NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
ट्रंप के दौरे से पहले अमेरिकी सांसदों ने भारत में मानवाधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता के आकलन की मांग की
इन सांसदों ने कहा कि सैकड़ों कश्मीरी अभी भी ‘एहतियातन हिरासत’ में हैं। जिन सांसदों ने यह मांग की है वे खुद को ‘भारत का दीर्घकालिक मित्र’ बताते हैं।
भाषा
13 Feb 2020
jammu and kashmir
साभार : हिंदुस्तान टाइम्स

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले चार प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने कश्मीर में मानवाधिकार हालात और देश में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति का आकलन करने की मांग उठाई और कहा कि सैकड़ों कश्मीरी अभी भी ‘एहतियातन हिरासत’ में हैं। जिन सांसदों ने यह मांग की है वे खुद को ‘भारत का दीर्घकालिक मित्र’ बताते हैं।

सांसदों के द्विदलीय समूह ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को भेजे पत्र में कहा है कि किसी भी लोकतंत्र में सर्वाधिक अवधि तक इंटरनेट ठप रहने की घटना भारत में हुई है, इससे 70 लाख लोगों तक चिकित्सा, कारोबार तथा शिक्षा की उपलब्धता बाधित हुई है।

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा हालात का जायजा लेने के बाद घाटी में इंटरनेट चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जा रहा है।

सांसदों ने पत्र में लिखा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर की स्वायत्ता एकतरफा तरीके से खत्म करने के छह महीने बाद भी सरकार ने क्षेत्र में इंटरनेट पर पाबंदी लगा रखी है।

इसमें कहा गया कि महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों समेत सैकड़ों कश्मीरी एहतियाती हिरासत में हैं।

पत्र में क्रिस वान हॉलेन, टोड यंग, रिचर्ड जे डर्बिन और लिंडसे ओ ग्राहम के हस्ताक्षर हैं।

पत्र में लिखा है , ‘‘भारत सरकार ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जो कुछ धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए नुकसानदायक हैं और देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए खतरा पैदा करते हैं। इसमें विवादित संशोधित नागरिकता कानून शामिल है जिसे भारत के उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है।’’

सांसदों ने पत्र में पोम्पियो से अनुरोध किया कि विदेश मंत्रालय भारत में कई मुद्दों का आकलन करे। इसमें राजनीतिक उद्देश्य से सरकार द्वारा लोगों को हिरासत में लेना, उनके साथ बर्ताव, जम्मू-कश्मीर में संचार पर पाबंदी, जम्मू-कश्मीर में प्रवेश और धार्मिक स्वतंत्रताओं पर पाबंदी जैसे मुद्दे शामिल हैं।

ट्रंप 24 एवं 25 फरवरी को भारत दौरे पर आने वाले हैं।

Donald Trump
Narendra modi
US lawmakers
Human Rights
Religious Freedom
Jammu and Kashmir
Article 370
CAA
NRC
Secularism

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License