NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इजराइल के जेल में बंद फ़िलिस्तीनी कैदी अहमद ज़हरान ने 166 दिनों से चल रही अपनी भूख हड़ताल ख़त्म
ज़हरान ने अपनी भूख हड़ताल को ख़त्म करने का फ़ैसला इजराइल के जेल अधिकारियों के साथ के समझौते के बाद किया। इस समझौते के अनुसार वो जांच अधिकारियों से सहयोग करेंगे जिसके बदले में उनके गैर-कानूनी गिरफ़्तारी को ख़त्म करने और उनके ख़िलाफ़ किसी भी आरोप को ख़ारिज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी .
पीपल्स डिस्पैच
15 Jan 2020
इजराइल के जेल में बंद फ़िलिस्तीनी कैदी

फ़िलिस्तीन के राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद ज़हरान ने पिछले 166 दिनों से चल रही अपनी अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल को ख़त्म कर दिया। ज़हरान ने अपनी भूख हड़ताल को ख़त्म करने का फ़ैसला इजराइल के जेल अधिकारियों के साथ के समझौते के बाद किया। इस समझौते के अनुसार वो जांच अधिकारियों से सहयोग करेंगे जिसके बदले में उनके गैर-कानूनी गिरफ़्तारी को ख़त्म करने और उनके ख़िलाफ़ किसी भी आरोप को ख़ारिज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी . ये सूचना उनके वक़ील जवाद बोलूस ने जनवरी 14 को दी.

बोलूस  के अनुसार , ज़हरान अल मस्कोबिया बंदी गृह में अपने जांच पूरी होने के बाद फ़रवरी 26 तक अपने detention की अवधि पूरी होने तक इंतज़ार करेंगे। 

इस महीने की 7 तारीख़ को इजराइल की एक सैन्य अदालत ने ज़हरान को रिहा करने की याचिका को ख़ारिज़ कर दिया था। कोर्ट के अनुसार बंदी की रिहाई की याचिका तब तक नहीं सुनी जा सकती जब तक उसके ख़िलाफ़ जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। ज़हरान के ख़िलाफ़ जांच की प्रक्रिया उनके ख़राब स्वास्थ्य के कारन पूरी नहीं हो पायी हैं। कोर्ट ने ज़हरान से उनकी भूख हड़ताल ख़त्म करने को कहा था ताकि उनके खिलाफ जांच की प्रक्रिया पूरी की जा सके।  

ज़हरान उन सैकड़ों फिलिस्तीनी राजनीतिक कार्यकर्ताओं में एक हैं जो फ़िलीस्तीन पे पिछले सात दशकों से चल रहे  इस्राइली कब्ज़े का विरोध कर रहे हैं। उनको पहली बार फ़रवरी 2019 में गिरफ़्तार किया गया जिसके विरोध में उन्होंने पहले जुलाई में 39 दिनों की भूख हड़ताल की थी। उन्होंने उस समय ये हड़ताल इसरायली अधिकारियों के उस आश्वासन के बाद किया था जिसमे उनसे वादा किया गया था की उनका detention आगे नहीं बढ़ाया जायेगा। इजराइल के अधिकारियों ने अपना आश्वासन पूरा नहीं किया जिसके विरोध में ज़हरान सितम्बर 20, 2019 से दोबारा अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पे चले गए थे।      

Palestinian
Palestinian prisoner Ahmed Zahran
Israel
Ahmed Zahran ends his hunger strike

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

2021: अफ़ग़ानिस्तान का अमेरिका को सबक़, ईरान और युद्ध की आशंका


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License