NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पेगासस विवाद: न्यायालय का केंद्र को नोटिस, कहा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाले तथ्यों का नहीं करे खुलासा
पीठ ने कहा कि उसने सोचा था कि सरकार एक विस्तृत हलफ़नामा दाखिल करेगी लेकिन इस मामले में सिर्फ सीमित हलफ़नामा दाखिल किया गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 10 दिन बाद इस मामले को सुनेगी और देखेगी कि इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
भाषा
17 Aug 2021
पेगासस विवाद: न्यायालय का केंद्र को नोटिस, कहा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाले तथ्यों का नहीं करे खुलासा

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग से संबंधित याचिकाओं पर मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और यह स्पष्ट किया कि वह नहीं चाहता कि सरकार ऐसी किसी बात का खुलासा करे जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हो।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने यह टिप्पणी सरकार के यह कहने के बाद की कि हलफनामे में सूचना की जानकारी देने से राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा है।

पीठ ने केंद्र से पूछा कि अगर सक्षम प्राधिकार अदालत में हलफनामा दें तो इसमें क्या परेशानी है।

पीठ ने कहा कि वह सरकार से ऐसी किसी चीज का खुलासा करने को नहीं कह रही है जो देश की सुरक्षा और रक्षा से संबंधित हो तथा ये चीजें ‘‘गोपनीय रखी जानी चाहिए।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह हलफनामे में एक भी ऐसा शब्द नहीं चाहती जिसमें देश की रक्षा या सुरक्षा से जुड़ी कोई बात हो।

पीठ ने कहा कि उसने सोचा था कि सरकार एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करेगी लेकिन इस मामले में सिर्फ सीमित हलफनामा दाखिल किया गया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 10 दिन बाद इस मामले को सुनेगी और देखेगी कि इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि सरकार ने सोमवार को दाखिल हलफनामे में अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था।

मेहता ने पीठ से कहा, “हमारी सुविचारित प्रतिक्रिया वही है जो हमने सम्मानपूर्वक अपने पिछले हलफनामे में दी थी। कृपया इस मामले को हमारे नजरिये से देखें क्योंकि हमारा हलफनामा पर्याप्त है। भारत सरकार देश की सर्वोच्च अदालत के सामने है।”

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह वह सभी पहलुओं के निरीक्षण के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी और यह समिति शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट देगी।

उन्होंने कहा, “छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है” और इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा का पहलू जुड़ा है।’’

मेहता ने कहा कि यह मामला “सार्वजनिक बहस का मुद्दा” नहीं हो सकता और विशेषज्ञों की समिति शीर्ष अदालत को रिपोर्ट देगी।

उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है जिसे संवेदनशीलता से निपटा जाना चाहिए और सरकार इस्तेमाल किए जा रहे सुरक्षा तंत्र के बारे में जानकारी सार्वजनिक तौर पर नहीं दे सकती है।

मेहता ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि सरकार किसी को कुछ नहीं बताएगी और दलील यह है कि वह इसे सार्वजनिक तौर पर नहीं कहना चाहती।

पीठ ने कहा, ‘‘अदालत के रूप में हम, सॉलिसिटर जनरल के रूप में आप तथा इस अदालत के अधिकारियों के रूप में सभी वकील, हममें से कोई भी राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहेगा।’’

मामले में याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह नहीं चाहते कि केंद्र राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डालने वाली किसी भी जानकारी का खुलासा करे।

पीठ ने कहा कि वह सरकार को नोटिस जारी कर रही है और 10 दिन बाद इस मामले को सुनेगी।

न्यायालय ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ की याचिका सहित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। याचिकाओं में सारे मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है।

ये याचिकाएं इजराइली कंपनी एनएसओ के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर प्रमुख नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की जासूसी कराए जाने से संबंधित है।

संबंधित मामले में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने कहा था कि 300 से अधिक भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाईवेयर का उपयोग कर निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में थे।

केंद्र ने सोमवार को अपने संक्षिप्त हलफनामे में कहा था कि पेगासस जासूसी के आरोपों को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाएं “अटकलों, अनुमानों” और मीडिया में आई अपुष्ट खबरों पर आधारित हैं।

हलफनामे में सरकार ने कहा है कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही कथित पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद में उसका रुख स्पष्ट कर चुके हैं।

इसमें कहा गया, “उपर्युक्त याचिका और संबंधित याचिकाओं के अवलोकन भर से यह स्पष्ट हो जाता है कि वे अटकलों, अनुमानों तथा अन्य अपुष्ट मीडिया खबरों तथा अपूर्ण या अप्रमाणिक सामग्री पर आधारित हैं।”

हलफनामे में कहा गया कि कुछ निहित स्वार्थों द्वारा दिए गए किसी भी गलत विमर्श को दूर करने और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा।

Pegasus
Supreme Court
Modi government

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License