NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सूडान में प्रदर्शनकारियों ने सैन्य नरसंहार की दूसरी बरसी मनाई, न्याय की मांग की
इस मौके पर खार्तूम में सैकड़ों प्रदर्शनकारी धमकियों के बावजूद सड़क पर उतर आए।
पीपल्स डिस्पैच
04 Jun 2021
सूडान में प्रदर्शनकारियों ने सैन्य नरसंहार की दूसरी बरसी मनाई, न्याय की मांग की

2019 में सूडानी सेना द्वारा लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के नरसंहार की दूसरी बरसी के मौके पर गुरुवार 3 जून को सूडान की राजधानी खार्तूम में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे।

प्रदर्शनकारी अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज और बैनर लिए हुए थे। उन्होंने पूरे राजधानी में मार्च किया और कैबिनेट भवन और लोक अभियोजक कार्यालय तक गए।

इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान सूडानीज प्रोफेशनल्स एसोसिएशन रेसिस्टेंस कमेटी द्वारा किया गया था। इसने 2019 में उमर अल-बशीर के दशकों के शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। इस विरोध ने उन्हें सत्ता से हटा दिया था।

सरकार ने सेना मुख्यालय की ओर जाने वाले मुख्य मार्गों को बंद कर दिया था और एक दिन पहले जारी बयान में प्रदर्शनकारियों से दूर रहने का आग्रह किया था।

सैन्य मुख्यालय के बाहर 3 जून 2019 को लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के दौरान इकट्ठा हुई भीड़ राजनीतिक परिवर्तन और नागरिक प्रशासन को सत्ता हस्तांतरण करने की मांग कर रही थी। इस भीड़ पर सेना ने हमला कर दिया था। कम से कम 128 प्रदर्शनकारी मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। दुष्कर्म और प्रताड़ना के भी आरोप लगाए गए थे।

सेना ने पहले ही कई वर्षों शासक रहे उमर अल-बशीर को अपदस्थ कर दिया था जिन्होंने लगभग 30 वर्षों तक देश पर शासन किया था और अपने प्रभुत्व वाले एक ट्रांजिशन अथॉरिटी का गठन किया था।

पीड़ितों के परिवारों ने न्याय की मांग के इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। 3 जून की हत्या के खिलाफ इस घटना के बाद से विरोध प्रदर्शन नियमित रूप से आयोजित किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने इन हत्याओं की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।

सेना ने इस नरसंहार में अपनी संलिप्तता से इनकार किया। बड़े पैमाने पर सार्वजनिक आक्रोश के बाद ट्रांजिशनल सरकार ने 2019 में कार्रवाई की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति नियुक्त की। हालांकि, समिति ने अभी तक अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है।

पिछले महीने सुरक्षा बलों ने इसी तरह के एक विरोध प्रदर्शन पर गोलीबारी की थी जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी।

सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले एक बयान जारी कर कहा कि उनकी सरकार ने नरसंहार के पीड़ितों के लिए न्याय हासिल करने की पूरी कोशिश की है। उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रांजिशनल सरकार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुरक्षा एजेंसियों ने "कभी-कभी न्याय को धीमा कर दिया है और सूचना प्रस्तुत करने में देरी की है" जिसका अभियोजकों को अपनी जांच में आवश्यकता है।" रायटर ने ये खबर प्रकाशित की।

Sudan
Sudan commemorates
2nd anniversary of military massacre

Related Stories

पश्चिम दारफ़ुर में नरसंहार: सूडान की मिलिटरी जुंटा का खनिज समृद्ध भूमि को जनहीन करने का अभियान

सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल

सूडान के बलों ने तख़्तापलट का विरोध कर रहे 100 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया

पड़ताल दुनिया भर कीः गृहयुद्ध में जलता इथोपिया, बुरी अमेरिकी निगाह

ब्लिंकन के 'इंडो-अब्राहमिक समझौते' का हुआ खुलासा

सूडान : 10 लाख से ज़्यादा नागरिक तख़्तापलट के विरोध में सड़कों पर आए

संयुक्त राष्ट्र की सेना के हटते ही सूडान के डारफुर में हिंसा शुरू

सूडान की अंतरिम सरकार ने अमेरिका के साथ "अब्राहम समझौते" पर हस्ताक्षर किया

सूडान और इथियोपिया का सीमा संघर्ष

इथियोपिया और सूडान के अधिकारियों की सीमा-संघर्ष की पृष्ठभूमि में सीमा निर्धारण वार्ता संपन्न


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License