NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
साइप्रस में प्रगतिशील वर्गों ने एकता और शांति के लिए रैली निकाली
राजनीतिक और नस्लीय रूप से विभाजित साइप्रस के दोनों ओर प्रगतिशील वर्ग समुदायों और देश के शांतिपूर्ण पुनःएकीकरण के लिए एक संघीय समाधान के समर्थन में रैलियों का आयोजन कर रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
26 Apr 2021
साइप्रस में प्रगतिशील वर्गों ने एकता और शांति के लिए रैली निकाली

विभाजित साइप्रस के दोनों ओर प्रगतिशील वर्गों ने समुदायों और देश के शांतिपूर्ण पुनःएकीकरण के लिए एक संघीय समाधान का आह्वान करते हुए राजधानी शहर निकोसिया में रैली निकाली। इस रैली में शांति के समर्थक समूहों, प्रगतिशील राजनीतिक दलों और उत्तरी साइप्रस (तुर्की के कब्जे के अधीन) और मूल ग्रीक के प्रभुत्व वाले साइप्रस के युवा/ छात्र समूह शामिल हुए।

शनिवार को दोनों समुदायों द्वारा एक साथ रैलियों का आयोजन ग्रीन लाइन (यूनाइटेड नेशन्स बफर जोन) के दोनों ओर किया गया था। ये लाइऩ राजधानी निकोसिया और देश को विभाजित करता है।

रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा जल्द ही साइप्रस को लेकर एक अनौपचारिक बैठक करने की संभावना है जिसमें तीन ज़मानती देश तुर्की, ग्रीस और यूके के साथ साइप्रस के दोनों ओर के नेता शामिल होंगे।

ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन जिसने 1878 से 1960तक साइप्रस पर सीधे शासन किया था उसने इस द्वीप में स्वतंत्रता आंदोलन को कमजोर करने के लिए द्वीपवासियों को नस्लीय आधार पर विभाजित करने का प्रयास किया। ब्रिटिश से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भी जातीय तनाव व्याप्त रहा और ग्रीक और तुर्की की सरकारों के समर्थन के साथ ग्रीक और तुर्की दोनों पक्षों में अति-राष्ट्रवादी एक-दूसरे टकराए जिससे 1963-64 में इस द्वीप में जातीय संघर्ष बढ़ गया। बाद में, 1974 में ग्रीक सेना के हस्तक्षेप और तुर्की सेना की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप नस्लीय आधार पर देश का डी-फैक्टो विभाजन हुआ और हजारों साइप्रसवासियों का आंतरिक विस्थापन हुआ। वर्तमान में इस द्वीप का दक्षिणी भाग एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में है जिसे साइप्रस गणराज्य कहा जाता है जबकि द्वीप का उत्तरी भाग तुर्की के कब्जे में है।

भले ही साइप्रस गणराज्य और तर्किश साइप्रस के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हुई हो पर दोनों पक्षों में के अति दक्षिणपंथी, अति-राष्ट्रवादी वर्गों और पक्षों ने बातचीत की प्रगति में रुकावट पैदा की है। दोनों तरफ के प्रगतिशील और वामपंथी तबके राजनीतिक और नस्लीय रूप से विभाजित द्वीप के एकीकरण के लिए एक संघीय समाधान का आह्वान कर रहे हैं, ऐसे में दोनों समुदायों में अतिराष्ट्रवादी वर्ग हैं जिन्हें तुर्की और ग्रीस जैसे देशों से सहायता मिलती है और वे नहीं चाहते हैं कि आपसी सामंजस्य और एकता हो।

britain
Cyprus

Related Stories

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में भारत आ सकते हैं

ब्रिटेन ने यूक्रेन को उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र बनाने के आह्वान को ख़ारिज किया

ब्रिटिश अदालत ने अमेरिका को असांजे के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने की अनुमति दी

विरोध के बीच ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में विवादास्पद पुलिस बिल पारित

साइप्रस संसदीय चुनावों में कन्ज़र्वेटिव ने बढ़त बनाए रखी

दुनिया भर की: ‘किल द बिल’ के नारे के साथ ब्रिटेन में तेज़ हुआ पुलिस की निरंकुशता के ख़िलाफ़ विरोध

यूके सरकार के कमीशन द्वारा देश में प्रणालीगत नस्लवाद को नकारने की सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निंदा की

सरकार ने विदेश से आने वाले लोगों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए 

सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री को निलंबित करने के लिए ब्रिटेन पर दबाव बढ़ा


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License