NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ग्रीस में शरणार्थियों के लिए डिटेंशन सेंटर के निर्माण का लोगों ने विरोध किया
शरणार्थियों के संकट के कारण के तौर पर ट्रेड यूनियनों ने यूएस-नाटो युद्ध की निंदा की और देश में रूढ़िवादी सरकार की आप्रवासी नीतियों का विरोध किया।
पीपल्स डिस्पैच
27 Feb 2020
ग्रीस में शरणार्थियों के लिए डिटेंशन सेंटर

ग्रीस के लेसवोस, समोस और चियोस द्वीप के लोगों ने शरणार्थियों और शरण चाहने वाले लोगों के लिए और अधिक डिटेंशन सेंटर बनाने के सरकार के इस फैसले के विरोध में गुरुवार 27 फरवरी को बंद का आह्वान किया है। वे प्रदर्शन को लेकर एक दिन पहले एमएटी के दमन का भी विरोध कर रहे हैं। इसके चलते सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।

कल यानी 26 फरवरी को लेसवोस द्वीप के सैकड़ों लोगों ने द्वीप पर नए डिटेंशन सेंटर के निर्माण के लिए भेजे गए श्रमिकों को रोक दिया था। इन प्रदर्शनकारियों पर एमएटीएस (यूनिट्स ऑफ द रिइंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्डर) द्वारा हमला किया गया था। ये ग्रीस पुलिस की एक विशेष इकाई है जिसे दंगा के नियंत्रण के लिए तैनात किया गया था।

इन हमलों के खिलाफ उत्तरी एजियन के स्थानीय गवर्नर कोस्टास मुत्ज़ोरिस ने आज हड़ताल की घोषणा की।

ग्रीस में रूढ़िवादी न्यू डेमोक्रेसी सरकार की शरणार्थियों के लिए नए डिटेंशन सेंटर बनाने और मौजूदा सेंटर की क्षमता का विस्तार करने की योजना है। सरकार के अनुसार मौजूदा शिविरों में संख्या बढ़ गई है। उदाहरण के लिए, लेसवोस में मोरिया शिविर में लगभग 20000 की शरणार्थी हैं जबकि इसकी क्षमता 3000 से कम है।

सरकार का दावा है कि बंदियों के रहने की स्थिति में सुधार के लिए डिटेंशन सेंटर का विस्तार करना ज़रुरी है।

ऑल वर्कर्स मिलिटेंट फ्रंट (पीएएमई) ने कल एक बयान जारी किया जिसमें 2015 के तुर्की-यूरोपीय संघ के समझौतों के पालन को लेकर सरकारों की निंदा की। इस समझौते के अनुसार ग्रीस को शरणार्थियों के यूरोप जाने से रोकना है और उनमें से ज्यादातर को निर्वासित करना है।

पीएएमई के बयान के अनुसार इस समझौता ने "न केवल स्थिति को बदतर किया है बल्कि इसने प्रवासी शरणार्थियों और द्वीपवासियों के लिए और भी असहनीय बना दिया है।" इस बयान में अमेरिका और नाटो सैनिकों द्वारा शरणार्थी समस्या पैदा करने के लिए शुरु किए गए युद्धों की भी निंदा की गई।

ग्रीस में नई सरकार ने उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के प्रवासियों को समुद्र पार करने से रोकने के लिए "फ्लोटिंग फेंस" बनाकर शरणार्थियों की आमद कम करने की योजना बनाई है।

ज्यादातर प्रवासी या शरणार्थी या शरण चाहने वाले सीरिया और पश्चिम एशिया व उत्तरी अफ्रीका के अन्य हिस्सों में युद्धों के कारण बेघर हुए हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Greece
migrants
detention centre
trade unions
All Workers Militant Front
PAME

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

ग्रीस में प्रगतिशीलों ने ज़ेलेंस्की के नव-नाज़ियों के साथ संसद के संबोधन को ख़ारिज किया 

ट्रेड यूनियनों की 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, पंजाब, यूपी, बिहार-झारखंड में प्रचार-प्रसार 

एक सप्ताह में 10 लाख लोगों ने किया यूक्रेन से पलायन: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी

केंद्रीय बजट-2022: मजदूर संगठनों ने कहा- ये कॉर्पोरेटों के लिए तोहफ़ा है

2021 : जन प्रतिरोध और जीत का साल

भाजपा का हिंदुत्व वाला एजेंडा पीलीभीत में बांग्लादेशी प्रवासी मतदाताओं से तारतम्य बिठा पाने में विफल साबित हो रहा है

निर्माण मज़दूरों की 2 -3 दिसम्बर को देशव्यापी हड़ताल,यूनियन ने कहा- करोड़ों मज़दूर होंगे शामिल

दिल्ली में मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ हड़ताल की


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License