NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
आर्थिक गिरावट को लेकर ट्यूनीशिया में तीसरे दिन भी विरोध जारी, सैकड़ों लोग गिरफ़्तार
ट्यूनीशियन फोरम फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल राइट्स (एफटीडीईएस) के अनुसार, पिछले साल केवल ट्यूनीशिया में 6,500 से अधिक प्रदर्शन हुए थे।
पीपल्स डिस्पैच
19 Jan 2021
आर्थिक गिरावट को लेकर ट्यूनीशिया में तीसरे दिन भी विरोध जारी, सैकड़ों लोग गिरफ़्तार

देश में बिगड़ती आर्थिक स्थिति को लेकर ट्यूनीशिया में विरोध प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन भी जारी है। उधर सरकारी अधिकारियों ने लूटपाट, बर्बरता, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य हिंसक गतिविधियों के लिए 600 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। कई मीडिया संस्थानों ने सोमवार 18 जनवरी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है।

इन रिपोर्टों में ट्यूनीशियाई सुरक्षा बलों द्वारा विरोध प्रदर्शनों को कुचलने में लिए अत्यधिक हिंसक तरीकों के इस्तेमाल करने का भी उल्लेख किया गया। इसको मानवाधिकार संगठनों ने निंदा की है और अधिकारियों से विशेषकर शांतिपूर्ण, निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर संयम बरतने का आग्रह किया है।

आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता खालिद हायूनी के अनुसार 632 लोगों को विभिन्न अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया है। कुछ अधिकारियों के अनुसार अब तक के विरोध प्रदर्शनों के दौरान 1000 से अधिक ट्यूनीशियाई गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए अधिकांश लोग 15 और 25 वर्ष की आयु के हैं।

ट्यूनीशियाई क्रांति की 10 वीं वर्षगांठ के समय में ही हो रहे बड़े पैमाने पर इस विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप देश के पूर्व तानाशाह ज़ीने एल आबिदीन बेन अली को उखाड़ फेंका है। ये प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया है। देश भर के शहरों के गरीब, हाशिए पर मौजूद लोगों, मजदूर वर्ग के इलाकों में भारी विरोध हो रहा है।

प्रदर्शनकारी कथित तौर पर कई सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को लेकर अपने गुस्से और हताशा का इजहार कर रहे हैं जो सरकार की घोर विफलता और इन समस्याओं को हल करने के प्रति स्पष्ट उदासीनता के साथ-साथ लंबे समय से उन्हें प्रभावित कर रहे हैं।

ट्यूनीशिया को अनगिनत आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं में बदतर सरकारी सेवाएं, पिछले साल देश की जीडीपी में 9 प्रतिशत की गिरावट वाली अर्थव्यवस्था, व्यापक बेरोजगारी खासकर युवाओं में जहां हर 3 में से 1 ट्यूनीशियाई बेरोजगार, तेजी से बढ़ती महंगाई जिसने कई खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कई ट्यूनीशियाई लोगों की पहुंच से बाहर कर दिया साथ ही साथ भ्रष्टाचार और सरकारी उत्पीड़न के लंबे समय से जारी मुद्दे शामिल हैं।

ये प्रदर्शनकारी कोरोनावायरस महामारी को नियंत्रित करने और रोकने के लिए लागू किए गए नए चार-दिवसीय लॉकडाउन नियमों की घोषणा के प्रति भी अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं। इस महामारी के प्रकोप के चलते भारी आर्थिक गिरावट सामने आई है।

Tunisia
Tunisia Protest
economic crises
FTDES
Tunisian Forum for Economic and Social Rights

Related Stories

आंदोलन: 27 सितंबर का भारत-बंद ऐतिहासिक होगा, राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस ने दिखाई झलक

किसान आंदोलन को सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन की स्पिरिट से प्रेरणा, परन्तु उसके नकारात्मक अनुभवों से सीख लेनी होगी

ट्यूनीशियाई राज्य समाचार एजेंसी टीएपी के विवादास्पद प्रमुख ने विरोध के बाद इस्तीफा दिया

आर्थिक अधिकारों और राजनीतिक परिवर्तन की मांग करते हुए ट्यूनीशिया के लोगों ने संसद तक रैली निकाली

बढ़ते आर्थिक संकट और पुलिस की बर्बरता को लेकर ट्यूनीशिया में विरोध प्रदर्शन जारी

कोलंबिया के लोग संकट और हिंसा को लेकर सड़कों पर उतरे

रुख़ से उनके रफ़्ता-रफ़्ता परदा उतरता जाए है

ट्यूनीशिया : जनता का बेरोज़गारी, पुलिस हिंसा के ख़िलाफ़ विरोध तेज़

ट्यूनीशिया में श्रमिकों ने लॉकडाउन के समय सरकार से मदद न मिलने पर प्रदर्शन किया

आम हड़ताल से जुड़ी दस अहम बातें


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License