसदी आबादी को टीक लगा है। अमीरों की संपत्तियों में होने वाला इस तरह का इजाफा 1 दिन की बात नहीं है। अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई सरकारी नीतियों का परिणाम है। अगर अमीरों की झोली में गरीबों का हक गया है तो यह सरकारी कामकाज की नाकामी का सबूत है। सरकार के पास कई ऐसे तरीके हैं कि वह इस असमानता की खाई को कम कर सके। अमीरों की असामान्य कमाई और संपत्ति पर बढ़ी हुई दरों के साथ टैक्स लगाने का सुझाव कई बार दिया जा चुका है। कई बार यह कहा जा चुका है कि अगर सरकार चाहे तो जरूरतमंदों के लिए मुफ्त में पढ़ाई, दवाई और इलाज की व्यवस्था की जा सकती है।

अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह अमीरों और कॉरपोरेट की कमाई से मिल रही आर्थिक मदद से अपनी कुर्सी बचाने का ज्यादा काम करती है या अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई को कम करने का काम करती है।

 

ये भी पढ़ें: अमीरों के लिए आपदा में अवसर बनी कोरोना महामारी – ऑक्स्फ़ाम इन्टरनेशनल की रिपोर्ट

 

 

 

 

Poor
indian economy
Global Economy
inequality
corporates
oxfam report

Related Stories

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

यूक्रेन और वैश्विक आर्थिक युद्ध: बर्बरता या सभ्यता?

रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध का भारत के आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?

यूक्रेन में तीन युद्ध और तीनों में इंसानियत की हार के आसार

कच्चे तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी से कहां तक गिरेगा रुपया ?

दुनिया के 100 से अधिक करोड़पतियों-अरबपतियों ने लिखी खुली चिट्ठी, कहा- अपने हिस्से का टैक्स नहीं चुका रहे अमीर! 

सरकारों द्वारा होने वाली आर्थिक हिंसा की तरह है बढ़ती असमानता- ऑक्सफ़ैम रिपोर्ट

अमेरिकी मुद्रास्फीति: भारत के लिए और अधिक आर्थिक संकट

विचार: व्यापार के गुर चीन से सीखने चाहिए!

कोरोना संकट के बीच भूख से दम तोड़ते लोग


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License