NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
..उन्हें क्रिसमस भी बर्दाश्त नहीं, जगह-जगह उत्पात, धमकी, तोड़फोड़
जब देश में लोगों को आपसी समझ के साथ एकजुट होने की ज़रूरत होती है, जब जनता कोई त्योहार मना रही होती है, तभी बजरंगदल और कुछ अन्य हिन्दुत्ववादी संगठन जैसे गिरोह सक्रिय हो जाते हैं।
रवि शंकर दुबे
27 Dec 2021
Christmas Day

कहने को तो हिन्दुस्तान एक धर्म निरपेक्ष मुल्क है, यहां की धरती पर सभी धर्मों का समान आदर है, लेकिन पिछले कुछ सालों से धर्म के नाम पर जिस तरह से लोगों को बांटने की कोशिश की गई है, ये साफ बताता है कि बहुसंख्यकों की एक टोली अल्पसंख्यकों को खत्म करने पर अमादा है। जिसका दंश मुसलमानों के बाद अब ईसाईयों को भी झेलना पड़ रहा है।

कुछ ऐसा ही देखने को मिला 25 दिसंबर को.... जब पूरे विश्व के साथ हिन्दुस्तान भी क्रिसमस का जश्न मना रहा था या मनाना चाहता था, तभी कुछ अमर्यादित ताकतों ने अपना आतंक मचाना शुरू कर दिया। मुंह पर रुमाल और हाथों में डंडे लेकर गुंडों ने कई जगह तो सेंटा क्लॉज की पिटाई कर दी और आरोप लगा दिया कि हमारे बच्चों को उपहार देकर अपने धर्म की ओर घसीटा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के आगरा में बजरंग दल और कुछ अन्य हिन्दुत्ववादी संगठनों ने क्रिसमस के मौके पर सेंटा क्लॉज़ का पुतला फूंका, साथ ही धर्म परिवर्तन कराने जैसा आरोप भी लगाया। इन लोगों ने सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि आगरा के एमजी रोड पर बने जॉन्स कॉलेज समेत कई स्कूलों के बाहर सेंटा क्लॉज़ का पुतला जलाया। आपको बता दें कि सेंटा क्लॉज़ को ‘फादर क्रिसमस’ या ‘सेंट निकोलस’ भी कहा जाता है।

राष्ट्रीय बजरंग दल के क्षेत्रीय महासचिव अज्जू चौहान ने आरोप लगाया कि ‘दिसंबर आते ही ईसाई मिशनरी क्रिसमस,  सैंटा क्लॉज और नए साल के नाम पर सक्रिय हो जाते हैं और हमारे बच्चों को सेंटा क्लॉज से उपहार बांटकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करवाते हैं।’

संगठन के एक और सदस्य अवतार सिंह गिल ने दावा किया, ‘हम उन मिशनरियों पर नजर रखेंगे जो झुग्गियों में जाते हैं और हिंदुओं का ईसाई धर्म में धर्मांतरण करते हैं, सदस्य भी उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेंगे।

हिन्दुत्ववादी संगठनों के उपद्रव पर शांति और संघर्ष अनुसंधान के प्रोफेसर अशोक स्वेन ने एक ट्वीट कर तीखी टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि- ‘आगरा में दक्षिणपंथी हिन्दुओं ने सेंटा की जूते से पिटाई के बाद आग लगा दी, ये क्रिसमस मनाने का नया तरीका है, ये एक नए भारत की खोज है’।

वहीं दूसरी ओर ‘सबका साथ सबका विश्वास’ का दंभ भरने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बजरंग दल और हिन्दुत्ववादी संगठनों ने जमकर हंगामा किया। अलग-अलग संगठनों के करीब 30-30 लोगों के ग्रुप चांदमारी पहुंचे और मातृधाम आश्रम के बाहर प्रदर्शन करने लगे, इस दौरान प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं के हाथ में भगवा झंडे और डंडे भी दिखाई दिए। प्रदर्शन के वक्त ईसाइयों के विरोध में जमकर नारेबाज़ी भी की गई, जिसमें सबसे ज्यादा ‘जय श्री राम’ गूंजे, जिससे साफ पता चल रहा था कि एक धर्म पर दूसरे धर्म को हावी करने के इरादे से हिंदुत्व वादी संगठन सक्रिय हुए हैं। हिन्दुत्ववादी संगठन यहीं नहीं रुके उन्होंने धर्मांतरण बंद करो, चर्च मुर्दाबाद, और ईसाई मिशनरी होश में आओ जैसे नारों से भी खूब हंगामा मचाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में हुए इस कारनामे का वीडियो दलित अधिकार कार्यकर्ता डॉ. अनूप श्रमिक ने शेयर किया, जो उस वक्त प्रदर्शन के कारण जाम में फंसे थे।  वीडियो शेयर करते हुए डॉ. अनूप ने कहा कि इस तरह की हरकतों से लोगों में दहशत भर जाती है, ‘’2020 में धर्मांतरण विरोधी कानून पारित होने के बाद ये और ज्यादा बुरा हो गया है’’

