NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उत्तर प्रदेश में चार चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, अधिसूचना जारी
उत्तर प्रदेश में 58,189 ग्राम पंचायत हैं जहां ग्राम प्रधान के चुनाव होने हैं जबकि ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए 7, 32, 563 पदों पर चुनाव होना है।
भाषा
26 Mar 2021
उत्तर प्रदेश में चार चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, अधिसूचना जारी
फोटो साभार : अमर उजाला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्‍य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी।

अधिसूचना के मुताबिक राज्य में चार चरणों में सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों व सदस्यों, सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होंगे। मतदान क्रमश: 15 अप्रैल, 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होगा जबकि मतगणना दो मई को होगी।

अधिसूचना जारी होने के साथ ही आदर्श चुनाव संहिता भी लागू हो गई है।

राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त मनोज कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों व सदस्यों, सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव होगा।

आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि अदालत के स्थगनादेश वाले निर्वाचन क्षेत्रों और छह माह से अधिक समय का कार्यकाल शेष रहने वाले क्षेत्रों में चुनाव नहीं होगा।

आयोग के मुताबिक पहले चरण के तहत सहारनपुर, गाजियाबाद, रामपुर, बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागराज, रायबरेली, हरदोई, अयोध्या, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर, जौनपुर व भदोही में 15 अप्रैल को मतदान होगा।

आयोग ने बताया कि दूसरे चरण के तहत मुजफ्फरनगर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सुलतानपुर, गोंडा, महराजगंज, वाराणसी व आजमगढ़ जिले में 19 अप्रैल को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

वहीं, तीसरे चरण के तहत शामली, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, कासगंज, फिरोजाबाद, औरैया, कानपुर देहात, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, उन्‍नाव, अमेठी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, चंदौली, मिर्जापुर और बलिया जिले में 26 अप्रैल को मतदान होगा।

चौथे और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को बुलंदशहर, हापुड़, संभल, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मथुरा, फर्रुखाबाद, बांदा, कौशांबी, सीतापुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, बस्‍ती, कुशीनगर, गाजीपुर, सोनभद्र और मऊ जिले में होगा।

आयोग द्वारा जारी समय सारिणी के अनुसार पहले चरण के लिए नामांकन तीन अप्रैल और चार अप्रैल को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा जबकि पांच और छह अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। सात अप्रैल को सुबह आठ बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन पत्रों की वापसी और इसी दिन अपराह्न तीन बजे के बाद चुनाव चिह्न का आवंटन किया जाएगा।

दूसरे चरण का नामांकन सात अप्रैल और आठ अप्रैल को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा जबकि नौ और 10 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 11 अप्रैल को सुबह आठ बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन पत्रों की वापसी और इसी दिन अपराह्न तीन बजे के बाद चुनाव चिह्न का आवंटन किया जाएगा।

तीसरे चरण का नामांकन 13 अप्रैल और 15 अप्रैल को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा जबकि 16 और 17 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 18 अप्रैल को सुबह आठ बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन पत्रों की वापसी और इसी दिन अपराह्न तीन बजे के बाद चुनाव चिह्न का आवंटन किया जाएगा।

चौथे चरण का नामांकन 17 अप्रैल और 18 अप्रैल को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा जबकि 19 और 20 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 अप्रैल को सुबह आठ बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन पत्रों की वापसी और इसी दिन अपराह्न तीन बजे के बाद चुनाव चिह्न का आवंटन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 58,189 ग्राम पंचायत हैं जहां ग्राम प्रधान के चुनाव होने हैं जबकि ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए 7, 32, 563 पदों पर चुनाव होना है। इनके अलावा 75,855 क्षेत्र पंचायत सदस्य के पदों पर निर्वाचन होना है। राज्‍य के 75 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के कुल 3,051 पदों पर चुनाव होने हैं।

अधिसूचना जारी करने के बाद राज्‍य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता भी लागू होने की घोषण कर दी है।

यह आदर्श आचार संहिता विशेष रूप से राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा शासकीय व अर्द्धशासकीय कर्मियों के लिए जारी की गई है।

इसके तहत अब सभा, रैली और जुलूस का आयोजन जिला प्रशासन की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा।

आयोग ने सत्ताधारी दल के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किया है जिसके अनुसार किसी भी सार्वजनिक उपक्रम, शासकीय व अर्द्धशासकीय विभाग के निरीक्षण गृह, डाक बंगला या अन्य किसी विश्रामगृह का उपयोग चुनाव प्रचार या चुनाव कार्यालय के लिए नहीं किया जा सकेगा।

निर्वाचन कार्य के दौरान राज्य सरकार के मंत्री शासकीय दौरों को चुनाव प्रचार कार्य से नहीं जोड़ेंगे और न ही शासकीय तंत्र या कर्मचारियों का उपयोग करेंगे।

शासकीय विभागों एवं कर्मियों के लिए भी स्पष्ट कहा गया है कि निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के बाद संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादला, नियुक्ति और प्रोन्नति पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में यह कार्य आयोग की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा।

आदर्श आचार संहिता में यह हिदायत दी गई है कि निर्वाचन के दौरान कोई उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि ऐसा कोई कार्य लिखकर, बोलकर या किसी प्रतीक के माध्‍यम से नहीं करेंगे जिससे किसी धर्म, संप्रदाय, जाति या सामाजिक वर्ग, उम्मीदवार, राजनीतिक दल या राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भावना आहत हो या कहीं भी तनाव की स्थिति पैदा हो।

चुनाव में पूजा स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर या गुरुद्वारा आदि का उपयोग प्रचार या निर्वाचन संबंधी कार्य के लिए नहीं किया जाएगा और मतदाता को रिश्वत देकर या डरा-धमका कर अपने पक्ष में प्रभावित करने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध है। मादक द्रव्य बांटने पर भी रोक रहेगी।

आयोग ने सभी उम्मीदवारों और चुनाव अभिकर्ताओं को निर्धारित व्यय सीमा से अधिक न करने के निर्देश दिये हैं साथ ही यह भी कहा है कि किसी अन्य उम्मीदवार या उसके समर्थक का पुतला लेकर चलने, उन्‍ह‍ें सार्वजनिक स्थानों पर जलाने अथवा इस प्रकार के कार्य पर रोक रहेगी।

राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक चुनाव प्रचार के दौरान किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाता या दीवार का उपयोग झंडा-बैनर लगाने में बिना अनुमति के नहीं होगा। चुनाव प्रचार में वाहनों के प्रयोग के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

UttarPradesh
Panchayat election

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला

ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कमिश्नर बदलने की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित, अगली सुनवाई 9 को


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License