NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
नेताओं की संसद सोमवार तक स्थगित, किसान संसद में 'कृषि मंत्री' पर सवालों की बौछार
‘नेताओं की संसद’ यानी हमारी संवैधानिक और राजनीतिक संसद में विपक्ष के विरोध या आपत्तियों का एक ही जवाब मिलता है- कार्यवाही का स्थगन। यही शुक्रवार को हुआ। अब संसद सोमवार को बैठेगी। उधर जंतर-मंतर पर किसान संसद की कार्यवाही शांतिपूर्वक चली और ‘कृषि मंत्री’ पर सवालों की बौछार की गई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
23 Jul 2021
cartoon

नयी दिल्ली: पेगासस जासूसी मामला, तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के सवालों या आपत्तियों का जवाब आज भी नहीं मिला। और विरोध को हंगामे का नाम देते हुए शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इसी तरह राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई। अब दोनों सदनों का कामकाज सोमवार को होगा। जबकि दूसरी तरफ़ अपनी मांगों  को लेकर जंतर मंतर पर चल रही किसानों की समानांतर संसद आज भी शांतिपूर्वक जारी रही।

संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों की आपत्तियों के कारण पहले सप्ताह में निचले सदन में कामकाज बाधित रहा।

सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और प्रश्नकाल शुरू कराया।

इसके बाद कुछ विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। कुछ सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिन पर पेगासस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग के बारे में लिखा हुआ था।

व्यवस्था बनती नहीं देख पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही करीब सवा 12 बजे दिन भर के लिये स्थगित कर दी। शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण सदन की अगली बैठक अब सोमवार, 26 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी।

शांतनु सेन के निलंबन, पेगासस विवाद पर विपक्षी दलों का विरोध : राज्यसभा भी हुई बाधित

तृणमूल कांग्रेस सदस्य शांतनु सेन के निलंबन और पेगासस जासूसी विवाद के मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के विरोध और हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

सेन को सदन में कल उनके अशोभनीय आचरण के लिए राज्यसभा के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके बाद तृणमूल एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के विरोध के कारण संसद में व्यवधान पैदा हुआ। लिहाजा दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दोपहर ढाई बजे जब कार्यवाही आरंभ हुई तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेगासस जासूसी विवाद का मुद्दा उठाना चाहा और कहा कि उन्होंने नेताओं, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी संबंधी आरोपों के बारे में एक नोटिस दिया है।

पीठासीन सभापति भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि इस बारे में सरकार की तरफ से पहले ही बयान दिया जा चुका है।

इसी बीच, राज्यसभा में उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मुद्दे को उठाया जा चुका है ओर इस पर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री का बयान आ चुका है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान किस तरह का व्यवहार विपक्ष के कुछ लोगों ने उनके साथ किया था यह देश ने देखा है।

नकवी बोल ही रहे थे कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों ने विरोध प्रारंभ कर दिया।

इसके तुरंत बाद ही कालिता ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों।

जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ का दूसरा दिन

संसद में जारी मानसून सत्र के साथ-साथ जंतर-मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ शुक्रवार को दूसरे दिन भी चली।

किसानों ने ‘किसान संसद’ का आयोजन सदन अध्यक्ष हरदेव अर्शी, उपाध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा और ‘कृषि मंत्री’ के साथ किया।

किसान संसद में एक घंटे का प्रश्नकाल भी रखा गया था जिसमें कृषि मंत्री पर सवालों की बौछार की गई जिन्होंने केंद्र के नये कृषि कानूनों का बचाव करने की पुरजोर कोशिश की।

मंत्री ने संसद को बताया कि कैसे पैर फैलाती कोवि़ड वैश्विक महामारी के बीच, किसानों को उनके घरों को लौटने और उनसे टीका लगवाने का अनुरोध किया गया था। हर बार जब मंत्री संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते, सदन के सदस्य उन्हें शर्मिंदा करते, अपने हाथ उठाते और उनके जवाबों पर आपत्ति जताते।

संसद में जारी मानसून सत्र के साथ केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने के लिए 200 किसानों का एक समूह बृहस्पतिवार और शुक्रवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जंतर मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक प्रदर्शन की विशेष अनुमति दी है। जंतर-मंतर संसद परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर है।

लेकिन किसानों को लेकर सरकार काफी डरी हुई दिखती है। जंतर मंतर पर अर्द्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी प्रवेश द्वार पर भारी-भरकम अवरोधकों के साथ प्रदर्शन स्थल पर तैनात किए गए हैं। जबकि जंतर-मंतर ही नहीं दिल्ली की सीमाओं पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण जारी है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

cartoon click
Irfan ka cartoon
monsoon session
kisan sansad
Farmers Parliament
Narendra Singh Tomar
farmers protest
Modi government

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

ट्रेड यूनियनों की 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, पंजाब, यूपी, बिहार-झारखंड में प्रचार-प्रसार 

आंगनवाड़ी की महिलाएं बार-बार सड़कों पर उतरने को क्यों हैं मजबूर?

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License