NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
प्राण जाएं पर प्रचार न जाए: मांगों जवाब मिले प्रोपेगेंडा !
पीएम केयर्स फंड पर उठने वाले सवालों को टालने के लिये बीजेपी प्रोपेगेंडा का सहारा ले रही है। पीएम केयर्स फंड की जानकरी देने की बजाय एक वेंटिलेटर की तस्वीर के ज़रिये पीएम केयर्स को ट्रेंड करा रही है।
राज कुमार
16 Jun 2020
पीएम केयर्स फंड

फ़िलहाल पीएम केयर्स फंड को लेकर एक और प्रोपेगेंडा आइटी सेल द्वारा चलाया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि पीएम केयर्स ट्रेंड करने लगे। सब जानते हैं कि पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं लेकिन बदले में जवाब नहीं बल्कि प्रोपेगेंडा आया है।

उदाहरण के तौर पर आप ट्विटर पर तैर रही इस तस्वीर को देखें। ये तस्वीर भारी संख्या में फैलाई जा रही है और हज़ारों रिट्विट हो रहे हैं।

inCollage_20200616_155006572.jpg

आप देखेंगे कि बीजेपी के नेता और प्रवक्ता एक ही तस्वीर को अलग-अलग जगह से ट्वीट कर रहे हैं। क्या ये एक तस्वीर पूरे आइटी सेल और बीजेपी कार्यकर्ताओं को भेजकर पीएम केयर्स फंड को ट्रेंड कराने की कोशिश नहीं है? बहुत से लोगों ने इसे रिट्विट नहीं बल्कि ट्वीट किया है, यानी नेटिव अपलोड किया है।

inCollage_20200616_154842803.jpg

क्या पूरी बीजेपी के पास, किसी भी स्टेट में, कोई दूसरी तस्वीर नहीं है। मतलब साफ है कि पीएम केयर्स फंड पर उठने वाले सवालों को टालने के लिये बीजेपी प्रोपेगेंडा का सहारा ले रही है। पीएम केयर्स फंड की जानकरी देने की बजाय एक वेंटिलेटर की तस्वीर के ज़रिये पीएम केयर्स को ट्रेंड करा रही है। ताकि लोगों के ज़ेहन में पीएम केयर्स के साथ एक वेंटिलेटर की तस्वीर को जोड़ सकें।

inCollage_20200616_154842803 (1).jpg

पीएम केयर्स फंड से वेंटिलेटर खरीदे भी गये होंगे। लेकिन क्या मात्र इससे पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता और सरकार की जवाबदेही तय हो जाती है? इसे ट्रेंड कराने के पीछे बीजेपी की मंशा क्या है? क्या आप स्पष्ट तौर पर नहीं देख सकते कि इस ट्रेंड के पीछे एक योजना है।

मेरा मानना है कि ये सवालों से बच निकलने का एक रास्ता है। सवालों के जवाब देने की बजाय किस तरह उन्हें प्रोपेगेंडा यानी अधिप्रचार के ज़रिये खारिज़ किया जाता है, ये उसका एक क्लासिकल उदाहरण है।

सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री ने पिछले 6 साल में एक भी पत्रकार वार्ता नहीं की है। सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। उल्टे देश में ऐसा माहौल बना दिया गया कि लोग सवाल पूछने से ही डरने लगें। सवालों के जवाब की बजाय धमकियां मिलती हैं। लेकिन, सिर्फ धमकियां देना ही सवालों को कुचलने का एक तरीका नहीं है, बल्कि प्रोपेगेंडा भी इसका एक औज़ार है। सवालों के जवाब देने की बजाय प्रोपेगेंडा फैलाओ और नरेटिव रच दो।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

PM CARES fund
Coronavirus
COVID-19
BJP
BJP Leaders
twitter
twitter trends
BJP propaganda

Related Stories

बीजेपी के चुनावी अभियान में नियमों को अनदेखा कर जमकर हुआ फेसबुक का इस्तेमाल

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

पंजाब विधानसभा चुनाव: प्रचार का नया हथियार बना सोशल मीडिया, अख़बार हुए पीछे

अफ़्रीका : तानाशाह सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए कर रहे हैं

मुख्यमंत्री पर टिप्पणी पड़ी शहीद ब्रिगेडियर की बेटी को भारी, भक्तों ने किया ट्रोल

सांप्रदायिक घटनाओं में हालिया उछाल के पीछे कौन?

हेट स्पीच और भ्रामक सूचनाओं पर फेसबुक कार्रवाई क्यों नहीं करता?

वे कौन लोग हैं जो गोडसे की ज़िंदाबाद करते हैं?

कांग्रेस, राहुल, अन्य नेताओं के ट्विटर अकाउंट बहाल, राहुल बोले “सत्यमेव जयते”


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है
    08 May 2022
    कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक
    08 May 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं
    08 May 2022
    हम ग़रीबी, बेरोज़गारी को लेकर भी सहनशील हैं। महंगाई को लेकर सहनशील हो गए हैं...लेकिन दलित-बहुजन को लेकर....अज़ान को लेकर...न भई न...
  • बोअवेंटुरा डे सौसा सैंटोस
    यूक्रेन-रूस युद्ध के ख़ात्मे के लिए, क्यों आह्वान नहीं करता यूरोप?
    08 May 2022
    रूस जो कि यूरोप का हिस्सा है, यूरोप के लिए तब तक खतरा नहीं बन सकता है जब तक कि यूरोप खुद को विशाल अमेरिकी सैन्य अड्डे के तौर पर तब्दील न कर ले। इसलिए, नाटो का विस्तार असल में यूरोप के सामने एक…
  • जितेन्द्र कुमार
    सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी
    08 May 2022
    सामाजिक न्याय चाहने वाली ताक़तों की समस्या यह भी है कि वे अपना सारा काम उन्हीं यथास्थितिवादियों के सहारे करना चाहती हैं जो उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License