NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
शौचालय नहीं होने के चलते हाथी के हमलों में जान गंवा रहे ग़रीब आदिवासी
आदिवासी कल्याण के लिए राज्य और केंद्र की सरकारें आये दिन नयी-नयी घोषणाएं करती रहती हैं, लेकिन एक शौचालय के लिए उन्हें जान गंवानी पड़ रही है।
सरोजिनी बिष्ट
16 Jun 2020
 जान गंवा रहे ग़रीब आदिवासी

पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों, और दक्षिणी हिस्से में स्थित बांकुड़ा, पुरुलिया, झाड़ग्राम, पश्चिमी मेदिनीपुर का बड़ा इलाका जंगलों से ढका है। इन्सानों पर हाथी के हमलों की खबरें इन जिलों से अक्सर आती रहती हैं। इसके चलते हर साल दर्जनों लोगों को जान गंवानी पड़ती है। जून 2019 में लोकसभा में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से दी गयी एक जानकारी के मुताबिक, 2014 से लेकर मार्च 2019 के बीच देश में कुल 2398 लोग हाथी के हमलों में मारे गये। इसमें बंगाल 403 मौतों के साथ सबसे ऊपर है। यह सही है कि मुनष्य और जंगली जानवरों के संघर्ष को पूरी तरह टाला नहीं जा सकता, पर इससे ज्यादा बदकिस्मती की बात क्या होगी कि आज भी कई लोग सिर्फ इसलिए मारे जा रहे हैं कि उनके घरों में शौचालय नहीं है। लोग मुंह अंधेरे जंगलों की ओर शौच के लिए जाते हैं और कई बार हाथी के हमलों का शिकार बन जाते हैं। एक हफ्ते पहले भी ऐसी ही घटना हुई।

आठ जून की सुबह, अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट के उत्तर छेकामारी गांव में, 55 वर्षीय रतु उरांव शौच के लिए सागौन के बागान में गया हुआ था। तभी हाथी ने अचानक हमला बोल दिया। हाथी ने रतु को इतनी बुरी तरह कुचला कि घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी।

IMG-20200616-WA0011 (1).jpg

रतु जिस मदारीहाट ग्राम पंचायत का रहनेवाला था, उस पंचायत को डेढ़ साल पहले ही 'निर्मल ग्राम' घोषित किया जा चुका है। यह खिताब उस गांव को मिलता है, जहां के सभी बाशिंदों के पास शौचालय की सुविधा हो। लेकिन हकीकत यह है कि इस पंचायत के कई घरों में शौचालय नहीं है या फिर क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस कारण उन्हें मजबूरी में शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है।

रतु उरांव के घर का शौचालय करीब एक साल पहले हाथी के हमले में क्षतिग्रस्त हो गया था। उसके बाद से काफी कोशिश करने के बाद भी परिवार के लिए नया शौचालय आवंटित नहीं हो पाया। और, उनकी माली हालत ऐसी नहीं है कि अपने खर्च से नया शौचालय बनवा सकें। शौचालय के अभाव में आखिरकार रतु को अपनी जान गंवानी पड़ी।

मदारीहाट पंचायत के हर घर में शौचालय क्यों नहीं है, इस बारे में ग्राम प्रधान मामुनी बसुमाता का कहना है कि डेढ़ साल पहले उनकी पंचायत को निर्मल ग्राम घोषित किया गया था। उस समय हर घर में शौचालय बन गया था। लेकिन तब से कई नये घर हो गये हैं, जिनमें से कुछ में अभी शौचालय नहीं बन पाया है। जहां तक रतु के घर का सवाल है तो उनके यहां का शौचालय हाथी ने तोड़ दिया था। नये शौचालय के लिए आवंटन का प्रयास चल रहा था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते बाकी बचे घरों में शौचालय निर्माण में देरी हुई है।

