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लैटिन अमेरिका
पराग्वे के छात्र और किसान सार्वजनिक शिक्षा के लिए अधिक बजट की मांग की
नेशनल फ़ेडरेशन ऑफ़ सेकेंडरी स्टूडेंट्स ने कहा कि लैटिन अमेरिकी देशों में से पराग्वे एक ऐसा देश है जो शिक्षा के क्षेत्र में सबसे कम निवेश करता है।
पीपल्स डिस्पैच
26 Aug 2020
पराग्वे

हाई स्कूल और यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ-साथ पराग्वे के किसान सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र के लिए अधिक बजट की मांग कर रहे हैं। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि राष्ट्रीय सरकार उस बिल को पारित करे जो सरकारी यूनिवर्सिटियों में शिक्षण शुल्क वसूलने पर रोक लगाता है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर और स्थायी आधार पर लागू करे।

26 अगस्त को छात्रों और किसानों के संगठनों जैसे कि नेशनल फेडरेशन ऑफ सेकेंडरी स्टूडेंट्स (एफईएनएईएस), कोऑर्डिनेशन ऑफ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ऑफ द नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ असुनसियन (सीईयूएनए), कई किसान संगठनों एक साथ लाने वाला मंच द नेशनल इंटरसेक्टोरियल कोऑर्डिनेटर (सीएनआई) और पीजैंट, इंडिजेनस एंज पोपुलर ऑर्गनाइजेशन(एसीआईपी) अपनी मांगों के समर्थन में राजधानी असुनसियन में बड़े पैमाने पर इकट्ठा होंगे। उन्होंने 24 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की और नागरिकों से अपने संघर्ष में समर्थन करने के लिए आह्वान किया।

ज़ीरो ट्यूशन फीस क़ानून का विरोध करने और शिक्षा क्षेत्र में कटौती को बढ़ावा देने को लेकर छात्रों और नागरिकों के एक समूह ने वित्त मंत्री बेनिग्नो लोपेज के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। पिछले महीनों में सामान्य रूप से दोनों चैंबर ऑफ डेप्युटी और सीनेट ने उक्त बिल को मंज़ूरी दे दी है। 26 अगस्त को चैंबर ऑफ डेप्युटी इस क़ानून के अनुच्छेदों पर चर्चा और बहस करेगा। विरोध करने वाले क्षेत्रों की मांग है कि ये क़ानून इस तरह से बनाया जाए कि इसका लाभ सभी को मिले, विशेष रूप से सबसे कमज़ोर आबादी को इसका लाभ मिले जो उच्च शिक्षा के साथ-साथ आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं।

एफईएनएईएस ने एक आधिकारिक बयान में इस बात की निंदा की कि "वर्तमान में पराग्वे क्षेत्रीय स्तर पर शिक्षा में सबसे कम निवेश वाले देशों में से है" और "ख़राब शैक्षणिक स्थितियों" के चलते "पढ़ाई का स्तर निम्न दर्जे का है।"

छात्रों की मांग है कि राष्ट्रपति मारियो अब्दो बेनिटेज़ की सरकार धीरे-धीरे शिक्षा के लिए बजट उस स्तर तक बढ़ाए जब तक कि यह सकल घरेलू उत्पाद के 7% तक नहीं पहुंच जाता है जो कि शिक्षा क्षेत्र के लिए यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (यूनेस्को) द्वारा न्यूनतम निवेश की अनुशंसा की गई है। वर्तमान में शिक्षा बजट देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.7% है।

इसके अलावा वे फ्री फंड (सरकार द्वारा सार्वजनिक शिक्षण संस्थानों को भेजे गए संसाधन) में राशि के बढ़ाने, स्कूल में भोजन के लिए फंड बनाने, मॉडर्न कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी और टेक्नीकल स्कूलों के लिए उपकरण, आपूर्ति और उपकरणों की वृद्धि की मांग करते हैं।

जब तक उक्त मांगों को स्वीकार नहीं कर लिया जाता है तब तक एफईएनएईएस ने अनिश्चित काल के लिए लामबंद होने की घोषणा की है। फेडरेशन ने कहा है कि उसने पहले इन मांगों को वित्त मंत्रालय को निवेश में वृद्धि के लिए प्रस्तुत किया था लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया था।

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