लखीमपुर खीरी जाते समय हिरासत में ली गईं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अब गिरफ़्तार कर लिया गया है। उनके लिए सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में अस्थाई जेल बनाई गई है। इससे पहले प्रियंका ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आवाज उठाने वाले लोगों के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार का रवैया लगातार हिंसात्मक और दमनकारी है।
कांग्रेस महासचिव ने लखनऊ दौर पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और पूछा कि वह लखीमपुर खीरी उन परिवारों से मिलने क्यों नहीं जा रहे हैं, जिनके बेटों की ‘‘बर्बरतापूर्ण तरीके से हत्या कर दी गई’’ और जहां हेलीकॉप्टर से जाने में यहां से सिर्फ 15 मिनट लगते हैं।
योगी सरकार पर हमला करते हुए प्रियंका ने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान सत्ता में बने रहने के लिए प्रचार और जनसंपर्क पर केन्द्रित है।’’
प्रियंका गांधी ने राज्य के वैश्विक महामारी से निपटने को लेकर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार मददगार बनने के बजाय हमलावर बन गई है ।’’
प्रियंका को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाते वक्त रास्ते में सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया था। वह लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों के मारे जाने के बाद वहां जा रहीं थी। अब उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है। शुरुआती असमंजस के बाद यूपी पुलिस ने स्थिति साफ कर दी है। पुलिस के मुताबिक प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किया गया है। उनके लिए सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में अस्थाई जेल बनाई गई है। प्रियंका गांधी, हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 151, 107, 116 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसान विरोध कर रहे थे। विरोध के बाद लौटते किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई जिससे चार किसानों की मौत हो गई। आरोप है कि किसानों पर यह गाड़ी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने चढ़ाई, जिससे कुचलकर किसानों की मौत हो गई। इस घटना में एक पत्रकार की भी मौत हुई है। इसके अलावा तीन अन्य लोग भी मारे गए। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। लेकिन खबर लिखे जाने तक उनकी गिरफ़्तारी नहीं हुई थी। जिसे लेकर किसानों में गुस्सा है और उन्होंने कल किसान नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में हुआ समझौता मानने से इंकार कर दिया है। इसी को लेकर अभी मतृक किसानों का अंतिम संस्कार भी नहीं किया गया है।
(समाचार एजेंसी भाषा के कुछ इनपुट के साथ)