मदारीहाट की घटना इस तरह की इकलौती घटना नहीं है। बांकुड़ा जिले की बात करें तो यह जिला भी 'निर्मल जिला' घोषित हो चुका है। लेकिन यहां भी बहुत से लोग शौच के लिए खुले में जाते हैं। बीते जनवरी महीने में, जिला प्रशासन के एक सर्वेक्षण में सामने आया कि जिले में अब भी लगभग 83 हजार परिवारों के घरों में शौचालय नहीं है। इनमें से बिना शौचालय के 40 हजार से ज्यादा परिवार उन दस प्रखंडों में रहते हैं, जहां हाथियों का काफी उत्पात है। जनवरी महीने में यहां शौच के लिए बाहर गये दो लोगों की जान हाथियों ने ले ली।

4 जनवरी को बांकुड़ा जिले के विष्णुपुर के चितरंग गांव में अशोक सरदार नामक एक अधेड़ को हाथी ने मार दिया। वह शौच के लिए बंसवारी में गये थे, तभी यह घटना घट गयी। इसी तरह 29 जनवरी को रानीबांध ब्लॉक के बुधखिला गांव में  बासंती सिंह सरदार नामक एक महिला को हाथी ने मार डाला। वह भोर के समय नित्यकर्म के लिए जंगल की ओर गयी थी। बासंती के परिवार को राज्य सरकार की गीतांजिल योजना के तहत पक्का घर मिल गया है, लेकिन उसमें शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है।

झाड़ग्राम जिले में भी 7 जनवरी को खुले में शौच गये एक अधेड़ बंकिम हांसदा को हाथी ने मार डाला। यह घटना जिले के लालगढ़ के पोड़िया गांव में घटी. वन विभाग की ओर से तब बताया गया था कि बीते एक साल के दौरान पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम में सात लोग शौच के लिए जंगल जाने के कारण हाथी के हमलों में मारे जा चुके हैं।

मौत का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है, लेकिन राज्य की ममता बनर्जी सरकार की नींद नहीं खुल रही। खास बात यह है कि हाथी के हमलों का शिकार हो रहे ज्यादातर लोग गरीब आदिवासी समुदाय के हैं, जो अपने खर्च से शौचालय बनवा पाने या क्षतिग्रस्त हुए शौचालय की मरम्मत करा पाने में सक्षम नहीं हैं। आदिवासी कल्याण के लिए राज्य और केंद्र की सरकारें आये दिन नयी-नयी घोषणाएं करती रहती हैं, लेकिन एक शौचालय के लिए उन्हें जान गंवानी पड़ रही है। पश्चिम बंगाल सरकार के वन निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2017 की राष्ट्रीय गणना में पश्चिम बंगाल में हाथियों की संख्या 682 थी। वहीं कर्नाटक में यह संख्या 6049 थी. यानी, कर्नाटक के मुकाबले बंगाल में हाथियों की संख्या दसवां हिस्सा ही है। लेकिन, हाथी के हमलों में मौत के मामले में राज्य का नंबर एक पर होना, राज्य सरकार की विफलता को ही उजागर करता है।

(सरोजिनी बिष्ट स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

aadiwasi
Poor tribals
Toilets
Toilet Shortage
Elephant Attacks
West Bengal
Tribal life
tribal rights
Poor Tribal

Related Stories

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

बेपटरी हुई बीकानेर-गुवाहटी एक्सप्रेस से जुड़ा बचाव अभियान पूरा हुआ : एनएफआर

बंगाल : बस के नहर में गिरने से छह प्रवासी मजदूरों की मौत

पश्चिम बंगाल: दो आदिवासी नाबालिग बहनों से गैंगरेप, एक ने जान दी, दूसरी की हालत नाज़ुक

कोरोना वायरस से संक्रमित माकपा के वरिष्ठ नेता श्यामल चक्रवर्ती का निधन

चक्रवात ‘अम्फान’ से बंगाल में 80 लोगों की मौत, हज़ारों बेघर, एक लाख करोड़ से ज़्यादा के नुकसान का दावा

चक्रवाती तूफ़ान ‘अम्फान’ से प.बंगाल में 72 लोगों की मौत, ओडिशा में भी भारी तबाही

बंगाल, ओडिशा चक्रवात अम्फान की चपेट में, दो की मौत, 6.5 लाख हटाए गए

प. बंगाल : मंदिर के पास भगदड़ में तीन की मौत, 20 से अधिक घायल

बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल जारी : एम्स, सफदरजंग का ममता को 48 घंटे का अल्टीमेटम


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License