NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
अंतरराष्ट्रीय
तुर्की में पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दागे आंसू गैस के गोले
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के उन्मूलन के लिए 25 नवंबर को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में इस्तांबुल की मुख्य सड़क इस्तिकलाल पर मार्च निकाला गया।
एपी
26 Nov 2021
Police Turkey fired tear gas to stop female protesters

इस्तांबुल: तुर्की के इस्तांबुल में महिला प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। महिलाओं को हिंसा से बचाने से संबंधित एक ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय संधि में तुर्की की वापसी की मांग को लेकर इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के उन्मूलन के लिए 25 नवंबर को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में इस्तांबुल की मुख्य सड़क इस्तिकलाल पर मार्च निकाला गया। इस दौरान महिलाओं ने रंग-बिरंगी तख्तियां हाथ में ले रखी थीं, उन्होंने नारे भी लगाए और यूरोपीय परिषद की ‘इस्तांबुल संधि’ में देश के बने रहने की मांग की।

महिलाओं को मुख्य सड़क से आगे जाने से रोकने के लिए दंगा रोधी पुलिस ने अवरोधक लगाए थे। प्रदर्शन कर रही महिलाओं के अवरोधक पार करते ही पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान एक महिला घायल हो गई।

इसी तरह के प्रदर्शन अंकारा और अन्य शहरों में भी किए गए। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने मार्च में देश को संधि से बाहर कर लिया था, जिसकी महिला अधिकार समूहों तथा पश्चिमी देशों ने काफी आलोचना की थी। इस फैसले के खिलाफ अदालती आदेश को भी दरकिनार कर दिया गया और जुलाई में तुर्की औपचारिक रूप से संधि से बाहर हो गया।

मानवाधिकार समूहों का कहना है कि तुर्की में महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। महिलाओं के अधिकार के लिए काम करने वाले संगठन ‘वी विल स्टॉप फेमिसाइड’ का कहना है कि तुर्की में 2021 में अब तक 353 महिलाओं की हत्या की गई और पिछले साल 409 महिलाओं की जान गई थी। अक्टूबर में 18 महिलाओं की हत्या पुरुषों द्वारा की गई और 19 अन्य की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई।

Turkey
Turkey Protest
Female protesters
Turkey police

Related Stories

'इस्तांबुल कन्वेंशन ऑन विमेंस राइट्स' से तुर्की के हटने के फ़ैसले से विरोध प्रदर्शन तेज़

तुर्की : महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के विरोध में हज़ारों ने मार्च किया

तुर्की : नारीवादी समूहों ने देश में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा का विरोध किया


बाकी खबरें

  • बिहार : सातवें चरण की बहाली शुरू करने की मांग करते हुए अभ्यर्थियों ने सिर मुंडन करवाया
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : सातवें चरण की बहाली शुरू करने की मांग करते हुए अभ्यर्थियों ने सिर मुंडन करवाया
    11 May 2022
    धरना स्थल पर राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए अभ्यर्थियों ने सातवें चरण की बहाली शुरू करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने हवन किए और सिर मुंडवा कर विरोध जताया।
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र
    11 May 2022
    अजय सिंह की कविता अपने तौर पर एक चेतावनी है। साफ़ चेतावनी। जिसे बुलंद आवाज़ में पढ़ा और समझा जाना चाहिए।
  • climate
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    लगातार गर्म होते ग्रह में, हथियारों पर पैसा ख़र्च किया जा रहा है: 18वाँ न्यूज़लेटर  (2022)
    11 May 2022
    हथियारों के लिए ख़र्च किए जाने वाले पैसे की कोई सीमा नहीं है, लेकिन दुनिया के सामने उपस्थित जलवायु आपदा को टालने के लिए ख़ैरात भी नहीं है।
  • रवि शंकर दुबे, मुकुंद झा
    दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज
    11 May 2022
    अतिक्रमण के नाम पर ग़रीबों के घऱ पर चलाए जा रहे बुलडोज़र के खिलाफ वामदलों के साथ तमाम संगठनों ने दिल्ली के उपराज्यपाल आवास के बाहर ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया।
  • jgp
    शारिब अहमद खान
    बेलगाम बुलडोज़र: इस तरह के विध्वंस पर अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय क़ानून क्या कहता है?
    11 May 2022
    सरकार द्वारा चलाई जा रही विध्वंस नीति ने न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों को दरकिनार किया बल्कि राष्ट्रीय कानूनों का भी उपहास उड़ाया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License