NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फ़िलिपींस : देश के क्रूर आतंकवाद विरोधी क़ानून के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू
कोविड-19 महामारी के दौरान संसद में पास किये गए इस क़ानून का देश के ट्रेड यूनियनों और वामपंथी विधायकों ने विरोध किया है, और इसे नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन करने वाला बताया है।
पीपल्स डिस्पैच
03 Feb 2021
Philipines Supreme court

मंगलवार 2 फरवरी को फिलीपींस के सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद आतंकवाद-रोधी अधिनियम (ATA) के खिलाफ याचिकाओं पर मौखिक बहस सुनी। जुलाई 2020 में कानून लागू होने के बाद पहली बार अधिकार समूहों, ट्रेड यूनियनवादियों, वकीलों और वामपंथी विधायकों द्वारा दायर 37 याचिकाओं पर अदालत सुनवाई कर रही है।

याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 12 वकीलों में से 8 वकील सॉलिसिटर जनरल जोस कैलिडा के खिलाफ सरकार का प्रतिनिधित्व करने और कानून का बचाव करने के लिए आमने-सामने गए। कानूनी टीम का नेतृत्व फिलीपींस के इंटीग्रेटेड बार (आईबीपी) के अध्यक्ष जोस एंल्समो कैडिज द्वारा किया जाता है।

याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कानून के साथ बुनियादी मुद्दों को इंगित किया है, विशेष रूप से यह कैसे सरकार को कानून के तहत उन आरोपियों को हिरासत में लेने और गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। कानून के प्रोफेसर, एडवोकेट जॉन मोलो ने तर्क दिया कि सर्वोच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना चाहिए और मुकदमे के समापन तक कानून पर निषेधाज्ञा पारित करनी चाहिए।

पीठासीन न्यायाधीशों ने हालांकि ऐसा करने में अनिच्छा दिखाई। एसोसिएट जस्टिस मार्विक लियोन ने सवाल किया कि क्या अदालत के लिए हस्तक्षेप करना जल्दबाजी है, विशेषकर चूंकि याचिकाकर्ताओं में से कोई भी कानून से सीधे प्रभावित नहीं हुआ है। ATA केवल सात महीने से अधिक समय तक प्रभावी रहा है, और इसके तहत अब तक केवल कुछ ही मामले दर्ज किए गए हैं।

गौरतलब है कि उसी दिन एटीए के तहत सबसे पहले गिरफ्तार होने वाले एटा समुदाय के दो स्वदेशी कार्यकर्ताओं ने कानून के खिलाफ याचिकाकर्ता के रूप में शामिल होने की गुहार लगाई थी। जैपर गुरुंग और जूनियर रामोस को सितंबर में एटीए के तहत गिरफ्तार किया गया था और पहले से ही हिरासत में रहते हुए कथित रूप से छह दिनों तक अत्याचार करने के लिए सेना पर मुकदमा दायर कर रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं ने एटीए में आतंकवाद की परिभाषा और "इरादों" के आधार पर निगरानी के प्रावधानों के खिलाफ भी तर्क दिया। वकीलों ने तर्क दिया कि कानूनी प्रावधान अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ जा रहे हैं कि सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि यह आधारित है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि संवैधानिक रूप से गारंटीकृत अधिकारों के संभावित उल्लंघन के लिए रास्ता देने, किसी को निगरानी करने या किसी को निगरानी में रखने के लिए आवश्यक आवश्यक शर्तों के मानक बहुत कम हैं।

इस कानून को राष्ट्रपति रोड्रिगो टेर्टे द्वारा प्रचारित किया गया थाऔर कांग्रेस के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी पीडीपी-लाबान द्वारा कोविड ​​-19 महामारी के बीच में पास करवाया गया था।

Philippines
Philippines Supreme court
Terrorism
Anti Terrorism Act
ATA

Related Stories

विशेष: किसिम-किसिम के आतंकवाद

बिहार: कश्मीर में प्रवासी बिहारी मज़दूरों की हत्या के ख़िलाफ़ पटना सहित पूरे राज्य में मनाया गया विरोध दिवस

'कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं का मक़सद भारत की सामान्य स्थिति की धारणा को धूमिल करना है'—मिलिट्री थिंक-टैंक के निदेशक

9/11 के बाद भारत में भी हालात हुए हैं ख़राब

जांच पर और सवाल करते हैं 9/11 मामले में एफबीआई के सार्वजनिक हुए दस्तावेज 

यूएस द्वारा रक्षा पर किए गए ख़र्च का क़रीब आधा निजी कंपनियों को मिलाः कॉस्ट ऑफ़ वॉर प्रोजेक्ट

आतंकवाद को सालों तक भुनाया जा सकता है : हिलाल अहमद

दो दशकों के "आतंक के ख़िलाफ़ युद्ध" के चलते क़रीब दस लाख मौतें हुई, 37 मिलियन विस्थापित हुए

फ़िलीपींस ने प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी की राजनीतिक शाखा को "आतंकवादी" घोषित किया

कश्मीर : यूएपीए का इल्ज़ाम ख़ारिज, गुजरात जेल में 12 साल से क़ैद बशीर रिहा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License