NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
काशी में पीएम मोदी ने 'राजनीतिक गिरावट' की कही बात, लेकिन भूल गए ख़ुद के विवादित बोल
चुनावी रैलियों में पीएम मोदी ने भले ही बीजेपी के स्टार प्रचारक के तौर पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों को ख़ुश किया होगा, लेकिन एक पीएम के तौर पर वो इस पद की गरिमा को गिराते ही नज़र आते हैं।
सोनिया यादव
28 Feb 2022
Modi

बीते लंबे समय से देश की राजनीति में चुनावी समर के दौरान राजनेताओं की ज़ुबान फिसलने का इतिहास रहा है। लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनावों में न सिर्फ़ कई नेताओं की ज़ुबान फिसली है, बल्कि उन्होंने राजनीति से इतर नेताओं की निजी ज़िंदगियों में तांक-झांक वाले ऐसे बोल बोले हैं, जो न सिर्फ़ आपत्तिजनक हैं, बल्कि जिसकी उनसे उम्मीद नहीं की जाती है। सवाल जब देश के सबसे बड़े सूबे के सत्ता की चाबी वाले पूर्वांचल की हो तो कोई भला कैसे ये नेता अपने प्रतिद्वंद्वी को बख्स दें। इस जमात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विभिन्न पार्टियों के दिग्गज राजनेता शामिल हैं।

यूपी में रविवार, 27 फरवरी को पांचवे चरण की वोटिंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पहुंचे। यहां उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में 20 हजार बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया साथ ही अपने विपक्षियों पर जमकर हमला भी बोला। इस भाषण में उन्होंने अपने विरोधियों की भाषा की मर्यादा को लेेकर कई ऐसी बातें भी कहीं, जो पीएम मोदी खुद भी कई बार भूल जाते हैं।

पूर्वांचल का खेल

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की करीब 30 फीसदी सीटें पूर्वांचल से आती हैं। इन सीटों पर अभी दो चरण के मतदान बाकी हैं, जिसके लिए तीन और सात मार्च को वोट डाले जाएंगे। पूर्वांचल के महत्व को ऐसे भी समझ सकते हैं कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल से ही आते हैं। साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्वांचल की वाराणसी सीट से ही सांसद हैं। यहां पिछले चुनाव में बीजेपी ने 117 में से 80 सीटें जीती थी।

पीएम मोदी ने रविवार को अपने संबोधन में राजनीति में नेताओं के गिरते स्तर पर बात की। उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर उन पर और उनके बयानों पर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने कहा, “हम सभी ने देखा कि भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं। मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं। लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला।"

विपक्षी साइकिल पर निशाना

उन्होंने आगे कहा, "हमें लगा कि मेरे घोर विरोधी भी देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है। मैं यह जान गया कि मेरी मृत्यु तक न काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और न मैं उनकी सेवा करना छोड़ूंगा। बाबा विश्वनाथ के भक्तों की सेवा करते-करते अगर मैं चला जाऊं, तो इससे बड़ा सुख और क्या होगा? उन घोर परिवारवादियों को क्या पता कि यह जिंदा शहर बनारस है। यह शहर मुक्ति के रास्ते खोलता है। बनारस अब देश के लिए गरीबी और अपराध से मुक्ति के द्वार खोलेगा।"

यहां पीएम मोदी अखिलेश यादव के उस बयान पर पलटवार कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री वहां दो-तीन महीने रहें, अच्छी बात है। वह जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है, बनारस में...। मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी दिसंबर महीने में श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लिए वाराणसी आए थे। वे 2 दिन वहां रुके थे। तभी अखिलेश यादव की ये प्रतिक्रिया सामने आई थी।

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि काशी पहले भूमाफियाओं के हवाले थी। काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे। आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी। सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी। इसके अलावा भी पीएम मोदी ने समाजवादी सरकारी और अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कई बातें कहीं।

ध्यान रहे कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश में आतंकियों को कथित शह को लेकर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी को घेरते हुए बेवजह उसके चुनाव चिह्न साइकिल पर सवाल उठाए थे।

राजनीति करने का आरोप और सवाल

गौरतलब है कि कई बार पीएम मोदी अपने विरोधी दलों पर वोट की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बार-बार दावा करते हैं कि उनकी पार्टी वोट की राजनीति नहीं किया करती। लेकिन पीएम कई बार सत्ता हासिल करने की होड में अपने पद की गरिमा तक भूल जाते हैं।

बहरहाल, पीएम ने अपने भाषण में राजनीति के जिस गिरावट की बात की, शायद वो भी कहीं न कहीं उसी लाइन में खड़े नज़र आते हैं। चुनावी रैलियों में छुटभैये नेताओं और प्रधानमंत्री का स्तर समान ही दिखाई पड़ता है। बीते कई चुनावों में पीएम साहब की भाषा मर्यादा और नैतिकता की रेखाएं पार करती रही हैं। 2019 लोकसभा चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को "भ्रष्टाचारी नंबर एक" बताना हो या पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपमानजनक तरीके से ‘दीदी ओ दीदी’ कहना हो। झारखंड में उपद्रवियों को कपड़ों से पहचानने की बात हो या  कब्रिस्तान बनाम श्मशान का बयान। हर रैली में उन्होंने एक स्टार प्रचारक के तौर पर भले ही अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों को खुश किया होगा, लेकिन एक पीएम के तौर पर वो आम लोगों को निराश ही करते रहे हैं।

Narendra modi
UP Assembly Elections 2022
BJP
Modi government
Hate Speeches
Hate politics
Hate Agenda

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • ram_navmi
    अफ़ज़ल इमाम
    बढ़ती हिंसा व घृणा के ख़िलाफ़ क्यों गायब है विपक्ष की आवाज़?
    13 Apr 2022
    हिंसा की इन घटनाओं ने संविधान, लोकतंत्र और बहुलतावाद में विश्वास रखने वाले शांतिप्रिय भारतवासियों की चिंता बढ़ा दी है। लोग अपने जान-माल और बच्चों के भविष्य को लेकर सहम गए हैं।
  • varvara rao
    भाषा
    अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की
    13 Apr 2022
    बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की वह याचिका बुधवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चिकित्सा आधार पर स्थायी जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।
  • CORONA
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 1,088 नए मामले, 26 मरीज़ों की मौत
    13 Apr 2022
    देश में अब तक कोरोना से पीड़ित 5 लाख 21 हज़ार 736 लोग अपनी जान गँवा चुके है।
  • CITU
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन
    13 Apr 2022
    ये सभी पिछले माह 39 दिन लंबे चली हड़ताल के दौरान की गई कार्रवाई और बड़ी संख्या आंगनवाड़ी कर्मियों को बर्खास्त किए जाने से नाराज़ थे। इसी के खिलाफ WCD के हेडक्वार्टस आई.एस.बी.टी कश्मीरी गेट पर प्रदर्शन…
  • jallianwala bagh
    अनिल सिन्हा
    जलियांवाला बाग: क्यों बदली जा रही है ‘शहीद-स्थल’ की पहचान
    13 Apr 2022
    जलियांवाला बाग के नवीकरण के आलोचकों ने सबसे महत्वपूर्ण बात को नज़रअंदाज कर दिया है कि नरसंहार की कहानी को संघ परिवार ने किस सफाई से हिंदुत्व का जामा पहनाया है। साथ ही, उन्होंने संबंधित इतिहास को अपनी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License