NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में दिखा CAA/NRC का विरोध, कहीं मेडल तो कहीं डिग्री लेने से इंकार
हाल ही में पुडुचेरी यूनिवर्सिटी, जाधवपुर यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दीक्षांत समारोह में अपना मेडल और डिग्री ना लेकर विरोध दर्ज करवाया है।
सोनिया यादव
26 Dec 2019
convocation

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है और छात्र इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस कानून के विरोध की गूंज विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में भी सुनाई दे रही है। हाल ही में पॉन्डिचेरी यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी और वाराणसी की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कार्यक्रम में अपना मेडल और डिग्री ना लेकर विरोध दर्ज करवाया है।

पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में 24 दिसंबर मंगलवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन था। मुख्य अतिथि राज्यपाल जगदीप धनखड़ थे। इंटरनेशनल रिलेशन की छात्रा देबोस्मिता चौधरी मंच पर पहुंची, उन्होंने मेडल और डिग्री प्राप्त की। इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सीएए की प्रति वहीं मंच पर फाड़ दी। इस दौरान कुलपति, उपकुलपति और रजिस्ट्रार भी मौजूद थे। छात्रा ने चिल्लाते हुए कहा 'हम कागज नहीं दिखाएंगे। इंकलाब जिंदाबाद' और फिर वह नीचे उतर आईं।
image91b40c51-19db-4bd3-b966-c4d81176c741.jpg
छात्रा देबोस्मिता चौधरी ने मीडिया से कहा, 'यह मेरा विरोध करने का तरीका है, सीएए की प्रति फाड़कर मैं विश्वविद्यालय का अनादर नहीं कर रही हूं। अपने पसंदीदा संस्थान से डिग्री लेकर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं। क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून देश के सच्चे नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए बाध्य करता है। मैंने सीएए के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए ऐसा किया है।'

यूनिवर्सिटी के एक अन्य छात्र ए दास ने बताया कि उनके बैच के करीब 25 छात्र अपनी डिग्री लेने के लिए मंच पर नहीं गए। उनका नाम पुकारा गया, लेकिन उन्होंने अपनी डिग्री नहीं ली। इसका कारण नागरिकता संशोधन कानून है और छात्र उसका विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के काफिले को इस दौरान विरोध का सामना भी करना पड़ा। यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और नारे लगाए।

इससे पहले 23 दिसंबर सोमवार को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) का 101वां दीक्षांत समारोह था। इसे संकाय स्तर पर भी आयोजित किया गया था। सभी छात्रों को डिग्रियां बांटी जा रही थी। इसी बीच नागरिकता कानून का विरोध दिखाई दिया। हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स के छात्र रजत सिंह मंच पर गए लेकिन उन्होंने डिग्री नहीं ली। उन्होंने सीएए के विरोध को लेकर बनारस में हुई गिरफ्तारियों के खिलाफ अपनी डिग्री लेने से मना कर दिया।
133471-xwvdblvvif-1577186267.jpeg
रजत ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, 'मेरे कई साथियों को हमारे साथ ही यहां डिग्री लेनी थी लेकिन वह जेल में हैं। उन्हें नागरिकता कानून के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के दौरान पकड़ा गया। उन पर गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। विश्वविद्यालय उनकी रिहाई के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। ऐसे में मैं सब जानते-समझते मैं कैसे डिग्री ले सकता हूं। हमारी मांग है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा किया जाए।'

रजत ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बीएचयू के छात्रों को डराने के लिए फर्जी मुकदमे लगाए हैं। छात्रों ने कोई राष्ट्रविरोधी नारा नहीं लगाया है ना ही कोई हिंसा हुई है। प्रदर्शन में शामिल छात्रों का नारा था, ‘हम देश बचाने निकले हैं, आओ हमारे साथ चलो'।

