NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
तुर्की-समर्थक नेता ने उत्तरी साइप्रस में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता
तातार ने राजनीतिज्ञ और लंबे समय तक सत्तासीन वामपंथी राष्ट्रपति मुस्तफा अकिंसी को उपचुनाव में हराया।
पीपल्स डिस्पैच
19 Oct 2020
तुर्की-समर्थक नेता ने उत्तरी साइप्रस में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के सहयोगी एरसिन तातार ने उत्तरी साइप्रस के छोटे अलगाववादी राज्य में राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। देश की आधिकारिक सरकारी मीडिया ने रविवार 18 अक्टूबर को सभी वोटों की गिनती के बाद इसकी घोषणा की। निर्वाचक मंडल के प्रमुख नरीन फेरदी सेफिक के हवाले से कहा गया कि सत्तासीन राष्ट्रपति को हराते हुए तातार को 51.74 प्रतिशत मत प्राप्त हुए, सोशल डेमोक्रेट मुस्तफा अकिंसी को कुल वोट का 48.26 प्रतिशत प्राप्त हुआ। इस चुनाव में कुल मतदान 67.3 प्रतिशत पड़ा था।

तातार एक अति-राष्ट्रवादी दक्षिणपंथी नेता हैं जो साइप्रस में द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन करते हैं जो देश को तुर्की साइप्रसवासी और ग्रीक साइप्रसवासी समुदाय के आधार पर नस्लीय आधार पर विभाजित करता है। दूसरी ओर 72 वर्षीय अकिंसी जिन्हें जीतने की काफी उम्मीद थी और वे यूनाइटेड फेडरल साइप्रसवासी राष्ट्र के समर्थक थे उन्होंने साइप्रस में तुर्की के प्रभाव और हस्तक्षेप का विरोध किया था।

अपनी अप्रत्याशित जीत के बाद अपनी इस जीत का जश्न मनाने के लिए एक भाषण में तातार ने कहा, "हमें मिली मंजूरी के मद्देनज़र हमारे अपने राष्ट्र के लिए दावा करना, अपनी भूमि के लिए दावा करना और तुर्की की गारंटी के लिए दावा करने के लिए सभी विवादों में हमारे अपने लोगों की प्राथमिकता है।" उन्होंने आगे कहा कि "वे हमारे और तुर्की के बीच संबंधों को कभी नहीं तोड़ेंगे।" उन्होंने हमेशा "अपनी तरफ से खड़े" रहने के लिए तुर्की का आभार व्यक्त किया और विपक्ष की निंदा की, जिन्होंने "मातृभूमि (तुर्की) पर चुनाव को राजनीतिक उपकरण में बदलने का आरोप लगाया।" अंत में, उन्होंने साइप्रस के साथ एक समझौते के लिए अपने उदार होने का संकेत दिया, लेकिन जोर देकर कहा कि उत्तरी साइप्रस और साइप्रस के बीच किसी भी समझौते को तुर्की साइप्रसवासियों की स्वतंत्र इच्छा पर आधारित होना चाहिए।
 
वर्ष 1974 के बाद से साइप्रस के इस द्वीप को उस समय नस्लीय आधार पर दो भागों में विभाजित किया गया है जब साइप्रस में इसे ग्रीस का हिस्सा बनाने के लिए एक तख्तापलट के प्रयास ने तुर्की के नेतृत्व में इस द्वीप के उत्तरी भाग पर हमला किया और दक्षिणी भाग में ग्रीक साइप्रसवासी सरकार के गठन के साथ इसे क़ब्ज़ा कर लिया था।  मुख्य रूप से ग्रीस द्वारा समर्थित द टर्किश रिपब्लिकल ऑफ नॉर्दर्न साइप्रस (टीआरएनसी) ने साल 1983 में एकतरफा अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं मिली है और इसे केवल तुर्की से मान्यता प्राप्त है।

Turkey
Recep Tayyip Erdoğan
Ersin Tatar
The Turkish Republic of Northern Cyprus
TRNC
Justice and Development Party

Related Stories

क्या अमेरिका और यूरोप के करीब आ रहा है तुर्की?

तुर्की-यूएई रिश्तों में सुपर ब्लूम के मायने क्या हैं?

मोरक्को की सत्ताधारी पार्टी को संसदीय चुनावों में मिली भारी हार

भीड़ ने तुर्की में सीरियाई शरणार्थियों पर हमला किया

तुर्की और ग्रीस में फैली विनाशकारी जंगल की आग

पश्चिमी गठबंधन के लिए अमेरिका ने फिर हासिल किया तुर्की का समर्थन

लीबिया की अंतरिम सरकार ने तुर्की को देश से अपनी सेना वापस लेने के लिए कहा

हिंदू कुश में यूएस, तुर्की दोनों का फ़ायदा

अमेरिका, तुर्की, आईएसआईएस, अल-क़ायदा और तालिबान मिलकर बनाते हैं एक 'खुशहाल परिवार'!

जॉर्डन में तख़्तापलट की कोशिशों ने छोड़े सबूत


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License