NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के परमाणु परिसर नतांज में बिजली आपूर्ति ठप, 'परमाणु आतंकवाद का दावा'
ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ नए सिरे से शत्रुता का सामना कर रहा है। जो बाइडन प्रशासन के सत्ता में आने के बाद साल 2015 के इस परमाणु समझौते में फिर से जान डालने की संभावना बढ़ गई है।
पीपल्स डिस्पैच
12 Apr 2021
ईरान के परमाणु परिसर नतांज में बिजली आपूर्ति ठप, 'परमाणु आतंकवाद का दावा'

ईरान की सबसे बड़ी परमाणु संवर्धन इकाई के कुछ हिस्सों में रविवार 11 अप्रैल को बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इसको लेकर बाहरी शक्तियों द्वारा नुकसान पहुंचाने की चिंता व्यक्त की जा रही है। हालांकि बिजली आपूर्ति के ठप होने से किसी तरह के पर्यावरणीय क्षति और लोगों के नुकसान की खबर नहीं है। मामले की जांच अभी भी जारी है। इस बीच ईरान की सरकार ने इसे "परमाणु आतंकवाद" करार दिया है और साथ ही उसने विश्व समुदाय से इससे निर्णायक तरीके से निपटने की अपील की है।

ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआई) के प्रमुख डॉ. अली अकबर सालेही ने बिजली आपूर्ति ठप होने को "इस देश की औद्योगिक और राजनीतिक विकास के विरोधियों" द्वारा किया गया कृत्य बताया है जो ईरान की "परमाणु उद्योग के महत्वपूर्ण विकास" को रोकने में भी विफल रहे हैं। उन्होंने ईरान परमाणु समझौते में फिर से जान डालने वाली वार्ता को बाधित करने के लिए बड़े साजिश का एक हिस्सा करार दिया।

साल 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के क्रम में वियना में पिछले सप्ताह ईरान और ज्वाइंट कम्प्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) के अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं ने बैठक की थी। 2018 में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा एकतरफा तरीके से हटने के कारण इस समझौते का भविष्य खतरे में पड़ गया था।

इजरायली कान रेडियो के अनुसार, इस घटना की कोई पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि रायटर ने रिपोर्ट किया कि देश की गुप्त एजेंसी मोसाद ने परमाणु परिसर में नुकसान पहुंचाने के लिए हमले किए।

इज़रायल खुद एक परमाणु शक्ति है जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का यह आरोप लगाते हुए विरोध करता रहा है कि वह परमाणु हथियार बनाने को छिपा रहा है। ईरान ने हमेशा यह कहते हुए इस तरह के आरोपों से इनकार किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।

ईरान के खिलाफ इज़राइल की शत्रुता हाल ही में चुनाव के बाद अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन के सत्ता में आने के बाद बढ़ी है। इसने जेसीपीओए में फिर से शामिल होने का इरादा जाहिर किया है जो ईरान को उसके शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है।

इजरायल ने इस समझौते का विरोध किया था और साल 2018 में डोनाल्ड ट्रम्प के वापस हटने और ईरान पर कई एकतरफा प्रतिबंध लगाने के फैसले के पीछे प्रमुख पक्ष के रुप में इसे माना गया था।

इस परिसर में पिछले साल जुलाई में भी हमला किया गया था जब इसके परिसर में एक निर्माणाधीन शेड में विस्फोट की सूचना मिली थी।

पिछले साल एक हमले में नवंबर में अपने शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादे की हत्या के लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था। हाल के दिनों में इस क्षेत्र में दो ईरानी जहाजों पर भी हमला किया गया है।

IRAN
Behrouz Kamalvandi
Natanz
Atomic Energy Organization of Iran
nuclear facility

Related Stories

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान पर विएना वार्ता गंभीर मोड़ पर 

ईरान के नए जनसंख्या क़ानून पर क्यों हो रहा है विवाद, कैसे महिला अधिकारों को करेगा प्रभावित?

2021: अफ़ग़ानिस्तान का अमेरिका को सबक़, ईरान और युद्ध की आशंका

'जितनी जल्दी तालिबान को अफ़ग़ानिस्तान को स्थिर करने में मदद मिलेगी, भारत और पश्चिम के लिए उतना ही बेहतर- एड्रियन लेवी

ईरान की एससीओ सदस्यता एक बेहद बड़ी बात है

ईरान और आईएईए ने ईरान परमाणु कार्यक्रम के निगरानी उपकरणों की मरम्मत को लेकर समझौता किया


बाकी खबरें

  • अनिंदा डे
    मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी
    28 Apr 2022
    मरीन ले पेन को 2017 के चुनावों में मिले मतों में तीन मिलियन मत और जुड़ गए हैं, जो  दर्शाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद धुर-दक्षिणपंथी फिर से सत्ता के कितने क़रीब आ गए थे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे
    28 Apr 2022
    महामारी के भयंकर प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर 100 दिन की 'कोविड ड्यूटी' पूरा करने वाले कर्मचारियों को 'पक्की नौकरी' की बात कही थी। आज के प्रदर्शन में मौजूद सभी कर्मचारियों…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज 3 हज़ार से भी ज्यादा नए मामले सामने आए 
    28 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,303 नए मामले सामने आए हैं | देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 16 हज़ार 980 हो गयी है।
  • aaj hi baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    न्यायिक हस्तक्षेप से रुड़की में धर्म संसद रद्द और जिग्नेश मेवानी पर केस दर केस
    28 Apr 2022
    न्यायपालिका संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में जरूरी हस्तक्षेप करे तो लोकतंत्र पर मंडराते गंभीर खतरों से देश और उसके संविधान को बचाना कठिन नही है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित धर्म-संसदो के…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान
    28 Apr 2022
    आजकल भारत की राजनीति में तीन ही विषय महत्वपूर्ण हैं, या कहें कि महत्वपूर्ण बना दिए गए हैं- जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र। रात-दिन इन्हीं की चर्चा है, प्राइम टाइम बहस है। इन तीनों पर ही मुकुल सरल ने…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License