NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पेरू और सेंट लूसिया ने वेनेज़ुएला-विरोधी लीमा समूह से हटने की घोषणा की
लीमा समूह की स्थापना वेनेजुएला के ख़िलाफ़ अमेरिकी शासन परिवर्तन अभियान का मदद करने के लिए की गई थी। इसके गठन के बाद से केवल चार वर्षों में पांच देश इस समूह से हट चुके हैं।
पीपल्स डिस्पैच
10 Aug 2021
पेरू और सेंट लूसिया ने वेनेज़ुएला-विरोधी लीमा समूह से हटने की घोषणा की

8 अगस्त को सेंट लूसिया के विदेश मंत्री अल्वा बैप्टिस्टे ने वेनेजुएला के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहाल करने के लिए नए प्रशासन की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के पहले कदम के रूप में लीमा समूह से अपने देश के हटने की घोषणा की। ये समूह वेनेजुएला और इसके लोगों के खिलाफ विदेशी हस्तक्षेप और प्रतिबंधों को बढ़ावा देता है।

सेंट लूसिया दूसरा ऐसा देश है जिसने एक हफ्ते में लीमा ग्रुप से अलग होने की घोषणा की है। गत शुक्रवार 3 अगस्त को पेरू के विदेश मंत्री हेक्टर बेजर ने अपने शपथ ग्रहण भाषण के दौरान घोषणा की कि उनका देश राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो की नई सरकार की गैर-हस्तक्षेप विदेश नीति के तहत लीमा समूह से हट जाएगा।

उन्होंने वेनेजुएला और उसके सरकारी अधिकारियों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए एकतरफा सखत कानूनों की भी निंदा की। बेजर ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत हम सभी लोगों के आत्मनिर्णय का समर्थन करते हैं और किसी भी एकतरफा प्रतिबंध की निंदा करते हैं।"

बेजर ने यह भी घोषणा की कि पेरू यूनियन ऑफ साउथ अमेरिकन नेशन्स (यूएनएएसयूआर) में फिर से शामिल होगा और कम्यूनिटी ऑफ लैटिन अमेरिकन और कैरेबियन स्टेट्स (सीईएलएसी) और एंडियन कम्युनिटी ऑफ नेशन्स (सीएएन) को मजबूत करेगा।

लीमा समूह लैटिन अमेरिका में दक्षिणपंथी सरकारों का एक समूह है और इसे संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑर्गनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट्स (ओएएस) और यूरोपीय संघ (ईयू) का समर्थन प्राप्त है। इसकी स्थापना अगस्त 2017 में पेरू की राजधानी लीमा में वेनेजुएला के विपक्ष का समर्थन करने, बोलिवियाई क्रांति को बदनाम करने, वेनेजुएला की संवैधानिक सरकार के खिलाफ राजनयिक निर्णयों में तेजी लाने और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से की गई थी।

मूल रूप से, इसमें 11 लैटिन अमेरिकी देश और कनाडा शामिल थे। बाद में 5 अन्य देश इस समूह में शामिल हो गए। हालांकि, इसके गठन के बाद से केवल चार वर्षों में पांच देश इस समूह से हट चुके हैं। मेक्सिको ने इसे जनवरी 2019 में छोड़ने की घोषणा की, बोलीविया ने दिसंबर 2020 में, अर्जेंटीना ने मार्च 2021 में छोड़ दिया और अब पेरू और सांता लूसिया ने इसकी घोषणा की है। कुल मिलाकर पेरू का हटना इस गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह इस समूह का संस्थापक देश है और इस समूह का नाम इसकी राजधानी के नाम पर रखा गया है।

इस क्षेत्र में प्रगतिशील सरकारों के पुनरुत्थान और क्षेत्रीय एकीकरण और साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन को मजबूत करने के साथ लीमा समूह अपनी समाप्ति के करीब है।

Venezuela
Peru
Saint Lucia

Related Stories

वेनेज़ुएला ने ह्यूगो शावेज़ के ख़िलाफ़ असफल तख़्तापलट की 20वीं वर्षगांठ मनाई

ज़ेलेंस्की ने बाइडेन के रूस पर युद्ध को बकवास बताया

अमेरिकी सरकार के साथ बैठक के बाद मादुरो का विपक्ष के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का ऐलान

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

लैटिन अमेरिकी मूवमेंट ने पेरू में तख़्तापलट की चेतावनी दी

पेरू में वामपंथी उम्मीदवार कैस्टिलो ने राष्ट्रपति चुनाव जीता, फुजीमोरी ने हार मानी

वेनेज़ुएला में विश्व के नेता साम्राज्यवाद-विरोधी, नवउदारवाद-विरोधी संघर्षों के लिए एकजुट

ALBA-TCP ने कोविड-19 टीकों की ख़रीद में वेनेज़ुएला की वित्तीय रोक की निंदा की

पेरूः कैस्टिलो ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता, फुजीमोरी का मानने से इनकार

पेरूः राष्ट्रपति पद की मतगणना में कैस्टिलो को बढ़त मिलने पर फुजीमोरी का धोखाधड़ी का आरोप


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License