NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
विज्ञान
भारत
राजनीति
कोविड-19 की 'दवाई’ : पतंजलि को कुछ कठिन सवालों के जवाब देने होंगे 
इसकी कोई जानकारी नहीं है कि पतंजलि की दवाओं में कौन से ऐसे विशिष्ट घटक हैं जो वायरस के हमले का सामना कर सकते हैं। 
संदीपन तालुकदार
26 Jun 2020
Translated by महेश कुमार
कोविड-19 की 'दवाई
image courtesy : Indian Express

जब पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है और वैज्ञानिक प्रभावी दवाओं और वैक्सीन को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, पतंजलि आयुर्वेद, लंबे-चौड़े दावों के साथ आयुर्वेदिक दवाओं के एक पैकेज को 23 जून को दुनिया के सामने लेकर आई है और उसे कोरोना के इलाज़ के लिए ‘100 प्रतिशत प्रभावी’ बताया है। 

बताया गया है कि इस किट में ‘कोरोनिल’ और ‘स्वसारी वटी’ नामक गोलियां हैं, साथ में ’अनु तेल’ भी है। पतांजली के सह-संस्थापक रामदेव ने दावा किया कि दवा के उत्पादन में 100 से अधिक यौगिकों (तत्वों) का उपयोग किया गया है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करेंगे। यह भी दावा किया गया है कि इन दवाओं के माध्यम से कोविड-19 के रोगियों को लेकर दो चरण के परीक्षण किए गए हैं। कथित तौर पर पहला परीक्षण, दिल्ली, अहमदाबाद और कुछ अन्य शहरों में किया गया एक नैदानिक नियंत्रण परीक्षण था। इसमें जिन 280 मरीजों को भर्ती किया गया था, उनकी "100 प्रतिशत की रिकवरी दिखाई है"। 

पतंजलि ने यह भी दावा किया कि ‘कोरोनिल’ और ‘स्वसारी वटी’ को जब किसी भी मरीज को तीन दिनों तक दिया जाता है, तो वह कोविड-19 रोगियों में 69 प्रतिशत की रिकवरी दिखाती है और जब उसे सात दिनों तक दिया जाता है, तो वह 100 प्रतिशत की रिकवरी दिखाती है।

इस बीच, आयुष मंत्रालय ने कंपनी को उत्पादों के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है, तब तक, जब तक कि उनके द्वारा किए जा रहे दावों की पुष्टि नहीं हो जाती है। आयुष मंत्री, श्रीपद नाइक के हवाले से कहा गया है, "यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को एक नई दवा दी है, लेकिन नियमों के अनुसार, इसे पहले आयुष मंत्रालय से अनुमोदन लेना होगा।“

इस संदर्भ में, पतंजलि के दावों की पुष्टि करने के लिए कुछ नीचे दिए गए सवाल और बिंदु उठाए जाने जरूरी हैं।

पहली बात, परीक्षण में भाग लेने वाले रोगियों की संख्या [280] सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं है। हम मरीजों के लक्षणों की गंभीरता के बारे में नहीं जानते हैं जो ये मरीज दिखा रहे थे। संक्रमण के कई हल्के मामलों में, मरीज़ अक्सर बिना किसी सहायता या दावा के ठीक हो जाते हैं। इसलिए इन मामलों में, इस बात को दृढ़ता से नहीं कहा जा सकता है कि मरीजों को ठीक करने वाली दवा पतंजलि की थी।

दूसरा, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (NIMR), जयपुर, जहां ये सब परीक्षण किए गए थे, उसे 2009 में ही स्थापित किया गया और एक निजी संस्थान भी है। डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट बताती है कि संस्थान का इतिहास उसके द्वारा दवाई के परीक्षण के पूर्व अनुभव के बारे में निर्णायक रूप से कुछ नहीं कहता है। पतंजलि दवा के परीक्षण सहित संस्थान ने कुल दो बार सीटीआरआई (क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया) के साथ ड्रग ट्रायल यानि दावा की जांच के लिए अपने को पंजीकृत किया है। अन्य परीक्षण भी जून 2020 में ही पंजीकृत किए गए थे।

