NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फ़िलिपींस के एक्टिविस्ट ने "राज्य-प्रायोजित ख़तरों" से सुरक्षा की मांग को दोहराया
फ़िलिपींस में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सोशल मूवमेंट्स के नेताओं की हालिया हत्याओं के बाद की हिंसा से अदालत द्वारा अनुमोदित सुरक्षा की मांग की गई।
पीपल्स डिस्पैच
02 Sep 2020
Philippines

राजनीतिक हत्याओं से सुरक्षा के लिए मानवाधिकार समूह कारापाटन अलायंस ने फ़िलिपींस की सर्वोच्च कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। मंगलवार 1 सितंबर को कारापाटन अलायंस के क़ानूनी सलाहकारों ने राज्य-प्रायोजित हत्या और एक्टिविस्ट के उत्पीड़न को रोकने के लिए उपाय तलाशने के लिए अदालत से आग्रह किया है। अदालत को दिए गए अर्जी में पिछले महीने अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा हेल्थ एक्टिविस्ट और उनकी नेग्रोस आईलैंड ब्रांच के सदस्य ज़ारा अल्वारेज़ की हत्या का हवाला दिया गया। 10अगस्त को शांति सलाहकार रैंडी एकानिस की हत्या के एक सप्ताह बाद 17 अगस्त को अल्वारेज की हत्या कर दी गई थी।

रिट याचिका एम्पारो और हेबीयस डेटा न्यायेत्तर हत्याओं और जबरन गुमशुदगी होने से निपटने को लेकर फ़िलिपींस में क़ानूनी प्रावधान हैं। राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे प्रशासन में देश में राजनीतिक हत्याओं के हालिया मामलों के साथ इस अर्जी की शुरुआत की गई।

अर्जी में कहा गया, "पिछले कुछ वर्षों से फिलीपींस में मानवाधिकार एक्टिविस्टों का बड़े पैमाने पर रेड-टैगिंग और आतंकवादी बताने के चलते उनके उत्पीड़न, झूठे आरोपों को लेकर क़ैद करने या यहां तक कि हत्याएं बढ़े हैं।"

कारापाटन द्वारा अपने एक्टिविस्ट के लिए एम्पारो और हेबीयस डेटा को सुरक्षित करने का यह दूसरा प्रयास है। 18 जून 2019 को कोर्ट ऑफ अपील द्वारा पिछले प्रयास को ख़ारिज इस तथ्य के बावजूद कर दिया गया था कि कार्यकर्ता रयान हुबिला की हत्या सिर्फ तीन दिन पहले की गई थी। अल्वारेज़ उक्त याचिका में अन्य गवाहों में से एक गवाह थी जिन्हें उनके जीवन के ख़तरे से उन्हें न्यायिक सुरक्षा प्रदान किया जा सकता था।

कारापाटन के महासचिव क्रिस्टीना पलाबे ने अपने बयान में अदालतों की कार्रवाई के प्रति अनिच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा, "यह देरी सचमुच हमें मार रही है! हालांकि कोर्ट ऑफ अपील ने हमारी याचिका को ख़ारिज कर दिया,कारापाटन के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ राज्य के लक्षित हमले जारी हैं और ये और बढ़ गए हैं।"

कल कारापाटन ने अपने नेग्रोस द्वीप के उप-सचिव जुलुइस दगातन के ख़िलाफ़ मौत के ख़तरे को लेकर पोस्ट किया था जो वामपंथी गठबंधन बायान मुना के एक मीडिया सहयोगी भी है। कारापाटन ने जुलाई 2016 से "सरकार के काउंटर इंटरसर्जेंसी जैसे प्रोग्राम में" 328 हत्याओं को दर्ज किया है। संगठन ने कहा है कि इनमें से 185 हत्याएं मानवाधिकार रक्षकों और सोशल मूवमेंट एक्टिविस्ट की थीं। यह भी कहा गया कि अल्वारेज़ की हत्या के साथ उनके 13 एक्टिविस्टों को अब तक डुटेर्टे प्रशासन में मार दिया गया है।

Philippines
Human Rights
Philippines govt
duterte govt

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 

चिली की नई संविधान सभा में मज़दूरों और मज़दूरों के हक़ों को प्राथमिकता..

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

यूक्रेन युद्ध से रूस-चीन के संबंधों में मिली नई दिशा

मणिपुर चुनाव: भाजपा के धनबल-भ्रष्ट दावों की काट है जनता का घोषणापत्र

कैसे सैन्य शासन के विरोध ने म्यांमार को 2021 के तख़्तापलट के बाद से बदल दिया है

कैसे चीन पश्चिम के लिए ओलंपिक दैत्य बना


बाकी खबरें

  • एम.ओबैद
    एमपी : ओबीसी चयनित शिक्षक कोटे के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे
    26 Apr 2022
    चयनित शिक्षक पिछले एक महीने से नियुक्ति पत्र को लेकर प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मांग पूरी न होने पर अंत में आमरण अनशन का रास्ता चयन किया।
  • अखिलेश अखिल
    यह लोकतांत्रिक संस्थाओं के पतन का अमृतकाल है
    26 Apr 2022
    इस पर आप इतराइये या फिर रुदाली कीजिए लेकिन सच यही है कि आज जब देश आज़ादी का अमृतकाल मना रहा है तो लोकतंत्र के चार प्रमुख स्तम्भों समेत तमाम तरह की संविधानिक और सरकारी संस्थाओं के लचर होने की गाथा भी…
  • विजय विनीत
    बलिया पेपर लीक मामला: ज़मानत पर रिहा पत्रकारों का जगह-जगह स्वागत, लेकिन लड़ाई अभी बाक़ी है
    26 Apr 2022
    "डबल इंजन की सरकार पत्रकारों को लाठी के जोर पर हांकने की हर कोशिश में जुटी हुई है। ताजा घटनाक्रम पर गौर किया जाए तो कानपुर में पुलिस द्वारा पत्रकारों को नंगाकर उनका वीडियो जारी करना यह बताता है कि…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जन आंदोलनों के आयोजन पर प्रतिबंध अलोकतांत्रिक, आदेश वापस लें सरकार : माकपा
    26 Apr 2022
    माकपा ने सवाल किया है कि अब जन आंदोलन क्या सरकार और प्रशासन की कृपा से चलेंगे?
  • ज़ाहिद खान
    आग़ा हश्र काश्मीरी: गंगा-ज़मुनी संस्कृति पर ऐतिहासिक नाटक लिखने वाला ‘हिंदोस्तानी शेक्सपियर’
    26 Apr 2022
    नाट्य लेखन पर शेक्सपियर के प्रभाव, भारतीय रंगमंच में महत्वपूर्ण योगदान और अवाम में उनकी मक़बूलियत ने आग़ा हश्र काश्मीरी को हिंदोस्तानी शेक्सपियर बना दिया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License