NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
वैश्विक विरोध के बाद फ़िलिस्तीनी कार्यकर्ता महमूद नवाजा इज़रायली हिरासत से रिहा
नवाजा को बड़े पैमाने पर चले अंतरराष्ट्रीय अभियान के बाद बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया है। इस दौरान इज़रायली अधिकारियों ने दो बार उनकी हिरासत को बढ़ाया था।
पीपल्स डिस्पैच
18 Aug 2020
महमूद नवाजा

एक बड़े अंतरराष्ट्रीय अभियान के बाद इज़रायली मिलिट्री कोर्ट ने फिलिस्तीनी मानवाधिकार कार्यकर्ता और बीडीएस के जनरल को-ऑर्डिनेटर महमूद नवाजा को बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया। बीडीएस (बॉयकॉट, डाइवेस्टमेंट एंड सैंक्शंस) मूवमेंट ने एक बयान में कहा कि नवाजा क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में वापस आ रहे थे। उन्हें 30 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था।

अपनी रिहाई पर महमूद नवाज़ा ने दुनिया भर के उन कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी रिहाई कराने के लिए इज़रायल पर निरंतर दबाव बनाने का काम किया। उन्होंने "नस्लभेद और उत्पीड़न की इस व्यवस्था को समाप्त करने और सभी 4,700 फिलिस्तीनी क़ैदियों को मुक्त करने के लिए" अपने बीडीएस अभियानों को तेज़ करने का आह्वान किया। स्वदेशी, नस्लीय, सामाजिक, लिंग और पर्यावरणीय व्यवस्था के लिए आंदोलनों के साथ आपसी एकजुटता के हमारे वैश्विक नेटवर्क के साथ हम अपने लोगों और सभी उत्पीड़ित समुदायों के लिए स्वतंत्रता, न्याय और समानता हासिल कर सकते हैं। ”

नवाजा को 20 से अधिक इज़रायली सुरक्षा कर्मियों ने गिरफ़्तार किया था। उनकी पत्नी ने कहा कि कुत्तों के साथ सैनिकों ने उनके घर पर अवैध रूप से छापा मारा और उन्हें पकड़ने से पहले उनके तीन बच्चों के सामने हिंसक रूप से नवाजा को हिरासत में लिया। उनकी अवैध गिरफ़्तारी के समय इज़रायली खुफिया एजेंसी शिन बेट ने उनके ख़िलाफ़ आरोपों का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि उन्हें संदिग्ध सुरक्षा अपराधों को लेकर हिरासत में लिया गया था।

सोमवार को उनकी रिहाई का रास्ता उस वक्त साफ हुआ जब पिछले कुछ दिनों और हफ्तों में फिलिस्तीनी बीडीएस राष्ट्रीय समिति ने उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करने के लिए जर्मनी के राजनयिक मिशनों के सामने रामलला और गाजा में दो रैलियों का आयोजन किया था। जर्मनी यूरोपीय संघ (ईयू) परिषद का वर्तमान अध्यक्ष है। विभिन्न फिलिस्तीनी जन संगठनों, राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों और अन्य नागरिक समाज समूहों के 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने इन प्रदर्शनों में भाग लिया था जिसमें मांग की गई थी कि यूरोपीय संघ परिषद महमूद नवाजा की रिहाई के लिए इज़रायल पर दबाव डाले।

विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल, बीडीएस कोलम्बिया, बीडीएस इंडिया, आयरलैंड फिलिस्तीन सॉलिडैरिटी कैंपेन और कोडपिंक (CODEPINK) ने भी नवाजा की अवैध और मनमानी गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए बयान जारी किया था जिसमें इज़रायल को तुरंत रिहा करने का आग्रह किया गया था। अन्य फिलिस्तीनी राजनीतिक बंदी अभी भी इज़रायली हिरासत में हैं। #FreeMahmoud के बैनर तले एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन अभियान भी चलाया गया था।

Palestine
Israel
Palestinian activist Mahmood Nawaja
Global protest
CODEPINK

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन
    30 May 2022
    "हमें तो पुलिस के किसी भी जांच पर भरोसा नहीं है। जब पुलिस वाले ही क़ातिल हैं तो पुलिसिया न्याय पर हम कैसे यकीन कर लें? सीबीआई जांच होती तो बेटी के क़ातिल जेल में होते। हमें डरे हुए हैं। "
  • एम.ओबैद
    मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 
    30 May 2022
    "हम लोगों को स्कूल में जितना काम करना पड़ता है। उस हिसाब से वेतन नहीं मिलता है। इतने पैसे में परिवार नहीं चलता है।"
  • अरुण कुमार
    गतिरोध से जूझ रही अर्थव्यवस्था: आपूर्ति में सुधार और मांग को बनाये रखने की ज़रूरत
    30 May 2022
    इस समय अर्थव्यवस्था गतिरोध का सामना कर रही है। सरकार की ओर से उठाये जाने वाले जिन क़दमों का ऐलान किया गया है, वह बस एक शुरुआत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस
    30 May 2022
    स्टूडेंट्स से प्रयोगात्मक परीक्षा में अवैध वसूली करने का कोई आदेश नहीं है। यह सुनते ही वह बिफर पड़े। नाराज होकर प्रबंधक ने पहले गाली-गलौच किया और बाद में जूते निकालकर मेरी पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत
    30 May 2022
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 17 हज़ार 698 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License