बता दें कि पुलिस ने 19 दिसंबर को बनारस के बोनियाबाग इलाके से करीब 70 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिस में करीब 16 बीएचयू के छात्र हैं। छात्रों पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने, उपद्रव करने की कोशिश समेत कुल आठ गंभीर धाराएं लगाई हैं। जबकि बीएचयू के छात्रों का कहना है कि हमारे पास प्रदर्शन के तमाम वीडियो और सबुत हैं जो ये साबित करते हैं कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और इसमें किसी प्रकार की कोई हिंसा नहीं हुई थी।
IMG-20191224-WA0033 (1).jpg
गिरफ्तार छात्रों की एकजुटता में बीएचयू के समान विचारधारा वाले छात्रों ने संयुक्त रूप से बीएचयू परिसर में विश्वनाथ मंदिर में बीएचयू के संस्थापक महामना पं मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा के पास अपनी डिग्री, पगड़ी और अंगवस्त्रम रखकर छात्रों की गिरफ्तारी का विरोध किया और सर्वसम्मति से गिरफ्तार छात्रों की रिहाई की मांग की।

गौरतलब है कि बीएचयू और इससे जुड़े कॉलेजों के 51 शिक्षकों ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध किया है। उन्होंने सभी के हस्ताक्षर वाली प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस कानून को आईडिया ऑफ इंडिया और स्वाधीनता आंदोलन के विचारों के खिलाफ बताया। शिक्षकों ने प्रदर्शन करने वाले नागरिकों से अपील किया कि शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रतिरोध दर्ज कराएं। इसके साथ ही शिक्षकों ने पुलिस द्वारा की जा रही हिंसा और दमन को भी गलत बताया और उसकी निंदा की।

इसी कड़ी में पुडुचेरी यूनिवर्सिटी की रबीहा अब्दुर्रहीम ने गोल्ड मेडल लेने से इनकार कर दिया। रबीहा ने आरोप लगाया है कि उन्हें दीक्षांत समारोह में शामिल होने से रोका गया क्योंकि प्रशासन को इस बात का अंदेशा था कि वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने नारे लगा सकती हैं या पुरस्कार लेने से मना कर सकती हैं।
derivative16X91577138321225.jpg
हालांकि यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि हॉल के अंदर उसे नहीं आने देने का कोई सवाल ही नहीं था। हमें नहीं पता कि रबीहा को बाहर जाने के लिए क्यों कहा गया।

इस संबंध में रबीहा अब्दुर्रहीम ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा है- मैंने सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के सपोर्ट में मेडल लेने से इनकार किया है। देशभर में छात्रों के साथ जो रहा है उसके विरोध में मैं अपना गोल्ड मेडल रिजेक्ट करती हूं। मैं उन सभी छात्रों के साथ हूं जो सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मुझे बाहर कर दिया क्योंकि उन्हें डर था कि मैं ऐसा करूंगी।'

गौरतलब है कि देश के सभी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में सीएए और एनआरसी को लेकर छात्र ज़ोरदार विरोध कर रहे हैं, पुलिस की लाठियां खा रहे हैं, गिरफ्तार हो रहे हैं। इसके बावजूद छात्रों का हौसला बुलंद है और वो लगातार में अपने अलग-अलग तरीकों से सीएए के विरोध में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं।

Protest against CAA
NRC
Universities Convocations
BHU
Pondicherry University
Jadhavpur University
Banaras Hindu University
nrc and citizenship act

Related Stories

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बीएचयू : सेंट्रल हिंदू स्कूल के दाख़िले में लॉटरी सिस्टम के ख़िलाफ़ छात्र, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

गरमाने लगा बनारस: किसान आंदोलन के समर्थक छात्रों के खिलाफ FIR, सिंधोरा थाने पर प्रदर्शन

यूपी में पश्चिम से पूरब तक रही भारत बंद की धमक, नज़रबंद किए गए किसान नेता

बीएचयू: यौन हिंसा के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, प्रशासन का असंवेदनशील रवैया!

सीएए : एक और केंद्रीय अधिसूचना द्वारा संविधान का फिर से उल्लंघन

समान नागरिकता की मांग पर देवांगना कलिता, नताशा नरवाल को गिरफ्तार किया गया: पिंजरा तोड़


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License