मातृधाम आश्रम से जुड़े एक पुजारी आनंद ने कहा कि- यहां किसी का धर्मांतरण नहीं हुआ है, यहां सभी लोग हिन्दू हैं। उन्होंने कहा कि क्रिसमस का कार्यक्रम शाम 4 बजे से शुरू होता है और अगली सुबह तक चलता है, लेकिन प्रदेश में नाईट कर्फ्यू के कारण इसे छोटे पैमाने पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आश्रम के बाहर प्रदर्शन के कारण लोगों में डर का माहौल भर गया है।

दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े कई कट्टरपंथी लोग क्रिसमस के मौके पर गुड़गांव के पटौदी में एक स्कूल में घुस गए और वहां कार्यक्रम में बाधा पहुंचाई, उन्होंने आरोप लगाया था कि वहां ईसाई समुदाय बच्चों का धर्मांतरण करा रहा है।   

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पटौदी के एसएचओ अमित कुमार ने कहा, ‘हमें वीडियो क्लिप से घटना के बारे में पता चला, स्कूल के मालिक ने क्रिसमस के जश्न के लिए कुछ लोगों को परिसर दिया था, कुछ लोग पहुंचे और नारेबाजी की, उन्हें लगा कि धर्म परिवर्तन हो रहा है। स्कूल के मालिक के अनुरोध पर वे चले गए, यह कहते हुए कि यह क्रिसमस का कार्यक्रम था। हमें कोई शिकायत नहीं मिली है।’

मामले का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पटौदी स्कूल के पास में रहने वाले आरपी पांडे स्टेज पर चढ़ जाते हैं और माइक में बोलने लगते हैं, पांडे कहते हें कि ‘हम ईसा मसीह का अनादर नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम इन बच्चों से कहना चाहते हैं आपको भारतीय संस्कृति रक्षा के लिए एक संकल्प लेना होगा और जय श्री राम का जाप करना होगा’।

Another christmas programme disrupted in a marriage palace in Haryana's Kurukshetra district pic.twitter.com/PlQIvAgCjL

— Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) December 25, 2021

उधर अंबाला से भी बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां होली रिमीडर चर्च में दो अज्ञात लोगों ने घुसकर जीसस क्राइस की मूर्ति तोड़ दी, मामले में शिकायत देने के बाद पुलिस का कहना है कि दो लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है, जल्द ही गिरफ्तारी भी कर ली जाएगी।

Naresh, Station House Officer of sadar police station in Ambala, narrates the incident. Cctv footage retrieved by the police shows two unidentified men entering into church premises yesterday midnight and then broke the statues. @ndtv pic.twitter.com/kWyPHMyitc

— Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) December 26, 2021

इसके अलावा असम के कछार में भी क्रिसमस का विरोध किया गया। यहां कुछ लोगों ने क्रिसमस के जश्न में खलल तो नहीं डाला लेकिन वहां मौजूद हिन्दू लड़कों को जश्न में शामिल होने से मना करा गया। मना करने वाले और कोई नहीं बल्कि बजरंग दल से जुड़े लोग ही बताए जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

इन मामलों से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कैसे लोगों के अंदर एक-दूसरे के लिए नफरत पैदा की जा रही है, कैसे लोग दूसरे धर्म और उसे मानने वालों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। कैसे धर्म के नाम पर अधर्म और आतंक फैलाया जा रहा है। लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि सरकार की ओर से ऐसी घटनाओं  को रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं, तो जवाब है कुछ नहीं। यह और भी भयानक है।

Christmas Day
Protest against Christmas
bajrang dal
RSS
Hindutva
Communal Hate
Religion Politics

Related Stories

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!

ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

मनोज मुंतशिर ने फिर उगला मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर, ट्विटर पर पोस्ट किया 'भाषण'


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License