NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण ने चुनाव टालने के कुछ दिनों बाद यूनिटी गवर्नमेंट बनाने के लिए वार्ता करने का आह्वान किया
हालांकि फ़िलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि अगर इजरायल गारंटी देता है कि वह पूर्वी येरूशलम में फ़िलिस्तीनियों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देगा तो चुनाव जल्द से जल्द होंगे।
पीपल्स डिस्पैच
04 May 2021
फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण ने चुनाव टालने के कुछ दिनों बाद यूनिटी गवर्नमेंट बनाने के लिए वार्ता करने का आह्वान किया

22 मई को होने वाले आम चुनावों को स्थगित करने के कुछ दिनों बाद पैलेस्टिनियन अथॉरिटी (पीए) ने घोषणा की कि वह कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में विभिन्न राजनीतिक गुटों के साथ राष्ट्रीय वार्ता करने के बाद नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट बनाना चाहता है। रिपोर्ट में राष्ट्रपति के प्रवक्ता नबील अबू रूदीनेह के उस बयान का हवाला दिया गया है जो वे आधिकारिक फिलिस्तीन रेडियो से कहा है। कहा गया कि पहले से शुरु वार्ता सभी गुटों के साथ होने जा रही है और यूनिटी गवर्नमेंट बनाने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पहले से ही प्रयास चल रहे हैं।

पिछले हफ्ते शुक्रवार को पीए अध्यक्ष महमूद अब्बास ने आम चुनावों को अगले नोटिस तक स्थगित करने की घोषणा की थी। आगे कहा था कि फिलिस्तीनी नेतृत्व ने "पूर्वी येरूशेलम में हमारे लोगों की भागीदारी की गारंटी होने तक चुनाव स्थगित करने का फैसला किया है।" उन्होंने यह भी कहा था कि यदि इज़रायल यह गारंटी देता है कि वह "हस्तक्षेप के बिना चुनाव" में मतदान करने और भागीदारी लेने के लिए कब्जे वाले पूर्वी येरुशेलम में फिलिस्तीनियों को अनुमति देगा तो जल्द से जल्द फिलिस्तीन में चुनावों को लेकर दोबारा तारीख निर्धारित की जाएगी।

राष्ट्रपति अब्बास ने जनवरी में फिलिस्तीन में चुनावों की घोषणा की थी और 22 मई को राष्ट्रीय विधायी चुनाव होने थे जबकि 31 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने थे। वहीं पैलेस्टिनियन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था पैलेस्टिनियन नेशनल काउंसिल का चुनाव 31 अगस्त को होना था। इस घोषणा का हर तरफ स्वागत किया गया। हालांकि, इस बात को लेकर हमेशा आशंकाएं और डर बनी रहती थीं कि क्या इजरायल फिलिस्तीनी अधिकारियों को पूर्वी येरुशेलम में चुनाव आयोजित करने की अनुमति देगा या नहीं। पूर्वी येरुशेलम फिलिस्तीनियों द्वारा दावा किया जाने वाला क्षेत्र हैं जिसे भविष्य में स्वतंत्र राष्ट्र की राजधानी बनाना चाहते हैं।

अतीत में इजरायल ने इस शहर पर इजरायल की संप्रभुता के चलते किसी भी तरह की फिलिस्तीनी राजनीतिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी है। इस बार भी फिलीस्तीनियों को चुनाव में भाग लेने की अनुमति देने के लिए पीए की मांग को अस्वीकार कर दिया है।

Palestine
Mahmoud Abbas

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

इज़राइल, फ़लस्तीन के बीच नए सिरे से हिंसा भड़कने की आशंका : संयुक्त राष्ट्र दूत

फ़िलिस्तीनी प्रशासनिक बंदी लोय अल-अश्क़र ने रिहाई पर हुए समझौते के बाद भूख हड़ताल ख़त्म की

फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ़ नई बसाहटों वाले इज़रायलियों द्वारा 451 हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License