पतंजलि का कहना है कि वह इन दवाओं में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया है। ये कई आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग की जाने वाली सामान्य सामग्री हैं और आमतौर पर प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में प्रभावी मानी जाती हैं। लेकिन अगर इनमें वायरल बीमारी से लड़ने वाली  कोई विशिष्ट सामग्री है, तो इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

दुनिया भर में वैज्ञानिक प्रयासों में, एक ऐसी दवा विकसित करने की कोशिश है जिसका प्राथमिक काम या तो मानव कोशिका के अंदर कोरोना (SARS-CoV-2) वायरल प्रतिकृति को रोकने या मेजबान सेल में प्रवेश करने से पहले वायरस को निष्क्रिय करने की है। इस संदर्भ में, स्पाइक नामक प्रोटीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वह प्रोटीन है जो एसीई2 नामक विशिष्ट रिसेप्टर्स को बाँध सकता है, जो मानव कोशिकाओं में आसानी से उपलब्ध है।

इस बात का प्रयास किया जा रहा है कि एक ऐसे ड्रग एजेंट (दावा) का उत्पादन हो जो स्पाइक प्रोटीन के साथ हस्तक्षेप कर सकता है ताकि वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए सेल रिसेप्टर पर चिपके रहने में विफलता मिले। आम आयुर्वेदिक घटकों में इस संबंध की कोई वैज्ञानिक मान्यता या जानकारी नहीं है। न ही ये कोशिका के अंदर वायरल प्रतिकृति को रोकने की बात करता है। पतंजलि की दवाओं में कौन से विशिष्ट घटक वायरस के हमले का सामना कर सकते हैं, इसकी कतई कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। और क्या इन्हे कठोर अनुसंधान के माध्यम से तैयार किया गया हैं, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है।

इन दवाओं की मदद से 100 प्रतिशत रिकवरी का दावा करने से आम जनता में अधिक भ्रम पैदा होगा जबकि लाखों लोग बीमारी से पीड़ित हैं और लाखों लोग इस कुख्यात वायरस के  संक्रमण की संभावना से ही घबराहट में हैं।

4॰ अब तक, दुनिया भर में सैकड़ों ड्रग ट्रायल (दवाओं की जांच) किए जा चुके हैं, लेकिन डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वर्तमान में ऐसी कोई दवा नहीं आई है जो कोविड-19 को ठीक कर सके या उसकी रोकथाम कर सके। कोविड-19 वायरस के खिलाफ एक टीका ईज़ाद करने के कई प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन अभी तक कुछ भी निर्णायक हासिल नहीं हुआ है। टीके के उत्पादन की संभावना के बारे में भी काफी आशंकाएं हैं, क्योंकि कोरोना (SARS-CoV-2) वायरस एक आरएनए वायरस है और त्वरित उत्परिवर्तन से गुजरता है यानि उसमें जल्दी से बदलने की प्रवर्ती है। एचआईवी, इबोला आदि जैसे कुछ अन्य आरएनए वायरस का अनुभव बहुत आशाजनक नहीं रहा है। हमारे पास उन वाइरसों के खिलाफ कोई टीका नहीं है, और न ही हमारे पास इन्फ्लूएंजा वायरस के खिलाफ ही कोई टीका है। फिर भी, दुनिया का वैज्ञानिक समुदाय इनमें से कई वायरस के खिलाफ प्रभावी ड्रग एजेंटों को बनाने का संघर्ष कर रहा है। ऐसी स्थिति में, विज्ञापनों और लंबे दावों के साथ पतंजलि ने जिस तरह का प्रचार किया है वह एक गंभीर मुद्दा है।

पहली बात जो पतंजलि कर सकती थी, वह यह कि उन घटकों की पहचान करे जो उनकी प्रभावशीलता की पुष्टि करता हो, यदि कोई हो तो, और जो कोविड-19 के खिलाफ काम करते हों। उसके बाद ही उन घटकों को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जो उनकी दावा या दावे की एक गंभीर कमी है।

पतंजलि दवाओं को हरी झंडी देने से पहले, उनके घटकों की कठोर वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से जांच होनी चाहिए।

इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

COVID-19 ‘Medicine’: Patanjali Needs to Answer Some Tough Questions

Coronil
Swasari Vati
Anu Oil
Patanjali Medicine against COVID19
AYUSH Ministry Noticed Patanjali
COVID-19
Baba Ramdev
Drug Trials
Ayurveda

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License